Rajasthan

Jaipur-I

CC/693/2012

SURARAM SAINI - Complainant(s)

Versus

JVVNL - Opp.Party(s)

SURESH PAREEK

16 Jun 2014

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/693/2012
 
1. SURARAM SAINI
DHANI GAISKAN TEH. VIRAT NAGAR, SAHPURA, DIST JAIPUR
...........Complainant(s)
Versus
1. JVVNL
BHABRU DIST. JAIPUR
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE R.K.Mathur PRESIDENT
 HON'BLE MRS. Seema sharma MEMBER
 HON'BLE MR. O.P. Rajoriya MEMBER
 
For the Complainant:SURESH PAREEK, Advocate
For the Opp. Party:
ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जयपुर प्रथम, जयपुर

समक्ष:    श्री मिथलेश कुमार शर्मा - अध्यक्ष
          श्रीमती सीमा शर्मा - सदस्य
          श्री ओमप्रकाश राजौरिया - सदस्य

परिवाद सॅंख्या: 693/2012
सुराराम सैनी पुत्र महादेव प्रसाद सैनी, निवासी ढाणी गैसकान, तहसील विराटनगर, शाहपुरा जिला जयपुर, राजस्थान Û

                                              परिवादी
               ं     बनाम

1.    कनिष्ठ अभियंता, जयपुर विद्युुत वितरण लिमिटेड, भाबरू, जिला जयपुर, राजस्थान
2.    सहायक अभियंता जयपुर विद्युत वितरण लिमिटेड विराटनगर जिला जयपुर, राजस्थान
3.     अधीशक्ष अभियंता जयपुर विद्युत वितरण लिमिटेड, शाहपुरा जिला जयपुर, राजस्थान
              विपक्षी

अधिवक्तागण :-
श्री सुरेश पारीक - परिवादी
श्री ओम प्रकाश वशिष्ठ - विपक्षी निगम

                             परिवाद प्रस्तुत करने की दिनांक: 04.07.12 

                       आदेश     दिनांक: 30.01.2015

परिवादी ने यह परिवाद इस प्रार्थना के साथ प्रस्तुत किया है कि विपक्षीगण द्वारा जारी माह फरवरी 2012 व अप्रेल 2012 के विद्युत बिलों में अन्य मद में अंकित की गई वी. सी. आर की कार्यवाही को समाप्त किया जावे एवं सही यूनिटों का बिल दिया जावे ।
2. विपक्षी की ओर से उक्त परिवाद का जवाब प्रस्तुत किया गया है जिसमें वर्णित है कि परिवादी का लाॅड बढ़ा हुआ पाया गया था और अधिक लाॅड उपयोग करने के आधार पर परिादी की ओर वी.सी.आर. भरी गई और यह प्रकरण वी .सी.आर. से सम्बन्धित होने के कारण परिवाद खारिज किए जाने की प्रार्थना की गई है ।
3. उपरोक्त तथ्यों पर दोनों पक्षों को सुना गया एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया ।
4. विद्वान अधिवक्ता परिवादी की दलील है कि जो तथ्य परिवाद मंे अंकित किए गए हैं उनका समर्थन परिवादी की ओर से प्रस्तुत शपथ-पत्र व दस्तावेज से होता है और परिवाद स्वीकार करने की दलील दी गई है ।
5. विद्वान अधिवक्ता विपक्षी की दलील है कि जो तथ्य जवाब में वर्णित किए गए हैं उनका समर्थन शपथ-पत्र व प्रस्तुत दस्तावेज से होता है और परिवाद खारिज करने की दलील दी गई है।
6. उपरोक्त दलीलों के संदर्भ में हमने पत्रावली का अवलोकन किया तो पाया कि परिवादी व विपक्षीगण के मध्य मूल विवाद वी.सी.आर भरे जाने के पश्चात देय राशि के विवाद से सम्बन्धित है । अधिक लाॅड का उपयोग करने पर यदि वी.सी.आर. भरी गई है तो इसकी सुनवाई का क्षेत्राधिकार, विद्युत चोरी का प्रकरण होने के कारण, इस मंच को नहीं है और इस प्रकार के प्रकरणों में राज्य सरकार द्वारा विशिष्ठ न्यायालय के गठन भी किए जा चुके हैं जिनको सुनवाई का क्षेत्राधिकार दिया गया है ।

आदेश

अत: वी.सी.आर. से सम्बन्धित प्रकरण होने के कारण इस मंच को सुनवाई का क्षेत्राधिकार नहीं होने से परिवाद खारिज किया जाता है । प्रकरण का खर्चा पक्षकारान अपना-अपना वहन करेंगे ।

 

( ओ.पी.राजौरिया )   (श्रीमती सीमा शर्मा)   (मिथलेश कुमार शर्मा)    
     सदस्य              सदस्य          अध्यक्ष      

निर्णय आज दिनांक 30.01.2015 को लिखाकर सुनाया गया।

 

( ओ.पी.राजौरिया )   (श्रीमती सीमा शर्मा)   (मिथलेश कुमार शर्मा)    
     सदस्य              सदस्य          अध्यक्ष      

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE R.K.Mathur]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. Seema sharma]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. O.P. Rajoriya]
MEMBER

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