Uttar Pradesh

StateCommission

A/2010/1672

M/s Gati Cargo Management Service - Complainant(s)

Versus

Kailash Kumar - Opp.Party(s)

Rohit Verma

31 Oct 2017

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2010/1672
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. M/s Gati Cargo Management Service
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Kailash Kumar
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Sanjay Kumar PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Mahesh Chand MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 31 Oct 2017
Final Order / Judgement

सुरक्षित

 

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

अपील संख्‍या-1672/2010

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, मेरठ द्वारा परिवाद संख्‍या-243/2006 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 25.08.2010 के विरूद्ध)

 

1. मै0 गति कारगो मैनेजमेंट सर्विसेज 149, शारदा पैलेस, दिल्‍ली रोड, मेरठ।

2. मै0 गति लि0 हेड आफिस, 1/7/293 एमजी रोड, सिकन्‍दराबाद, आन्‍ध्र प्रदेश, द्वारा डायरेक्‍टर।

                                      अपीलार्थीगण/विपक्षीगण

बनाम्     

कैलाश कुमार पुत्र प्रधान स्‍व0 हरनाम दास, प्रोपराइटर उत्‍तम वेल्‍डर, 71/1 शास्‍त्री नगर, मेरठ 250004 ।

                                    प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष:-

1. माननीय श्री संजय कुमार, पीठासीन सदस्‍य।

2. माननीय श्री महेश चन्‍द, सदस्‍य।

अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित   : श्री रोहित वर्मा, विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित        : कोई नहीं।

 

दिनांक 21.11.2017

 

मा0 श्री संजय कुमार, पीठासीन सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

यह अपील, परिवाद संख्‍या-243/2006, कैलाश कुमार बनाम मैसर्स गति कारगो व अन्‍य में जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, मेरठ द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 25.08.2010 से क्षुब्‍ध होकर विपक्षीगण/अपीलार्थीगण की ओर से याजित की गयी है, जिसके अन्‍तर्गत जिला फोरम द्वारा निम्‍नवत् आदेश पारित किया गया है :-

'' परिवादी का परिवाद विरूद्ध विपक्षीगण स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि विपक्षीगण इस आदेश से एक माह के अंदर उपरोक्‍तानुसार अंकन-36,278/- रूपये मय 12 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज उक्‍त सामान बुकिंग की तिथि से अंतिम भुगतान की तिथि तक परिवादी को अदा करें। विपक्षीगण अंकन-5000/- रूपये क्षतिपूर्ति एवं अंकन-3000/- रूपये परिवाद व्‍यय भी परिवादी को अदा करें। विपक्षीगण इस आदेश का अनुपालन निर्धारित अवधि में सुनिश्‍चित करें अन्‍यथा परिवादी विपक्षीगण के विरूद्ध धारा-25/27 सी.पी. एक्‍ट 1986 के तहत कार्यवाही करने के लिए स्‍वतंत्र होगा। ''

 अपीलार्थीगण की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री रोहित वर्मा उपस्थित हैं। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। विद्वान अधिवक्‍ता अपीलार्थीगण को विस्‍तार से सुना गया एवं प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश तथा उपलब्‍ध अभिलेखों का गम्‍भीरता से परिशीलन किया गया।

प्रकरण के तथ्‍य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि परिवादी कमीशन लेकर विपक्षीगण की सर्विस द्वारा मांग होने होने पर वेल्डिंग से संबंधित सामान बाहर भिजवाने का कार्य करता है और उक्‍त कमीशन से अपने परिवार का जीवनयापन करता है। दिनांक 30.05.2006 को विपक्षी संख्‍या-1 द्वारा एलआर नं.-405186842 से परिवादी ने सामान कीमत अंकन 41,740/- रूपये का मै0 बजाज हिन्‍दुस्‍तान लि0 पाली कलां लखीमपुर खीरी उ0प्र0 को भिजवाया था। सामान प्राप्‍तकर्ता ने सामान प्राप्ति, जांच एवं गिनती के पश्‍चात सामान कम पाया, जिसकी सूचना दिनांक 08.06.2006 व 13.06.2006 को उसने परिवादी को दी, जिस पर परिवादी ने विपक्षी सं0-1 को पत्र दिनांकित 16.06.2006 भेजा और बाद में कहा कि भेजे गये सामान में कम हुए सामान की क्षतिपूर्ति करें, जो अंकन 35,652/- रूपये का था, लेकिन विपक्षीगण ने गुम हुए सामान की कीमत अदा नहीं की, जिससे क्षुब्‍ध होकर प्रश्‍नगत परिवाद जिला फोरम के समक्ष योजित किया गया।

विपक्षीगण की ओर से जिला फोरम के समक्ष परिवाद पत्र का विरोध करते हुए प्रतिवाद पत्र दाखिल किया गया और यह कहा गया कि परिवादी एक व्‍यापारिक फर्म है और व्‍यापार करके लाभ कमा रहा है और परिवादी ने फर्म को पक्षकार नहीं बनाया है, परिवादी उपभोक्‍ता की श्रेणी में नहीं आता है, परिवाद खारिज होने योग्‍य है।

