Uttar Pradesh

StateCommission

A/2001/1451

U. P .State Electricity Board Now U.P. - Complainant(s)

Versus

K. C. Jha - Opp.Party(s)

Isar Husain

27 Mar 2017

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2001/1451
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District )
 
1. U. P .State Electricity Board Now U.P.
a
...........Appellant(s)
Versus
1. K. C. Jha
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Ram Charan Chaudhary PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Sanjay Kumar MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 27 Mar 2017
Final Order / Judgement

मौखिक

 

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

 

अपील संख्‍या-1451/2001

 

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, कानपुर देहात द्वारा परिवाद संख्‍या-713/1999 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 07.06.2001 के विरूद्ध)

 

यू0पी0 स्‍टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड (नाउ यू0पी0 पावर कारपोरेशन लि0) द्वारा जनरल मैनेजर, कानपुर इलेक्ट्रिसिटी सप्‍लाई एडमि‍निस्‍ट्रेशन (केसा) (नाउ कानपुर इलेक्ट्रिक सप्‍लाई कम्‍पनी) (केसको) कानपुर नगर।

 

अपीलकर्ता/विपक्षी

 

बनाम्~

 

के0सी0 झा पुत्र स्‍व0 श्री एस0के0 झा, निवासी 24/105 पटकानुपर, कानपुर।

                                        प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष:-

1. माननीय श्री राम चरन चौधरी, पीठासीन सदस्‍य।

2. माननीय श्री संजय कुमार, सदस्‍य।

अपीलकर्ता की ओर से उपस्थित  : श्री इसार हुसैन, विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित    : कोई नहीं।

दिनांक 27.03.2017

माननीय श्री संजय कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

 

यह अपील, जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, कानपुर देहात द्वारा परिवाद संख्‍या-713/1999 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 07.06.2001 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी है, जिसके अन्‍तर्गत निम्‍नवत् आदेश पारित किया गया है :-

‘’ परिवाद पत्र स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी द्वारा भेजा गया विद्यु‍त बिल मु0 22,347/- का जो दिनांक 17.8.92 से 12.12.97 तक की अवधि का है, एतद्द्वारा निरस्‍त किया जाता है। परिवादी विपक्षी से मु0 10,000/- क्षतिपूर्ति एवं रू0 1,000/- परिवाद व्‍यय भी पाने का अधिकारी है। ‘’

 

-2-

अपीलकर्तागण के विद्वान अधिवक्‍ता श्री इसार हुसैन उपस्थित हैं। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। आयोग के आदेश पत्र दिनांकित 11.04.2014 के मार्जिन पर दिनांक 29.04.2014 की कार्यालय रिपोर्ट अंकित है कि प्रत्‍यर्थी को भेजी गयी नोटिस लेफ्ट की टिप्‍पणी के साथ वापस प्राप्‍त हुई है। अत: प्रत्‍यर्थी पर नोटिस की तामीला पर्याप्‍त माना जाता है। यह अपील वर्ष 2001 से निस्‍तारण हेतु लम्बित है, अत: पीठ द्वारा समीचीन पाया गया कि प्रस्‍तुत अपील का निस्‍तारण गुणदोष के आधार पर कर दिया जाये। तदनुसार विद्वान अधिवक्‍ता अपीलकर्ता को विस्‍तार से सुना गया एवं प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश तथा उपलब्‍ध अभिलेखों का गम्‍भीरता से परिशीलन किया गया।

प्रश्‍नगत प्रकरण के तथ्‍य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि विपक्षी द्वारा निर्गत एक बिल दिनांक 05.03.1991 परिवादी के नाम दिनांक 18.11.1991 से 13.01.1992 तक की अवधि का प्राप्‍त हुआ और पुन: दूसरा बिल रू0 3871/- का मार्च 1991 में परिवादी के नाम प्राप्‍त हुआ। परिवादी ने दिनांक 05.03.1991 को रू0 720/- का भुगतान कर दिया और पुन: दिनांक 16.03.1991 को रू0 1200/- का भुगतान विपक्षी के यहा किया। इस प्रकार परिवादी ने 3744 मीटर रीडिंग से लेकर 4044 तक की मीटर रीडिंग का विद्युत भुगतान विपक्षी के यहां कर दिया। उपरोक्‍त भुगतान के बाद पुन: विपक्षी द्वारा एक दूसरा बिल रू0 7,533.70 का परिवादी के नाम भेजा गया, जिसमें कोई मीटर रीडिंग अंकित नहीं की गयी। परिवादी ने दिनांक 06.03.1992 को रू0 1451/- विपक्षी के यहां पुन: जमा किया। विपक्षी के यहां जमा धनराशि को बिना विचार में लिए विपक्षी द्वारा पुन: एक विद्युत बिल दिनांक 06.05.1992 से 17.08.1992 तक का भेजा गया, जिसमें पिछली मीटर रीडिंग 3600 और वर्तमान रीडिंग 3700 दिखाया गया है। परिवादी ने उपरोक्‍त बिल दिनांक 15.09.1992 को जमा कर दिया। इस प्रकार लगातार विपक्षी द्वारा गलत बिल भेजे जाते रहे, जिसकी शिकायत विपक्षी से किये जाने के बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं की गयी, जिससे क्षुब्‍ध होकर प्रश्‍गनत परिवाद जिला फोरम के समक्ष योजित किया गया।

 

-3-

जिला फोरम के समक्ष विपक्षी ने अपने लिखित कथन में कहा कि परिवादी को नियमानुसार सही बिल भेजे गये हैं। परिवादी ने जानबूझकर सही बिलों का भुगतान नहीं किया है। परिवाद गलत तथ्‍यों पर आधारित है। खारिज होने योग्‍य है।

अपीलकर्ता के विद्वान अधिवक्‍ता को सुना गया तथा पत्रावली का परिशीलन किया गया और आधार अपील का परिशीलन किया गया। पत्रावली का परिशीलन करने के उपरान्‍त हम यह पाते हैं कि जिला फोरम द्वारा जो निर्णय/आदेश पारित किया है वह विधिसम्‍मत है, परन्‍तु जिला फोरम ने रू0 10,000/- रू0 क्षतिपूर्ति एवं रू0 1000/- वाद व्‍यय लगाया गया है, वह विधिसम्‍मत नहीं है, अपास्‍त होने योग्‍य है। तदनुसार अपील आंश‍िक स्‍वीकार होने योग्‍य है।

आदेश

अपील आंशिक स्‍वीकार की जाती है। जिला फोरम, कानपुर देहात द्वारा परिवाद संख्‍या-713/1999 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 07.06.2001 के अन्‍तर्गत आदेशित क्षतिपूर्ति रू0 10,000/- एवं वाद व्‍यय रू0 1,000/- हेतु पारित आदेश अपास्‍त किया जाता है। शेष आदेश की पुष्टि की जाती है।

 

 

 

              (राम चरन चौधरी)                      (संजय कुमार)

                पीठासीन सदस्‍य                              सदस्‍य

 

 

 

लक्ष्‍मन, आशु0,  कोर्ट-2

 

 
 
[HON'BLE MR. Ram Charan Chaudhary]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Sanjay Kumar]
MEMBER

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