Rajasthan

Ajmer

CC/279/2015

MANOJ JAIN - Complainant(s)

Versus

KAIL LTD - Opp.Party(s)

ADV. SK GOYAL

18 Mar 2016

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/279/2015
 
1. MANOJ JAIN
AJMER
...........Complainant(s)
Versus
1. KAIL LTD
AJMER
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  Vinay Kumar Goswami PRESIDENT
  Naveen Kumar MEMBER
  Jyoti Dosi MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

जिला    मंच,      उपभोक्ता     संरक्षण,         अजमेर

1.   श्री मनोज जैन पुत्र स्व. श्री  कैलाष चन्द जैन, आयु - 48 वर्ष
2.   श्रीमति मीनू जैन उर्फ हेमलता जैन पत्नी श्री मनोज जैन, आयु - 45 वर्ष
3.   श्रीमति चन्द्रमुखी जैन पत्नी स्व. श्री  कैलाष चन्द जैन, आयु - 70 वर्ष
समस्त निवासीगण - मदनगोपाल रोड, सेन्ट एन्सलम स्कूल के सामने, केसरगंज, अजमेर ।                
                                                प्रार्थीगण
                            बनाम

1-  KAIL Ltd.  tfj, Chairman Cum Managing Director, Auto Cars Compound, Adalat Road, Aurangabad - 431105(Maharashtra)(India)

 

 2-  M/s  Tek Care India Pvt. tfj, Director 15 Km. Stone , Aurangabad Paithan  Road , Village- Chitegaon, Taluka- Paithan   Aurangabad -431105(Maharashtra)(India)

     

3-   Surana Associates  Kesar Ganj, Ajmer (Rajasthan)- 305001

4.   सत्यवीर सिंह टेक केयर इण्डिया प्राईवेट लिमिटेड,  बी-145,  रोड नम्बर 9, विष्वकर्मा इण्डस्ट्रियल एरिया, जयपुर (राजस्थान) मोबाईल  नं. 8003991301

5.    अष्वनी वर्मा, लक्ष्य सर्विस सागर विहार काॅलोनी, सिगमा हाॅस्पिटल के पास, वैषाली नगर, अजमेर (राजस्थान) मोबाईल नं. 9799199630(उपभोक्तागण की प्रार्थना पर जरिए आदेष दिनांक 19.10.2015 के तर्क किया गया । ) 

                                              अप्रार्थीगण 
                 परिवाद संख्या  279/2015
   

                            समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी       अध्यक्ष
                 2. श्रीमती ज्योति डोसी       सदस्या
3. नवीन कुमार               सदस्य


                           उपस्थिति
                  1.श्री एस.के.गोयल, अधिवक्ता, प्रार्थीगण
                  2.श्री विजय स्वामी, अधिवक्ता, अप्रार्थी सं. 1,2, व 4  

                              
मंच द्वारा           :ः- निर्णय:ः-      दिनांकः- 18.03.2016
 
1.           प्रार्थीगण ( जो  इस परिवाद में आगे चलकर उपभोक्तागण कहलाएगे) ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम , 1986 की धारा 12 के अन्तर्गत अप्रार्थी संख्या 1 लगायत 5 (जो  इस परिवाद में आगे चलकर अप्रार्थीगण    कहलाएगे)  के विरूद्व संक्षेप में इस आषय का पेष किया है कि  उन्होने अप्रार्थी संख्या 1 द्वारा निर्मित केल्विनेटर फ्रिज उनके अधिकृत विके्रता अप्रार्थी संख्या 3 से जरिए  इन्वाईस संख्या 150139 दिनंाक 24.4.2015 के रू. 13,300/- में क्रय किया ।  फ्रिज में  कूलिंग नहीं होने, बर्फ नहीं जमने  तथा उसमें रखा सामान षीतल नहीं होने एवं  फ्रिज में बास्केट रखने के नीचे से टूटा हुआ होने की षिकायत  दिनंाक 30.5.2015 को की गई। किन्तु कोई सुनवाई नहीं होने पर अधिवक्ता के जरिए दिनांक 22.6.2015 को नोटिस भी दिया गया । फिर भी  अप्रार्थीगण ने कोई कार्यवाही नहीं की । उपभोक्तागण ने परिवाद पेष करते हुए  अप्रार्थीगण से उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । परिवाद के समर्थन में उपभोक्तागण ने संयुक्त रूप से अपना ष्षपथपत्र प्रस्तुत किया  है । 

