Uttar Pradesh

StateCommission

A/1963/2017

M/S Vivan Medical System - Complainant(s)

Versus

Kalawati Daignostic Center - Opp.Party(s)

I.P.S. Chaddha

18 Jul 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1963/2017
( Date of Filing : 01 Nov 2017 )
(Arisen out of Order Dated 18/03/2017 in Case No. C/48/2016 of District Kanshiram Nagar)
 
1. M/S Vivan Medical System
Through its Prop. Girish Khanna House No. 457 Gali No. 17 Block A Ward No. 10 Laxman Vihar Phase II Gurugram Haryana
...........Appellant(s)
Versus
1. Kalawati Daignostic Center
Near Mission Hospital Nadral Gate Kasganj Through its Director Dr. Navin Chandra Gaur
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Rajendra Singh PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 18 Jul 2022
Final Order / Judgement

                                                    (सुरक्षित)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

                                                                               अपील संख्‍या- 1963/2017

 

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, कासगंज द्वारा परिवाद संख्‍या- 48/2016 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 18-03-2017 के विरूद्ध)

 

मैसर्स विवान मेडिकल सिस्‍टम द्वारा इट्स प्रोपराइटर, गिरिश खन्‍ना, हाउस नं० 457, गली नं० 17 ब्‍लाक-ए वार्ड नं०10 लक्ष्‍मी विहार फेस-।। गुड़ग्राम, हरियाणा।

                                                                                         अपीलार्थी

                              बनाम 

कलावती डायग्‍नोस्टिक सेन्‍टर, नियर मिशन हास्पिटल, नदरई गेट कासगंज द्वारा डायरेक्‍टर डा० नवीन चन्‍द्र गौड़।

                                                      .                             प्रत्‍यर्थी

मक्ष:-  

 माननीय श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य

 माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित :  विद्वान अधिवक्‍ता श्री आई०पी०एस० चड्ढा

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित :   कोई उपस्थित नहीं।

 

दिनांक.  28-07-2022

 

माननीय सदस्‍य श्री राजेन्‍द्र सिंह, द्वारा उदघोषित

                                                                                                          निर्णय

     प्रस्‍तुत अपील, परिवाद संख्‍या– 48 सन् 2016 कलावती डायग्‍नोस्टिक सेन्‍टर बनाम मैसर्स विवान मेडिकल सिस्‍टम द्वारा प्रोपराइटर, गिरिश खन्‍ना,  में जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, कासगंज द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 18-03-2017 के विरूद्ध धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अन्‍तर्गत राज्‍य आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत की गयी है।

     

2

       संक्षेप में अपीलार्थी का कथन है कि विद्वान जिला आयोग ने अपीलार्थी पर नोटिस का तामीला पर्याप्‍त मानकर गलती की है क्‍योंकि इस सम्‍बन्‍ध में कोई साक्ष्‍य नहीं था। परिवाद में पक्षकार के असंयोजन का दोष है। विद्वान जिला आयोग यह आंकलन करने में असफल रहे कि दोषयुक्‍त सामान के बारे में अनुतोष निर्माता से प्राप्‍त हो सकता है जो कि Ticitech Medical Solutions Pvt. Ltd Mohali है जिसे परिवाद में पक्षकार नहीं बनाया गया है। विद्वान जिला आयोग यह देखने में असफल रहे कि अपीलार्थी स्‍वच्‍छ हाथों से न्‍यायालय के समक्ष आया है और उसने सदाशय से मशीन का क्षतिग्रस्‍त पिक्‍चर ट्यूब बदल दिया। प्रश्‍नगत सी.टी. स्‍केन मशीन का अधिक समय तक उपयोग किया जा चुका था। इन परिस्थितियों में न तो अपीलार्थी और न ही मैन्‍युफैक्‍चरर्स Ticitech Medical Solutions Pvt. Ltd. नये ट्यूब की कीमत अदा करने के लिए उत्‍तरदायी हैं। विद्वान जिला आयोग ने यह नहीं देखा कि परिवादी द्वारा दिनांक 28-10-2016 को भेजी गयी नोटिस अपीलार्थी के साथ-साथ निर्माता को भी सम्‍बोधित थी फिर भी उसने निर्माता Ticitech Medical Solutions Pvt. Ltd. को पक्षकार नहीं बनाया है। अधिक से अधिक 1,65,521/-रू० प्रत्‍यर्थी पाने योग्‍य है जो उसे दिया जा सकता है और वह भी निर्माता Ticitech Medical Solutions Pvt. Ltd. के द्वारा। विद्वान जिला आयोग ने 6,00,000/-रू० का भुगतान कर त्रुटि कारित की है। अत: ऐसी स्थिति में माननीय राज्‍य आयोग से निवेदन है कि वर्तमान अपील स्‍वीकार करते हुए प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश अपास्‍त किया जाए।

