(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1741/2009
नटराज मोबाइल्स प्रा0लि0, स्टेशन रोड, सिविल लाइन्स, झांसी द्वारा डायरेक्टर
बनाम
कल्यान सिंह पुत्र श्री सरनाम सिंह तथा मोहल्ला पिसनारी बाग, राजघाट रोड, जिला ललितपुर
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री आलोक सिन्हा।
प्रत्यर्थी सं0-1 की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
प्रत्यर्थी सं0-2 की ओर से उपस्थित : श्री अरूण सी. सिलवानो।
दिनांक : 22.07.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-129/2008, कल्यान सिंह बनाम महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा लि0 तथा एक अन्य में विद्वान जिला आयोग, ललितपुर द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 07.09.2009 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री आलोक सिन्हा तथा प्रत्यर्थी सं0-2 के विद्वान अधिवक्ता श्री अरूण सी. सिलवानो को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। प्रत्यर्थी सं0-1 के विद्वान अधिवक्ता की मृत्यु पर प्रत्यर्थी सं0-1/परिवादी को कार्यालय द्वारा पंजीकृत डाक के माध्यम से नोटिस प्रेषित की गई, जो कार्यालय आख्या दिनांकित 08.07.2024 के अनुसार वापस प्राप्त नहीं हुई और प्रत्यर्थी सं0-1 की
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ओर से कोई उपस्थित भी नहीं है। अत: प्रत्यर्थी सं0-1 पर तामील की उपधारणा की जाती है।
2. विद्वान जिला आयोग ने परिवाद स्वीकार करते हुए विपक्षी सं0-2 को आदेशित किया है कि वह अंकन 50,000/-रू0 की क्षतिपूर्ति परिवादी को अदा करे।
3. परिवाद के तथ्यों के अनुसार विपक्षीगण ने दिनांक 12.05.2008 को वर्ष 2008 के मॉडल की एक स्कार्पियो जीप बताकर अंकन 6,55,000/-रू0 में परिवादी को विक्रय की, जब परिवादी को बाद में ज्ञात हुआ कि यह जीप पुराने मॉडल की थी और पूर्व में प्रयोग की जा चुकी थी। जीप नई होने का मिथ्या कथन कर परिवादी को विक्रय की गई है, जिसका मूल्य अंकन 3,27,500/-रू0 से अधिक नहीं है। इस प्रकार परिवादी से अंकन 3,27,500/-रू0 अधिक वसूल किए गए हैं, इसी अनुतोष की मांग की गई है।
4. विद्वान जिला आयोग ने सभी पक्षकारों की साक्ष्य पर विचार करने के पश्चात उपरोक्त वर्णित निर्णय/आदेश पारित किया है।
5. अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का यह तर्क है कि प्रश्नगत वाहन वर्ष 2007 का निर्मित था। यद्यपि वाहन को वर्ष 2008 में विक्रय किया गया था, इसलिए बाऊचर में वर्ष 2008 अंकित हो गया था, उनके द्वारा कोई छल नहीं किया गया, परन्तु चूंकि स्वंय लिखित कथन एवं अपील के ज्ञापन के अनुसार वाहन वर्ष 2007 का निर्मित था, जबकि विक्रय करते समय वर्ष 2008 के निर्माण का हवाला दिया गया है, इसलिए स्वंय विपक्षी सं0-2 के लिखित कथन के आधार पर यह तथ्य स्थापित है कि परिवादी को द्वितीय स्तर का
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वाहन विक्रय किया गया और वर्ष 2008 के स्थान पर वर्ष 2007 में निर्मित वाहन विक्रय कर दिया गया, इसलिए विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है। तदनुसार प्रस्तुत अपील निरस्त होने योग्य है।
आदेश
6. प्रस्तुत अपील निरस्त की जाती है।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार(
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-2