जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम फैजाबाद ।
़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़ ़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़उपस्थितिः-(1) श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष
(2) श्रीमती माया देवी शाक्य, सदस्या
(3) श्री विष्णु उपाध्याय, सदस्य
परिवाद सं0-178/2014
रामकुमार मिश्रा पुत्र स्व0 श्री राम प्रगट मिश्रा निवासी ग्राम रामपुर परेई परगना पश्चिम राठ तहसील बीकापुर जिला फैजाबाद ................ परिवादी
बनाम
के0आर0टी0 ब्रिक फील्ड बछराम चॅंवरढार बीकापुर द्वारा प्रबन्धक रमेश तिवारी निवासी ग्राम अहिरौली सलोनी काशी तिवारी का पुरवा कुचेरा पो0 शेखनपुर तहसील मिल्कीपुर जिला फैजाबाद परगना पश्चिमराठ तहसील बीकापुर जिला फैजाबाद। .............. विपक्षी
निर्णय दि0 31.03.2016
निर्णय
उद्घोषित द्वारा-श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष
परिवादी ने यह परिवाद विपक्षी के विरूद्ध विपक्षी द्वारा जमा करायी गयी रकम मु0 76,000=00 तथा सीमेंट, मिस्त्री, मजदूर मु0 17,900=00 कुल मिलाकर मु0 93,900=00 दिलाये जाने हेतु योजित किया है।
( 2 )
संक्षेप में परिवादी का परिवाद इस प्रकार है कि परिवादी ने के0आर0टी0 ब्रिक फील्ड के प्रबन्धक से 20,000 सीधा खण्जड़ ईंटा लेने का सौदा किया। परिवादी ने पेशगी रकम के तौर पर मु0 76,000=00 (एडवांस) जमा कर दिया और विपक्षी द्वारा परिवादी को यह बताया गया कि आपका ईंटा समय से गिर जायेगा। परिवादी ने मकान निर्माण का कार्य प्रारम्भ कर दिया था विपक्षी द्वारा एक सप्ताह तक ईंटा न पहुॅंचाने पर उनके ईंट भट्ठे पर पुनः गया तो विपक्षी ने आश्वस्त किया कि कल तक ईंट पहुॅंचना शुरू हो जायेगा। परिवादी विश्वास पर वापस चला आया लेकिन विपक्षी द्वारा आश्वासन के बावजूद ईंटा नहीं पहुॅंचाया गया। परिवादी पुनः ईंट भट्ठा के प्रबन्धक के पास गया तो पुनः आश्वासन दिया गया कि ईंटा एक दिन के अन्दर पहुॅंच जायेगा किन्तु ईंटा पुनः नहीं पहुॅंचाया गया। परिवादी मकान का निर्माण शुरू करा दिया था इस कारण दूसरे भट्ठे से ईंट मॅंगाकर निर्माण कराया उनके इस कृत्य से परिवादी का एक दिन का 10 मजदूरों का समय व 03 राजगीर का नुकसान हुआ। परिवादी द्वारा बार-बार विपक्षी से रकम मु0 93,900=00 की माॅंग किया किन्तु किसी भी प्रकार से राशि देने से अंतिम रूप से दि0 16.6.2014 को मना कर दिया। इस प्रकार परिवादी को विवश होकर यह परिवाद योजित करना पड़ा।
विपक्षी को रजिस्टर्ड नोटिस प्रेषित किया गया। विपक्षी ने नोटिस लेने से इन्कार किया है। विपक्षी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ और न ही जवाब प्रेषित किया गया। इसलिए विपक्षी के विरूद्ध एक पक्षीय कार्यवाही की गयी।
मैं परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की बहस सुनी। पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य का अवलोकन किया। विपक्षी से परिवादी ने 20,000 सीधा खण्जड़ ईंटा के लिए सौदा किया और अग्रिम धनराशि मु0 76,000=00 विपक्षी को देकर के रसीदें प्राप्त किया। परिवादी ने अपने मौखिक और दस्तावेजी साक्ष्य से यह साबित किया है कि 20,000 ईंटा सीधा खण्जड़ के लिए मु0 76,000=00 विपक्षी को दिया लेकिन विपक्षी ने संविदा शर्तो के अनुसार परिवादी को ईंट नहीं दिया। इस प्रकार परिवादी विपक्षी से मु0 76,000=00 प्राप्त करने का अधिकारी है।
( 3 )
आदेश
परिवादी का परिवाद विपक्षी के विरूद्ध स्वीकार किया जाता है। विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि मु0 76,000=00 निर्णय एवं आदेश की तिथि से एक
माह के अन्दर परिवादी को अदा करें। यदि उक्त दिये गये समय के अन्दर मु0 76,000=00 की अदायगी विपक्षी नहीं करता है, तो परिवादी विपक्षी से परिवाद योजित करने की तिथि से तारोज वसूली 12 प्रतिशत सालाना साधारण ब्याज प्राप्त करने का अधिकारी होगा। इसके अतिरिक्त परिवादी विपक्षी से मु0 2,000=00 वाद व्यय एवं मु0 3,000=00 मानसिक क्षतिपूर्ति भी प्राप्त करने का अधिकारी होगा।
(विष्णु उपाध्याय) (माया देवी शाक्य) (चन्द्र पाल)
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 31.03.2016 को खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित एवं उद्घोषित किया गया।
(विष्णु उपाध्याय) (माया देवी शाक्य) (चन्द्र पाल)
सदस्य सदस्या अध्यक्ष