जिला फोरम ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत उपरोक्‍त वर्णित निर्णय एवं आदेश दिनांक 25.08.2010 पारित किया है।

उपरोक्‍त वर्णित निर्णय एवं आदेश से क्षुब्‍ध होकर वर्तमान अपील अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता ने योजित करते हुए यह तर्क प्रस्‍तुत किया है कि परिवादी ने उत्‍तम वेल्‍ड के नाम से सामान बुक किया था। परिवादी एक व्‍यापारिक संस्‍था है, परिवादी ने कहा कि सामान कम था, परन्‍तु सामान की कीमत के सम्‍बन्‍ध में कोई साक्ष्‍य नहीं प्रस्‍तुत किया गया। संजू शर्मा अपीलार्थी के कर्मचारी नहीं है। परिवादी ने इस संबंध में कोई साक्ष्‍य नहीं प्रस्‍तुत किया है। संजू शर्मा का हस्‍ताक्षर बनावटी/फ्राड है। अपीलार्थी एवं परिवादी के बीच कोई संविदा नहीं हुई है। जिला फोरम ने जो आदेश पारित किया है, वह सही एवं उचित नहीं है।

प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।

आधार अपील एवं सम्‍पूर्ण पत्रावली का परिशीलन किया गया, जिससे यह प्रतीत होता है कि परिवादी ने दिनांक 30.05.2006 को मे0 गति कारगो मैनेजमेंट सर्विसेज के द्वारा रू0 41,740/- रूपये का सामान मै0 बजाज हिन्‍दुस्‍तान लि0 पाली कलां लखीमपुर खीरी उ0प्र0 को भेजा था। मै0 बजाज हिन्‍दुस्‍तान लि0 पाली कलां लखीमपुर खीरी द्वारा सामान प्राप्ति की जांच एवं गिनती के पश्‍चात सामान कम पाया, जिसकी सूचना मे0 गति कारगो मैनेजमेंट सर्विसेज को दी गयी। परिवादी/प्रत्‍यर्थी ने सामान के संबंध में जो साक्ष्‍य प्रस्‍तुत किये हैं, उसके आधार पर यह साबित होता है कि परिवादी द्वारा उक्‍त सामान अपीलार्थीगण के माध्‍यम से बुक कराया गया था। अपीलार्थीगण का तर्क है कि संजू शर्मा हमारे कर्मचारी नहीं है तथा उनके हस्‍ताक्षर फर्जी हैं, इस संबंध में संजू शर्मा का कोई शपथपत्र भी पत्रावली में मौजूद नहीं है कि रसीद पर जो हस्‍ताक्षर हैं, वह सही हैं अथवा संजू शर्मा के माध्‍यम से परिवादी के सामान को बुक नहीं किया गया था। परिवादी द्वारा बजाज हिन्‍दुस्‍तान लि0 कम्‍पनी को सामान कम होने के संबंध में पत्र भेजा गया था, जिसका उत्‍तर बजाज हिन्‍दुस्‍तान लि0 कम्‍पनी द्वारा दिनांक 08.06.2006 को कोरियर से भेजा गया रसीद पर कुल 09 आइटम अंकित है, जिसमें 02 नोज गाइड पिन, 2 नोज गाडजेन पिन, 02 नोज वार्म शाफ्ट, 02 नोज स्‍टेनर, 06 नोज ग्‍लैण्‍ड पैकिंग, 04 नोज योकी ऑयलसील, 02 नोज सेंट्रिक, 02 नोज स्‍लीड्स, 01 नोज वार्म व्‍हील भेजा गया था। इस प्रकार परिवादी उत्‍तम वेल्‍डर बजाज हिन्‍दुस्‍तान लि0 का उपभोक्‍ता होना साबित है। परिवादी को कम समान प्राप्‍त कराया गया है, जो अपीलार्थी/विपक्षी की सेवा में कमी होना साबित है। जिला फोरम ने कम प्राप्‍त हुए सामानो का मूल्‍य रू0 35,620/- दिलाने का जो आदेश दिया है, वह सही एवं उचित है। जिला फोरम के निर्णय एवं आदेश में हस्‍तक्षेप करने का कोई औचित्‍य नहीं पाया जाता है। अपीलार्थी की अपील बलहीन होने के कारण निरस्‍त होने योग्‍य है।

आदेश

अपील बलहीन होने के कारण निरस्‍त की जाती है।

पक्षकारान अपना-अपना अपीलीय व्‍यय स्‍वंय वहन करेंगे।

पक्षकारान को इस निर्णय/आदेश की प्रमाणित प्रतिलिपि नियमानुसार उपलब्‍ध करा दी जाये।

 

 

 

   (संजय कुमार)                        (महेश चन्‍द)

            पीठासीन सदस्‍य                             सदस्‍य

 

 

 

लक्ष्‍मन, आशु0, कोर्ट-4

 
 
[HON'BLE MR. Sanjay Kumar]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Mahesh Chand]
MEMBER

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.