मौखिक
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
अपील संख्या-3741/1999
(जिला उपभोक्ता फोरम, कानपुर देहात द्वारा परिवाद संख्या-253/1999 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 17.11.1999 के विरूद्ध)
1. यूनियन आफ इण्डिया द्वारा सेक्रेटरी, मिनिस्ट्री आफ टेलिकम्यूनिकेशन, नई दिल्ली।
2. हेड पोस्ट मास्टर हेड पोस् आफिस, बारा चौराहा, कानपुर सिटी, कानपुर।
अपीलकर्तागण/विपक्षीगण
बनाम्~
ज्योति मेहरा पुत्री स्व0 श्री श्याम लाल मेहरा, द्वारा मोती लाल गुप्ता, निवासी 30/62 इटावा बाजार, कानपुर सिटी, कानपुर।
प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1. माननीय श्री राम चरन चौधरी, पीठासीन सदस्य।
2. माननीय श्री संजय कुमार, सदस्य।
अपीलकर्ता की ओर से उपस्थित : डा0 उदय वीर सिंह, विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक 24.03.2017
माननीय श्री राम चरन चौधरी, पीठासीन सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
यह अपील, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, कानपुर देहात द्वारा परिवाद संख्या-253/1999 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 17.11.1999 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी है, जिसके अन्तर्गत निम्नवत् आदेश पारित किया गया है :-
‘’ परिवाद पत्र स्वीकार किया जाता है। विपक्षी द्वारा फोरम में दाखिल किये गये मु0 1000/- रूपया का चेक संख्या 002481 दिनांकित 19.5.99 परिवादी को दे दिया जाये। परिवादी विपक्षी से मु0 500/- रूपया क्षतिपूर्ति के रूप में एवं मु0 200/- रूपया परिवाद व्यय के रूप में भी पाने का अधिकारी है जिसका भुगतान परिवादी को निर्णय की तिथि से 30 दिन के अन्दर करेंगे। ‘’
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अपीलकर्तागण के विद्वान अधिवक्ता डा0 उदय वीर सिंह उपस्थित हैं। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रस्तुत प्रकरण में प्रत्यर्थी के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही चल रही है। यह अपील वर्ष 1999 से निस्तारण हेतु लम्बित है, अत: पीठ द्वारा समीचीन पाया गया कि प्रस्तुत अपील का निस्तारण गुणदोष के आधार पर कर दिया जाये। तदनुसार विद्वान अधिवक्ता अपीलकर्ता को विस्तार से सुना गया एवं प्रश्नगत निर्णय/आदेश तथा उपलब्ध अभिलेखों का गम्भीरता से परिशीलन किया गया।
प्रश्नगत प्रकरण के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि परिवादी ने दिनांक 31.01.1994 को दो वी0पी0 पार्सल मुख्य डाकघर कानपुर से मद्रास के लिए श्री आर गोपाल कृष्णन लकी एजेन्सीज 14 वैंकटचेलैया, दुडाली स्ट्रीट पार्क टाउन मद्रास के लिए रजिस्टर्ड पोस्ट द्वारा भेजा। उक्त दोनो पार्सल का बीमा भी करवाया था। दोनों पार्सलों में से एक पार्सल सं0-896 लकी एजेन्सीज मद्रास को प्राप्त हो गया, परन्तु दूसरा पार्सल सं0-895 खुला होने के कारण लकी एजेन्सीज मद्रास लेने से इंकार कर दिया है और उक्त पार्सल दिनांक 17.02.1994 कानुपर वापस आ गया। पार्सल खुला होने के कारण परिवादी ने उसकी खुली डिलीवरी प्राप्त की, जिसमें उसका 800 ग्राम मरल कम पाया गया, जिसकी शिकायत की गयी, परन्तु कोई कार्यवाही नहीं हुई। जिसके कारण प्रश्नगत परिवाद जिला फोरम के समक्ष योजित किया गया।
जिला फोरम के समक्ष विपक्षी ने अपने लिखित कथन में कहा कि प्रश्नगत पार्सल सं0-896 दिनांक 18.02.1994 को मुख्य डाकघर कानपुर से इन्वेंटरी बनाकर परिवादी को खुली डिलेवरी दे दी गयी थी। इस पार्सल में सभी सामान परिवादी को प्राप्त हो गये, अत: परिवादी किसी भी क्षतिपूर्ति पाने का अधिकारी नहीं है। परिवाद खारिज होने योग्य है।
अपीलकर्ता के विद्वान अधिवक्ता को सुना गया तथा पत्रावली का परिशीलन किया गया और आधार अपील का परिशीलन किया गया। पत्रावली का परिशीलन करने के उपरान्त हम यह पाते हैं कि जिला फोरम द्वारा जो निर्णय/आदेश पारित किया है वह विधिसम्मत है, परन्तु जिला फोरम ने अपीलकर्तागण पर जो 500/- रू0 क्षतिपूर्ति एवं
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रू0 200/- वाद व्यय लगाया गया है, वह विधिसम्मत नहीं है, अपास्त होने योग्य है। तदनुसार अपील आंशिक स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
अपील आंशिक स्वीकार की जाती है। जिला फोरम, कानपुर देहात द्वारा परिवाद संख्या-253/1999 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 17.11.1999 के अन्तर्गत आदेशित क्षतिपूर्ति रू0 500/- एवं वाद व्यय रू0 200/- हेतु पारित आदेश अपास्त किया जाता है। शेष आदेश की पुष्टि की जाती है।
(राम चरन चौधरी) (संजय कुमार)
पीठासीन सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0, कोर्ट-2