(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
अपील संख्या-288/2015
चन्द्र पाल सिंह पुत्र श्रीचन्द निवासी नगला छत्ती सादाबाद, हाथरस
अपीलार्थी/परिवादी
बनाम
के0आर0 आइस एण्ड कोल्ड स्टोरेज नगला हरीकेश, बरौस आगरा हाथरस रोड, सादाबाद, हाथरस द्वारा आनर/ मैनेजर
अपील संख्या-289/2015
ओम प्रकाश पुत्र श्रीचन्द निवासी नगला छत्ती सादाबाद, हाथरस
अपीलार्थी/परिवादी
बनाम
के0आर0 आइस एण्ड कोल्ड स्टोरेज नगला हरीकेश, बरौस, आगरा हाथरस रोड, सादाबाद, हाथरस द्वारा आनर/ मैनेजर
प्रत्यर्थी/विपक्षी
समक्ष:-
1. माननीय श्री राजेन्द्र सिंह, सदस्य।
2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से : श्री नवीन कुमार तिवारी विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से : सुशील कुमार शर्मा विद्वान अधिवक्ता
दिनांक : 02.08.2023
मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
परिवाद संख्या 167/2013 ओम प्रकाश बनाम के0आर0 आइस एण्ड कोल्ड स्टोरेज में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 13.01.2015 के विरूद्ध अपील संख्या 289/2015 प्रस्तुत की गयी तथा परिवाद संख्या 166/2013 चन्द्रपाल सिंह
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बनाम के0आर0 आइस एण्ड कोल्ड स्टोरेज में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 13.01.2015 के विरूद्ध अपील संख्या 288/2015 प्रस्तुत की गयी है।
इन दोनों मामलों में कोल्ड स्टोरेज में आलू रखने तथा उनकी कीमत प्राप्त करने से संबंधित विवाद है। दोनों अपीलों में तथ्य एवं विधि के एक जैसे प्रश्न निहित हैं अत: सुविधा की दृष्टि से एक ही निर्णय पारित किया जा रहा है। निर्णय की एक-एक प्रति दोनों पत्रावलियों में रखी जायेंगी।
दोनों परिवाद के तथ्यों के अनुसार कुल 548 आलू की बोरी रखी गयी जिनकी कुल कीमत रू0-3,60,700/- थी इसी राशि को 24-प्रतिशत ब्याज सहित प्राप्त करने के लिए परिवाद संख्या 166/2013 प्रस्तुत किया गया। इसी प्रकार परिवाद संख्या 167/2013 परिवादी ओम प्रकाश द्वारा कुल 343 आलू की बोरी रखी गयी, जिसकी कीमत रू0-2,18,550/- थी, इस राशि को 24-प्रतिशत ब्याज के साथ प्राप्त करने के लिए उपभोक्ता परिवाद प्रस्तुत किया गया है। जिला उपभोक्ता मंच ने दोनों परिवाद इस आधार पर खारिज कर दिया कि उभय पक्षों के मध्य लेन-देन का विवाद है और आलू सड़ने का कोई सबूत परिवादी प्रस्तुत नहीं कर पाया है।
दोनों अपीलों में उपस्थित श्री नवीन तिवारी का तर्क है कि परिवादी ओम प्रकाश का पुत्र अवयस्क था, इसलिए उसके साथ कोई संविदा कोल्ड स्टोरेज द्वारा नहीं की जा सकती थी और आलू का विक्रय नहीं किया जा सकता था। कोल्ड स्टोरेज के मालिक द्वारा अवैध रूप से आलू विक्रय कर दिया गया। अपील संख्या 288/2015 के संबंध में यह बहस की गयी है कि परिवादी चन्द्र पाल सिंह का पुत्र
जितेन्द्र आलू रखने के दौरान अवयस्क था, इसलिए उससे किसी प्रकार का समझौता/संविदा नहीं किया जा सकता था।
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प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि स्वयं परिवादीगण की सहमति आलू विक्रय किया गया, इसलिए सेवा में कोई कमी नहीं की गयी।
दोनों पक्षकारों को सुनने तथा निर्णय के अवलोकन से यह जाहिर होता है कि जिला उपभोक्ता मंच ने इस बिन्दु पर कोई विचार नहीं किया कि क्या परिवादीगण के अवयस्क पुत्रों के साथ आलू विक्रय करने का कोई संविदा किया जा सकता था या नहीं और अवैधानिक रूप से यह निष्कर्ष दे दिया कि पक्षकारों के मध्य लेन-देन का विवाद है ? कोल्ड स्टोरेज का इस तथ्य से इन्कार नहीं है कि आलू के बोरे शीत गृह में नहीं रखे गये थे चॅूकि आलू के बोरे शीत गृह में रखे गये थे, इसलिए दोनों पक्षकारों के मध्य उपभोक्ता संबंध विद्वमान थे, इसलिए जो आलू रखे गये उसको वापस लौटाने का उत्तरदायित्व कोल्ड स्टोरेज पर था, इसलिए इस विवाद को लेन-देन का विवाद नहीं माना जा सकता। अत: जिला फोरम मंच द्वारा दिया गया निष्कर्ष अवैधानिक है।
आदेश
दोनों अपीलें, अपील संख्या-288/2015 व अपील संख्या-289/2015 स्वीकार की जाती हैं। जिला फोरम मंच द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश अपास्त किया जाता है। प्रकरण जिला उपभोक्ता मंच को इस निर्देश के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि पत्रावली प्राप्त होने पर तीन माह के अन्दर गुणदोष पर दोनों परिवादों का निस्तारण करें। आलू विक्रय करने की किसी संविदा पर जो अवयस्क के साथ करना कहा जाता है कानूनी परिणामों पर स्पष्ट निष्कर्ष दें और तदनुसार इसके बाद आलू की कीमत सुनिश्चित करते हुए शीत गृह द्वारा परिवादी को
उपलब्ध करायी गयी धनराशि यदि कोई हो की कटौती करते हुए अवशेष धनराशि के संबंध में अपना निर्णय पारित करे।
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पक्षकार दिनांक 16 अगस्त 2023 को जिला उपभोक्ता मंच के समक्ष उपस्थित हों। इस आयोग के कार्यालय द्वारा दोनों पत्रावलियॉं निर्णय की प्रतियों के साथ जिला उपभोक्ता मंच को प्रेषित की जायें।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो, तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइड पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य
निर्णय/आदेश आज खुले न्यायालय में हस्क्षरित, दिनांकित होकर उदघोषित किया गया।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य
नवी हुसैन आशु0
कोट नं0-2