(सुरक्षित)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
अपील सं0 :-1464/2009
(जिला उपभोक्ता आयोग, कानपुर नगर द्वारा परिवाद सं0-131/2004 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 27/07/2009 के विरूद्ध)
S.H. Nadari S/O Late Shri Khaliluddin R/O 113/166, Swaroop Nagar Kanpur.
- Appellant
Versus
Managing Director, KESCO Kanpur Nagar.
समक्ष
- मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य
- मा0 श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य
उपस्थिति:
अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता:-श्री आलोक सिन्हा
प्रत्यर्थी की ओर विद्वान अधिवक्ता:- श्री इसार हुसैन
दिनांक:-18.11.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
- यह अपील जिला उपभोक्ता आयोग, जिला उपभोक्ता आयोग, कानपुर नगर द्वारा परिवाद सं0-131/2004 एस.एच. नादरी बनाम प्रबंध निदेशक, केसको में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 27/07/2009 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी है।
- जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवाद इस आधार पर खारिज किया है कि वादी द्वारा ओ0टी0एस0 के तहत संशोधित बिल बनवाने की मांग की थी तथा रीडिंग के अनुसार बिल बनाये जाने का कोई उल्लेख नहीं है।
- इस निर्णय एवं आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गयी कि जिला उपभोक्ता आयोग ने विधि-विरूद्ध निर्णय पारित किया है। अपीलार्थी द्वारा स्थायी विच्छेदन करा लिया गया था। इसके बावजूद भी इन्स्पेक्शन रिपोर्ट के आधार पर विद्युत बिल प्रेषित किया गया, जबकि विद्युत मीटर हटवा लिया गया था, इसलिए परिवादी के विरूद्ध कोई बिल जारी नहीं किया जा सकता।
- स्वयं परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कथन किया है कि परिवादी द्वारा वाणिज्यिक प्रकृति का कनेक्शन प्राप्त किया गया था। वादी का एक्सपोर्ट का कार्य था। इस प्रकार एक्सपोर्ट उद्योग के लिए लिये गये विद्युत कनेक्शन के संबंध में उपभोक्ता विवाद उत्पन्न होना नहीं माना जा सकता।
- जिला उपभोक्ता आयोग ने यह भी निष्कर्ष दिया है कि स्थायी रूप से विद्युत विच्छेदित कराने का आवेदन तथा शुल्क जमा कराने की कोई रसीद प्रस्तुत नहीं की गयी।
- वादी ने जुलाई 2001 को 200/-रू0 का शुल्क पीडी के लिए जमा कराया। इसके पश्चात पीडी का फाइनल बिल 1,45,615/-रू0 प्रेषित किया गया, लेकिन वादी ने भुगतान नहीं किया। इसके बाद ओ0टी0एस0 योजना के अंतर्गत आवेदन प्रस्तुत किया, परंतु इस योजना के अंतर्गत बिल जमा नहीं किया, इसलिए मीटर रीडिंग के अनुसार बिल बनाये जाने का कोई प्रश्न नहीं उठता। जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश पूर्णता विधिसम्मत है। अत: अपील खारिज होने योग्य है।
आदेश
अपील खारिज की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश पुष्ट किया जाता है।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
उभय पक्ष अपीलीय वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट नं0 2