(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-2560/2007
न्यू इण्डिया एश्योरेंस कं0लि0 बनाम कैलाश नाथ पुत्र श्री राम लखन
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
दिनांक: 07.10.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-16/2006, कैलाश नाथ बनाम शाखा प्रबंधक, द न्यू इण्डिया इं0कं0लि0 में विद्वान जिला आयोग, श्रावस्ती द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 31.10.2007 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री नीरज पालीवाल को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/पत्रावली का अवलोकन किया गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रत्यर्थी को नोटिस पंजीकृत डाक से प्रेषित की गई थी, जो कार्यालय आख्या के अनुसार वापस प्राप्त नहीं हुई है, अत: तामील की उपधारणा की जाती है।
2. विद्वान जिला आयोग ने बीमित परिसर में आग लगने के कारण अंकन 50,000/-रू0 बीमा राशि में से 40,000/-रू0 मानसिक प्रताड़ना की मद में, अंकन 3,000/-रू0 शारीरिक कष्ट एवं अंकन 2,000/-रू0 परिवाद व्यय के रूप में अदा करने का आदेश पारित किया है।
3. अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि परिवादी ने कपड़े की दुकान में आग लगने के कारण क्षतिपूर्ति की मांग की है, जबकि बीमा किराना शॉप के लिए किया गया था। कपड़े के व्यापार के लिए कोई बीमा नहीं किया गया था। बीमा पालिसी पत्रावली पर दस्तावेज सं0-20 पर मौजूद है। बीमा क्लेम प्राप्त होने पर बीमा कंपनी द्वारा सर्वेयर की नियुक्ति भी की गई थी। सर्वेयर की रिपोर्ट पत्रावली पर दस्तावेज सं0-21 लगायत 27 पर मौजूद है, इसमें अंकित है कि पालिसी किराना शॉप के लिए जारी की गई है, जबकि बीमा क्लेम कपड़े की क्षति की लिए मांगा गया है, जो बीमा पालिसी के अंतर्गत सुरक्षित नहीं है, इसलिए विद्वान जिला आयोग द्वारा बीमा पालिसी के विवरण के विपरीत धनराशि अदा करने का आदेश पारित किया गया है, जो अपास्त होने और प्रस्तुत अपील स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
4. प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 31.10.2007 अपास्त किया जाता है तथा परिवाद खारिज किया जाता है।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0, कोर्ट-2