       हमने अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री आई०पी०एस० चड्ढा को सुना तथा पत्रावली का सम्‍यक रूप से परिशीलन किया। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ है।

3

 

हमने पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त साक्ष्‍यों एवं विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश का अवलोकन किया।

     परिवादी ने दिनांक 03 जुलाई 2014 को साईंनाथ ट्रेडर्स के माध्‍यम से परफेक्‍ट इमेजिन सिस्‍टम कानपुर से एक प्रयोग की गयी सी०टी० स्‍केन मशीन खरीदा जो सही हालत में थी। मशीन ने जुलाई 2015 तक सही कार्य किया किन्‍तु अगस्‍त 2015 में मशीन की पिक्‍चर की गुणवत्‍ता में बदलाव आने लगा तथा अगस्‍त 2015 के अंतिम सप्‍ताह में मशीन ने काम करना बन्‍द कर दिया। कानपुर फर्म ने जांच कर यह बताया कि मशीन की ट्यूब खराब हो गयी है। इस ट्यूब की कीमत और मशीन को सही करने का अनुबन्‍ध 6 लाख वैट 5.25 प्रतिशत 31,500/-रू० पर मैसर्स कलावती डायग्‍नोस्टिक सेन्‍टर कासगंज पर तय हुआ। साथ ही यह भी तय हुआ कि 1,00,000/-रू०  में वार्षिक रख-रखाव भी कम्‍पनी करेगी। परिवादी ने दिनांक 28-09-2015 को आर०टी०जी०एस० के माध्‍यम से पैसे भेज दिये। विपक्षी ने टेक्निशियन द्वारा पिक्‍चर ट्यूब बदलवाये और 6,31,500/-रू० का बिल भेज दिया। मशीन ने दिनांक 25-07-2016 तक सही कार्य किया और फिर कार्य करना बन्‍द कर दिया। इस पर परिवादी को बताया गया कि एक छोटा सा पार्ट खराब हो गया है। इसके पश्‍चात दिनां‍क 31-07-2016 को लखनऊ से विपक्षी के कर्मचारी आये और उन्‍होंने कहा कि पार्ट की कीमत 1,20,000/-रू० है और जिस पर परिवादी ने उन्‍हें पोस्‍टडेटेड चेक दिया। सात दिन बाद मशीन ने पुन: काम करना बन्‍द कर दिया। बार-बार मशीन खराब होने पर जब मशीन ठीक नहीं हुयी तब विवश होकर परिवादी ने परिवाद जिला आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत किया।

    

4

 

     समस्‍त तथ्‍यों से स्‍पष्‍ट है कि मशीन अपीलार्थी के माध्‍यम से ली गयी है और अपीलार्थी के माध्‍यम से भुगतान हुआ है अर्थात परिवादी अपीलार्थी का उपभोक्‍ता है। भले ही मशीन में नया ट्यूब पिक्‍चर डाला गया हो। जब अपीलार्थी से पूछा गया कि ट्यूब कुल कितने एक्‍सपोजर के लिए थी तब वे इसका उत्‍तर नहीं दे पाए। नए ट्यूब डालने के कुछ ही दिन बाद मशीन ने पुन: काम करना बन्‍द कर दिया। मशीन को ठीक करने की कीमत 6,31,500/-रू० लगायी गयी और वार्षिक रख-रखाव शुल्‍क के लिए 1,00,000/-रू० लिया गया। विद्वान जिला आयोग ने इन सभी तथ्‍यों को देखने का उपरान्‍त प्रश्‍नगत निर्णय पारित किया।  

     हमने विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश का गहनता से परिशीलन किया और यह पाया कि पिक्‍चर ट्यूब खराब होने पर अपीलार्थी ही सेवा में कमी के लिए उत्‍तरदायी है और इस सम्‍बन्‍ध में विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश उचित और विधि सम्‍मत है जिसमें किसी हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं प्रतीत होती है, तदनुसार प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त किये जाने योग्‍य है।

    

 आदेश

   प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक- 18-03-2017 की पुष्टि की जाती है।

उभय-पक्ष अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।.

   

 

5

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइड पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

(विकास सक्‍सेना)                              (राजेन्‍द्र सिंह)

  सदस्‍य                                               सदस्‍य

 

    निर्णय आज दिनांक- 28-07-2022 को खुले न्‍यायालय में हस्‍ताक्षरित/दिनां‍कित होकर उद्घोषित किया गया।

 

 

(विकास सक्‍सेना)                                               (राजेन्‍द्र सिंह)            

     सदस्‍य                                                           सदस्‍य

 

कृष्‍णा–आशु0

कोर्ट-2

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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