2.    उपभोक्तागण द्वारा मंच के समक्ष परिवाद प्रस्तुत किए जाने के पष्चात् सुनवाई के दौरान समय समय पर पारित आदेषो के संदर्भ में यहां यह उल्लेख करना समीचीन होगा कि अप्रार्थीगण को नोटिस जारी किए जाने के पष्चात्  अप्रार्थी संख्या 3 द्वारा दिनांक 16.10.2015 को अपनी उपस्थिति दी गई व उसी दिन जवाब प्रस्तुत करते हुए उपभोक्तागण को कम्पनी द्वारा फ्रिज को बदलवाने की अनुमति दिए जाने व उन्हे अपना फ्रिज  बदलवाकर  ले जाने हेतु कहा गया,  ऐसी स्वीकारोक्ति की गई ।  अप्रार्थीसंख्या 1 ,2व 4  के विरूद्व नोटिस तामील होने के बावजूद उपस्थित नहीं आने पर इनके विरूद्व एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाए जाने के दिनांक 19.10.2015 को आदेष दिए गए । अप्रार्थी संख्या 5 के विरूद्व उपभोक्ता द्वारा कोई अनुतोष नहीं चाहने बाबत् निवेदन किए जाने पर उक्त अप्रार्थी संख्या 5 को तर्क किया गया। कालान्तर  में दिनांक 23.11.2015 को अप्रार्थी संख्या 1,2,4 व 5  की ओर से उनके विरूद्व एक पक्षीय कार्यवाही  निरस्त किए जाने बाबत् प्रार्थना पत्र प्रस्तुत हुआ एवं उनकी ओर से जवाब भी प्रस्तुत किया गया ।  विगत 16.3.2016 की पेषी तक उक्त प्रार्थना पत्र पर बहस नहीं की जाकर पक्षकारों द्वारा की  प्रकरण की अंतिम बहस न्यायहित में सुनी  गई । 
3.    उपभोक्ता के विद्वान अधिवक्ता ने तर्क प्रस्तुत किया है कि विवाद की विषय वस्तु  फ्रिज को बदलने हेतु  इसके संस्थान के मालिक की ओर से बदल कर दिए जाने के लिए लिखित में सहमति प्रदान की जा चुकी है । अतः उक्त फ्रिज बदलवाया जाकर अब तक हुए मानसिक संताप व परिवाद व्यय  बाबत् न्यायोचित आदेष पारित किया जावे । 
4.     विद्वान अधिवक्ता  अप्रार्थीगण (क्रम ंसख्या 1,2व 3)की ओर से तर्क प्रस्तुत किए गए कि हालांकि उपभोक्ता का  फ्रिज  वारण्टी की  सीमा में नहीं था । अतः इसे बदलने के लिए वे जिम्मेदार नहीं है । फिर भी इस संदर्भ में जो संस्थान के मालिक द्वारा लिखित स्वीकारोक्ति दी जा चुकी है, के प्रकाष में मंच  न्यायोचित आदेष पारित कर सकता है । जहां तक मानसिक संताप व परिवाद व्यय दिलवाने जाने का प्रष्न है, इसका कोई औचित्य नहीं है । इस मद में  उपभोक्ता किसी प्रकार का कोई अनुतोष प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है । 

5.    हमने परस्पर तर्क सुन लिए हैं व पत्रावली का समग्र अवलोकन कर लिया है । 

6.    उपलब्ध दस्तावेजों यथा अप्रार्थी संख्या 3 संस्थान से उपभोक्ता द्वारा दिनंाक 24.4.2015 को खरीदे गए केल्विनेटर फ्रिज के बिल की प्रति, उसके द्वारा दिनंाक 30.5.2015 को   फ्रिज खराब होने बाबत् की गई षिकायत,  अधिवक्ता द्वारा दिए गए नोटिस दिनंाक 22.6.2015, रजिस्टर्ड ए.डी. की फोटोप्रतियां प्रस्तुत की है एवं  अप्रार्थी द्वारा दिए गए जवाब के प्रकाष में प्रार्थीगण का उपभोक्ता होना सिद्व पाया जाता है । हालांकि उक्त फ्रिज की वारण्टी में  नहीं होने बाबत् तर्क प्रस्तुत किया गया है, किन्तु अप्रार्थी संख्या 3 द्वारा लिखित में फ्रिज बदलकर दिए जाने की स्थिति को ध्यान में रखते हुए यह सिद्व माना जा  सकता है कि उक्त फ्रिज खरीदेन के बाद इसमें कोई याऩ्ित्रक  खराबी आई व इसी वजह से फ्रिज को अप्रार्थी संख्या 3  द्वारा  बदला जाने का निर्णय लिया गया । फलतः वह सेवा में दोषी के पात्र पाया जाता है । 

7.    चूंकि उपभोक्तागण ने फ्रिज क्रए किए जाने के बाद  इसके खराब होने की षिकायत करते हुए लिखित में भी सूचित किया  है एवं  अधिवक्ता  के माध्यम से अप्रार्थीगण को नेाटिस भी  दिया है ।  अतः  इस दौरान हुए मानसिक संताप व मंच के समक्ष परिवाद दायर  करने जैसी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए उपभोक्तागण को कुछ राषि क्षतिपूर्ति के रूप में भी  दिलाया जाना न्यायोचित है । फलतः उपभोक्तागण का परिवाद अप्रार्थी संख्चया 3 के विरूद्व स्वीकार किए जाने योग्य है एवं आदेष है कि 
                      :ः- आदेष:ः-
8.    (1)   उपभोक्तागण अप्रार्थी  संख्या 3 से जरिए  इन्वाईस संख्या 150139 दिनांक  24.4.2015 के क्रय किए गए केल्विनेटर फ्रिज के बदले उसी मैक व माॅडल का नया त्रुटिरहित  फिज प्राप्त करने के अधिकारी होगें । 
           (2)   उपभोक्तागण  अप्रार्थी संख्या 3 से मानसिक क्षतिपूर्ति के पेटे रू. 2500/- एवं परिवाद व्यय के पेटे रू. 2500/- भी प्राप्त करने के अधिकारी होगें । 
          (3)    क्रम संख्या  2 में वर्णित राषि अप्रार्थी संख्या 3 उपभोक्तागण  को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें   अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से उपभोक्ता के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।
          आदेष दिनांक 18.03.2016 को  लिखाया जाकर सुनाया गया ।

                
(नवीन कुमार )        (श्रीमती ज्योति डोसी)      (विनय कुमार गोस्वामी )
      सदस्य                   सदस्या                      अध्यक्ष    
           
   
                        

 
 
[ Vinay Kumar Goswami]
PRESIDENT
 
[ Naveen Kumar]
MEMBER
 
[ Jyoti Dosi]
MEMBER

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