Uttar Pradesh

Azamgarh

CC/55/2012

SHYAM DULARI - Complainant(s)

Versus

K.G.S.G.BANK - Opp.Party(s)

PARAS NATH TIWARI

12 Aug 2021

ORDER

 

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।

परिवाद संख्या 55 सन् 2012

प्रस्तुति दिनांक 20.06.2012

                                                                                               निर्णय दिनांक 12.08.2021

श्यामदुलारी पत्नी श्री रामशब्द रस्तोगी निवासी ग्राम- खदेरूपट्टी, पोस्ट- मदियापार, जिला- आजमगढ़ (उoप्रo)

     .........................................................................................परिवादी।

बनाम

     क्षेत्रीय प्रबन्धक काशी गोमती संयुक्त ग्रामीण बैंक दामोदर भवन (निकट चौक) शहर आजमगढ़ (उoप्रo)।      

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उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”

  •  

कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”

परिवादिनी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि उसकी माता स्वर्गीया ठकुरा देवी का विपक्षी के यहाँ खाता संख्या 1152 था। ठकुरा देवी की मृत्यु 20.10.2008 को मनपाडा जिला- थाणे (महाराष्ट्र) में हो गयी। इस प्रकार उक्त खाते में जमा धनराशि प्राप्त करने के लिए परिवादिनी उत्तरदायी है। शाखा प्रबन्धक के परामर्श के अनुरूप उनके अधिवक्ता ओमप्रकाश श्रीवास्तव द्वारा इन्डेम्निटी बांड, शपथ पत्र, लेटर ऑफ डिस्केलमर तैयार करवाकर तथा अन्य वांछित कागजात लेकर जब अक्टूबर 2009 में उसने खाता उपरोक्त में शेष रकम का भुगतान हेतु विपक्षी के यहाँ गयी तो उसे बहका-फुसलाकर उसका भुगतान नहीं किया गया। दिनांक 30.02.2012 को उसके पति रामशब्द रस्तोगी द्वारा विपक्षी को समस्त कागजात संलग्न करते हुए एक पत्र लिखा और कोई सूचना न मिलने पर दिनांक 10.04.2012 को आर.टी.आई. के तहत आवेदन करके दिनांक 31.01.2012 के प्रार्थना पत्र के विषय में जानकारी चाही गयी, लेकिन परिवादिनी को उसकी सूचना नहीं मिली। अतः परिवादिनी को खाते में जमा शेष धनराशि 6735.65 ब्याज सहित दिलवाया जाए तथा मानसिक उत्पीड़न हेतु 50,000/- रुपया एवं वाद खर्च हेतु 5,000/- रुपया विपक्षी से दिलवाया जाए।     

परिवादिनी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादिनी ने 6/1 क्षेत्रीय प्रबन्धक विपक्षी को लिखे गए पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 6/2 आर.टी.आई. के तहत मांगी गयी सूचना सम्बन्धी पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 17/1 बैंक के अधिवक्ता द्वारा प्रस्तुत राय की मूल प्रति, कागज संख्या 17/2व3 इन्डेम्निटी बांड की मूल प्रति, कागज संख्या 17/4ता17/8 नोटोरियल शपथ पत्र, कागज संख्या 17/9 उत्तराधिकार प्रमाण पत्र की मूल प्रति, कागज संख्या 17/10 मृत्यु प्रमाण पत्र की मूल प्रति प्रस्तुत किया है।   

कागज संख्या 19क विपक्षी द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत किया गया है, जिसमें उसने परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया है। अतिरिक्त कथन में उसने यह कहा है कि फोरम को इस मामले की सुनवाई पर क्षेत्राधिकार प्राप्त नहीं है। यदि परिवादिनी नियमानुसार सारी कार्यवाही पूर्ण करके कागजात विपक्षी के यहाँ दे दिया होता तो उसका भुगतान कर दिया जाता, लेकिन परिवादिनी द्वारा कोई भी कानूनी कागजात की कार्यवाही पूर्ण नहीं किया गया और न ही विपक्षी के शाखा में जमा किया। ठकुरा देवी के सारे उत्तराधिकारी द्वारा भुगतान का कोई प्रार्थना पत्र नहीं दिया गया। शिकायतकर्ता द्वारा जानबूझकर विपक्षी से न तो कोई सम्पर्क किया गया और न ही वारिसानों का वैध कागजात बनाकर दाखिल किया गया, बल्कि गलत आधार पर माo न्यायालय के समक्ष परिवाद दाखिल किया गया है, जो कि विधि विरुद्ध है। अतः परिवाद खारिज किया जाए।  

विपक्षी द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

बहस के समय परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता उपस्थित आए। विपक्षी के अधिवक्ता अनुपस्थित रहे। परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया। परिवाद पत्र केवल श्यामदुलारी की ओर से दाखिल किया गया है जबकि परिवार रजिस्टर कागज संख्या 17/9 में मृतक के कुल तीन वारिसान हैं, जिनका नाम श्याम दुलारी, उर्मिला और गुलैचा है। यहाँ इस बात का भी उल्लेख कर देना आवश्यक है कि परिवादिनी ने इस सन्दर्भ में कोई भी प्रलेख प्रस्तुत नहीं किया है जिससे यह परिलक्षित हो कि ठकुरा देवी का खाता विपक्षी के बैंक में था या नहीं यदि था तो उसमें कितना पैसा जमा था। चूंकि परिवादिनी ने ठकुरा देवी के सारे उत्तराधिकारियों को पक्षकार नहीं बनाया है तथा उसके द्वारा बैंक का कोई पासबुक नहीं दिया गया है। ऐसी स्थिति में हमारे विचार से परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं है। 

आदेश

                                                          परिवाद पत्र खारिज किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।

 

 

 

                                                                          गगन कुमार गुप्ता                कृष्ण कुमार सिंह  

                                                        (सदस्य)                             (अध्यक्ष)

 

 

           दिनांक 12.08.2021

                                                  यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।

 

 

                                               गगन कुमार गुप्ता                  कृष्ण कुमार सिंह

                                                                 (सदस्य)                              (अध्यक्ष)

 

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