Uttar Pradesh

StateCommission

A/2012/2166

Shyama Gupta - Complainant(s)

Versus

K E S Co - Opp.Party(s)

Alok Sinha

29 Nov 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2012/2166
( Date of Filing : 28 Sep 2012 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Shyama Gupta
House No. 30/98 Maheshwari Muhal Kanpur Nagar
...........Appellant(s)
Versus
1. K E S Co
Civil Lines Permat Kanpur Nagar
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 29 Nov 2024
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-2166/2012

Smt. Shyama Gupta W/O Late Shri Hari Kishan Gupta

Versus

Kanpur Electricity Supplya Co. Ltd. & other

समक्ष:-                                                            

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

उपस्थिति:-

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री आलोक सिन्‍हा, विद्धान अधिवक्‍ता

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित: श्री इसार हुसैन, विद्धान अधिवक्‍ता के कनिष्‍ठ

                        अधिवक्‍ता श्री ए0के0 जैदी  

दिनां :29.11.2024 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.        जिला उपभोक्‍ता आयोग, कानपुर नगर द्वारा परिवाद सं0-565/2003 श्रीमती श्‍यामा गुप्‍ता बनाम प्रबन्‍ध निदेशक, कानपुर इलेक्ट्रिकसिटी सप्‍लाई कम्‍पनी लि0 व अन्‍य में पारित प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश दिनांक 20.07.2012 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी अपील पर दोनों पक्षकारों के विद्धान अधिवक्‍तागण को सुना गया। प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। 

2.       परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार परिवादी ने घरेलू प्रयोग के लिए विद्युत कनेक्‍शन सं0 002731 में प्राप्‍त किया। वर्ष 1992 में बिल अंकन 101/-रू0        का भुगतान कर दिया गया। इसके बाद दिसम्‍बर 1997 में विद्युत कनेक्‍शन विच्‍छेदित कर दिया गया। इसके पश्‍चात परिवादिनी का दूसरे से बिजली प्राप्‍त कर अपना कार्य किया और विभाग द्वारा कोई बिल नहीं दिया गया, इसके बाद 1,07,500/-रू0 का बिल प्रेषित किया गया, जबकि केवल 1 किलोवाट विद्युत संयोजन लिया गया है।

3.        विपक्षी का कथन है कि दिनांक 16.01.2004 को परिवादी के विद्युत कनेक्‍शन की जांच की गयी तब यह पाया या कि विद्युत संयोजन मीटर से कटा हुआ है, लेकिन परिवादिनी कटिया के माध्‍यम से विद्युत प्राप्‍त कर रही है। विद्युत संयोजन विच्‍छेदित होने के पश्‍चात कोई राशि जमा नहीं की है। वर्ष 1992 से परिवादिनी पर विद्युत शुल्‍क बकाया है। इसी आधार पर विद्युत बकाया की मांग की जा रही है, जो लिखित कथन प्रस्‍तुत करने तक 1,25,671/-रू0 था। जिला उपभोक्‍ता आयोग ने भी इस तथ्‍य को स्‍थापित माना है कि परिवादिनी पर विद्युत शुल्‍क बकाया है और उसके द्वारा विद्युत का प्रयोग किया जा रहा है।

4.          इस निर्णय एवं आदेश के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी अपील के ज्ञापन में वर्णित तथ्‍यों तथा मौखिक बहस का सार यह है कि विद्युत प्रयोग की कोई रिपोर्ट नहीं लगायी गयी। परिवादिनी किसी दूसरे व्‍यक्ति से विद्युत कनेक्‍शन ले रही थी, इसलिए परिवादिनी पर विद्युत शुल्‍क का मांग पत्र जारी करना अनुचित है। स्‍वयं परिवाद का विवरण एवं मौखिक तर्क सुनने के पश्‍चात यह तथ्‍य स्‍थापित हो जाता है कि परिवादिनी द्वारा अवैध रूप से विद्युत कनेक्‍शन का प्रयोग किया जा रहा है। विद्युत कनेक्‍शन विच्‍छेदित किये जाने के पश्‍चात यदि मौके पर विद्युत कनेक्‍शन का प्रयोग पाया जाता है तब यह चोरी की श्रेणी में आता है। प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज न कराने का कोई विपरीत प्रभाव नहीं है, परंतु परिवादिनी से विद्युत शुल्‍क की वसूली का अधिकार विद्युत विभाग को प्राप्‍त है। अत: विद्युत विभाग न्‍यूनतम शुल्‍क की दर से इस राशि को प्राप्‍त करने के लिए अधिकृत है, परंतु चूंकि नियमित रूप से बिल जारी नहीं किया गया, इसलिए दण्‍ड ब्‍याज अधिरोपित करने के लिए अधिकृत नहीं है। तदनुसार अपील स्‍वीकार होने योग्‍य है तथा परिवाद इस आशय से स्‍वीकार होने योग्‍य है कि विद्युत विभाग परिवादिनी से केवल न्‍यूनतम विद्युत शुल्‍क वसूल किया जाए, जिसमें कोई ब्‍याज या दण्‍ड ब्‍याज शा‍मिल न किया जाए।

आदेश

           अपील स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश अपास्‍त किया जाता है। परिवाद इस प्रकार स्‍वीकार किया जाता है कि विद्युत विभाग द्वारा परिवादिनी से केवल न्‍यूनतम विद्युत शुल्‍क वसूल किया जाए, जिस पर कोई ब्‍याज या दण्‍ड ब्‍याज अधिरोपित न किया जाए।   

          उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।

 आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

         

(सुधा उपाध्‍याय)(सुशील कुमार)

  •  

 

      संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2

  

 

 

 

 

         

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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