मौखिक
पुनरीक्षण संख्या-23/2018
एच0डी0एफ0सी0 इरगो जनरल इंश्योरेंस कं0लि0 बनाम श्री कबीर अहमद व अन्य
15.05.2019
पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्ता श्री टी0जे0एस0 मक्कड़ उपस्थित आये। विपक्षीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
मैंने पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्ता के तर्क को सुना है और परिवाद संख्या-02/2015 कबीर अहमद बनाम एच0डी0एफ0सी0 आदि में जिला फोरम, रामपुर द्वारा पारित आक्षेपित आदेश दिनांक 17.08.2017 का अवलोकन किया है।
आक्षेपित आदेश के द्वारा जिला फोरम ने पुनरीक्षणकर्ता द्वारा प्रस्तुत प्रार्थना पत्र वास्ते रिकाल करने आदेश दिनांक 22.09.2016 निरस्त कर दिया है, जिससे क्षुब्ध होकर यह पुनरीक्षण याचिका परिवाद के विपक्षी संख्या-1 ने धारा-17 (1) (बी) उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्तर्गत राज्य आयोग के समक्ष प्रस्तुत की है।
पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि जिला फोरम ने पुनरीक्षणकर्ता के लिखित कथन का अवसर समाप्त करते हुए पुनरीक्षणकर्ता के विरूद्ध एकपक्षीय रूप से परिवाद की कार्यवाही किये जाने का आदेश दिनांक 22.09.2016 को पारित किया है।
पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि पुनरीक्षणकर्ता ने बीमा क्लेम की धनराशि का भुगतान विपक्षी संख्या-2, जो परिवादी के फाइनेंसर हैं, को कर दिया है। इसके साथ ही बीमा क्लेम की धनराशि का भुगतान करने के बाद पुनरीक्षणकर्ता के संज्ञान में पुलिस रिपोर्ट से यह तथ्य आया है कि परिवादी का ट्रक गायब नहीं हुआ है, बल्कि उसने धोखा देकर उसे बेचा है। अत: पुनरीक्षणकर्ता का लिखित कथन पत्रावली में ग्रहण किया जाना आवश्यक है।
मैंने पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्ता के तर्क पर विचार किया है।
माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने राजीव हितेन्द्र पाठक बनाम ए0के0 केरकर के वाद में, जो 2012 (1) सी0पी0आर0 पेज 78 में प्रकाशित है, यह स्पष्ट रूप से मत व्यक्त किया है कि जिला फोरम को अपने पूर्व पारित आदेश को रिकाल करने का अधिकार नहीं है। अत: जिला फोरम ने पुनरीक्षणकर्ता की ओर से प्रस्तुत प्रार्थना पत्र वास्ते रिकाल करने आदेश
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दिनांक 22.09.2016 को निरस्त कर अपने क्षेत्राधिकार के प्रयोग में कोई त्रुटि नहीं की है, परन्तु माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा CIVIL APPEAL No…………….OF 2017 (D.No. 2365 OF 2017) RELIANCE GENERAL INSURANCE CO. LTD AND ANR Vs. M/S MAMPEE TIMBERS AND HARDWARE PVT. LTD AND ANR के वाद में प्रतिपादित सिद्धान्त को दृष्टिगत रखते हुए यह उचित प्रतीत होता है कि पुनरीक्षणकर्ता, जो परिवाद में विपक्षी संख्या-1 है, को अपना लिखित कथन विलम्ब माफी प्रार्थना पत्र के साथ जिला फोरम के समक्ष प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान किया जाये और यदि लिखित कथन विलम्ब माफी प्रार्थना पत्र के साथ जिला फोरम के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है तो जिला फोरम उस पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा CIVIL APPEAL No…………….OF 2017 (D.No. 2365 OF 2017) RELIANCE GENERAL INSURANCE CO. LTD AND ANR Vs. M/S MAMPEE TIMBERS AND HARDWARE PVT. LTD AND ANR के वाद में प्रतिपादित सिद्धान्त को दृष्टिगत रखते हुए विधि के अनुसार आदेश पारित करे।
उपरोक्त विवेचना के आधार पर वर्तमान पुनरीक्षण याचिका अन्तिम रूप से पुनरीक्षणकर्ता को इस छूट के साथ निस्तारित की जाती है कि पुनरीक्षणकर्ता जिला फोरम के समक्ष लिखित कथन विलम्ब माफी प्रार्थना पत्र के साथ प्रस्तुत करने हेतु स्वतंत्र है और यदि उसके द्वारा लिखित कथन इस निर्णय की तिथि से 30 दिन के अन्दर विलम्ब माफी प्रार्थना पत्र के साथ जिला फोरम के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है तो जिला फोरम उस पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा CIVIL APPEAL No…………….OF 2017 (D.No. 2365 OF 2017) RELIANCE GENERAL INSURANCE CO. LTD AND ANR Vs. M/S MAMPEE TIMBERS AND HARDWARE PVT. LTD AND ANR के वाद में प्रतिपादित सिद्धान्त को दृष्टिगत रखते हुए विधि के अनुसार आदेश पारित करे।
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान)
अध्यक्ष
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1