Rajasthan

Jaipur-I

CC/290/2012

SATYANARAYAN AGARWAL - Complainant(s)

Versus

JVVNL - Opp.Party(s)

V.D. SHARMA

21 Aug 2014

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जयपुर प्रथम, जयपुर

समक्ष:    श्री राकेश कुमार माथुर - अध्यक्ष
          श्रीमती सीमा शर्मा - सदस्य

          
परिवाद सॅंख्या: 290/2012
सत्यनारायण अग्रवाल पुत्र स्वर्गीय श्री श्याम लाल अग्रवाल, निवासी 18, बन्धु नगर, सीकर रोड़, जयपुर Û

                                              परिवादी
               ं     बनाम

1.    जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड जरिए चैयरमैन, विद्युत भवन, जनपथ, जयपुर Û
2.    सहायक अभियंता, जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, विद्याधर नगर जोन, जयपुर Û
              विपक्षी
अधिवक्तागण :-
श्री वी.डी.शर्मा - परिवादी
श्री ओम प्रकाश वशिष्ठ - विपक्षी

                             परिवाद प्रस्तुत करने की दिनांक: 20.03.12

                       आदेश     दिनांक: 09.04.2015

परिवाद में अंकित तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी की माता ने विपक्षी से एक औद्योगिक विद्युत कनेक्शन ले रखा है जिसका वर्तमान खाता सॅंख्या 05160076 जिसके सम्बन्ध में जारी बिलों का समय-समय पर भुगतान किया जाता रहा है । परिवादी का कथन है कि दिनांक 26.08.2011 को परिवादी की माता के नाम एक नोटिस जारी कर सूचित किया गया कि परिवादी की माता के यहां दिनांक 30.07.2011 को जांच प्रतिवेदन सॅंख्या 12057/47 के तहत सहायक अभियंता सतर्कता दल द्वारा निरीक्षण करने पर अधिक भार का मामला पाया गया और इस सम्बन्ध में 1,33,835/- रूपए 7 दिवस की अवधि में जमा करवाने अन्यथा कनेक्शन विच्छेद करने बाबत कहा गया । परिवादी का कथन है कि वी.सी.आर. की प्रति उपलब्ध करने पर जानकारी हुई कि परिवादी के काम आने वाले भार की जांच किए बिना मनमर्जी के आधार पर 59 एच.पी. का भार होना जाहिर किया एवं किस यंत्र से विद्युत भार ज्ञात किया गया उसका भी वी.सी.आर. में किसी प्रकार का उल्लेख नहीं किया गया है । विपक्षीगण ने परिवादी के अनुसार उसे भुलावे में रख कर गैरकानूनी रूप से 67000/- रूपए 50 प्रतिशत राशि के रूप में वसूल कर लिए । परिवादी का कथन है कि उसे 80 प्रतिशत राशि जमा करवाने हेतु आदेश पारित किए गए । परिवादी ने विपक्षी से आर्थिक क्षति के रूप में 68000/- रूपए तथा मानसिक क्षति के रूप में 25000/- रूपए दिलवाए जाने तथा नोटिस डिमाण्ड दिनांक 26.08.2011 को निरस्त किए जाने का निवेदन किया गया है ।
विपक्षी की ओर से इस आशय का जवाब प्रस्तुत किया गया है कि विद्युत खाता सॅंख्या 015160076 श्रीमती उमरावती देवी के नाम से प्लाट नं. 18 बन्धु नगर, सीकर रोड़ पर एस.आई.पी. औद्योगिक श्रेणी का 23 एच.पी. का विद्युत कनेक्शन स्थापित है तथा उक्त मद में परिवादी द्वारा जो प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया हे उसमें उक्त प्लाट में मैसर्स उमरावती कोटेज इण्डस्ट्रीज की फेक्ट्री का पता दिया हुआ है जिससे यह साबित है कि उपभोक्ता द्वारा विद्युत का उपयोग - उपभोग कर लाभ कमाया जाता है जो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आता है । विपक्षी का कथन है कि इसके अलावा दिनांक 30.07.2011 को विद्युत निगम के निरीक्षण दल द्वारा खाता सॅंख्या 015160076 की जांच की गई तो मौके पर स्वीकृत भार 23 एस.पी. से अधिक भार 59 एच.पी. लगभग 36 एच.पी. अधिक विद्युत भार का उपयोग अनाधिकृत रूप से करता हुआ पाया गया जिस पर सतर्कता जांच प्रतिवेदन सॅंख्या 12057/47 तैयार किया गया और 1,33,835/- रूपए जमा करवाने के लिए नोटिस जारी किया गया और आपत्ति होने पर 7 दिवस में सम्पर्क कर आपत्ति दर्ज करने के लिए कहा गया परन्तु उपभोक्ता द्वारा विपक्षी निगम के कार्यालय में सम्पर्क नहीं किया गया । परिवादी के निवेदन पर उसका प्रकरण समझौता समिति में रखा गया था और उसे 20 प्रतिशत राशि की छूट देने का निर्णय लिया और परिवादी ने निर्णय से सन्तुष्ट होते हुए अपने हस्ताक्षर कर शेष राशि जमा कराने की स्वीकृति दी । इस प्रकार विपक्षी की ओर से किसी प्रकार का सेवादोष कारित नहीं किया गया है । अत: परिवाद पत्र खारिज किया जावे ।
मंच द्वारा विपक्षी अधिवक्ता की बहस सुनी गई एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया । 
प्रस्तुत परिवाद में जिस विद्युत कनेक्शन के लिए विवाद उठाया गया है वह अघरेलू श्रेणी का विद्युत कनेक्शन है । अघरेलू श्रेणी के विद्युत कनेक्शन के सम्बन्ध में माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा 2013 (2) WLC SC सिविल 272 यू.पी.पावर काॅरपोरेशन लि0 एण्ड अदर्स बनाम अनिस अहमद में यह सिद्धान्त प्रतिपादित किया है कि वाणिज्यिक उपयोग के लिए लगाए गए विद्युत कनेक्शन का विवाद उपभोक्ता मंच के क्षेत्राधिकार में नहीं आता है । इसके अलावा परिवादी ने सतर्कता जांच के आधार पर की जा रही वसूली को रूकवाने के लिए परिवाद दायर किया है । विपक्षी की ओर से यह कहा गया है कि परिवादी से जिस राशि की मांग की जा रही है वह सतर्कता जांच दल के प्रतिवेदन क्रमांक 12057/47 दिनंाक 30.07.2011 के आधार पर की जा रही है । ऐसी स्थिति में माननीय उच्चतम न्यायालय के निणर्य 2013 (2)WLC SC सिविल 272 यू.पी.पावर काॅरपोरेशन लि0 एण्ड अदर्स बनाम अनिस अहमद के तहत ऐसे परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार इस मंच को प्राप्त नहीं है तथा ऐसे मामले विद्युत अधिनियम 2003 के तहत गठित विशिष्ठ न्यायालय ही सुन सकते हैं । अत: माननीय उच्चतम न्यायालय के संदर्भित निर्णय के आधार पर यह परिवाद चलने योग्य नहीं होने के आधार पर खारिज किया जाता है । प्रकरण का खर्चा पक्षकारान अपना-अपना वहन करेंगे ।
निर्णय आज दिनांक 09.04.2015 को लिखाकर सुनाया गया।


(श्रीमती सीमा शर्मा)                  (राकेश कुमार माथुर)    
     सदस्य                        अध्यक्ष      

 

 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.