जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जयपुर प्रथम, जयपुर
समक्ष: श्री मिथलेश कुमार शर्मा - अध्यक्ष
श्रीमती सीमा शर्मा - सदस्य
श्री ओमप्रकाश राजौरिया - सदस्य
परिवाद सॅंख्या: 977/2012
माधोलाल शर्मा पुत्र श्री भौरी लाल शर्मा, ग्राम टेकचन्दपुरा, तहसील बस्सी, जिला जयपुर, राजस्थान Û
परिवादी
ं बनाम
1. जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड जरिए सहायक अभियंता बस्सी जिला, जयपुर, राज0
2. मुख्य अभियंता जरिए जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, पता राम मंदिर के पास, स्टेशन रोड़, बनीपार्क, जयपुर (राज0)
विपक्षी
अधिवक्तागण :-
श्री विनोद शर्मा - परिवादी
श्री शरद धाभाई - विपक्षी निगम
परिवाद प्रस्तुत करने की दिनांक: 11.09.12
आदेश दिनांक: 30.01.2015
परिवादी ने यह परिवाद इस प्रार्थना के साथ प्रस्तुत किया है कि विपक्षीगण द्वारा जारी विद्युत बिल दिनांक 25.08.2012 राशि 3189/- रूपए को दुरूस्त करवाया जावे तथा पूर्व में जारी बिलों के अनुसार सही बिल जारी करवाया जावे । साथ में परिवाद में वर्णित मुआवजा दिलवाया जावे ।
2. विपक्षी की ओर से जवाब में यह वर्णित किया गया है कि विद्युत चोरी की राशि सतर्कता जांच रिपोर्ट के आधार पर बिल में जोड़ी गई है जिसमें विपक्षी निगम का कोई सेवादोष नहीं है।अत: परिवाद पत्र खारिज किया जावे ।
3. उपरोक्त तथ्यों पर दोनों पक्षों को सुना गया एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया ।
4. विद्वान अधिवक्ता परिवादी की दलील है कि जो तथ्य परिवाद मंे अंकित किए गए हैं उनका समर्थन परिवादी की ओर से प्रस्तुत शपथ-पत्र व दस्तावेज से होता है और परिवाद स्वीकार करने की दलील दी गई है ।
5. विद्वान अधिवक्ता विपक्षी की दलील है कि जो तथ्य जवाब में वर्णित किए गए हैं उनका समर्थन शपथ-पत्र व प्रस्तुत दस्तावेज से होता है और परिवाद खारिज करने की दलील दी गई है।
6. उपरोक्त दलीलों के संदर्भ में हमने पत्रावली का अवलोकन किया तो पाया कि जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के सतर्कता जांच प्रतिवेदन 15973 दिनंाक 04.06.2012 में यह वर्णित है कि ‘‘ मीटर के पहले सर्विस लाईन को कपतमबज कर के मकान में अवैध विद्युत का उपयोग करता पाया गया । यह विद्युत अधिनियम की धारा 135 के तहत दण्डनीय अपराध है । मौके पर चीवजम लिए । अत: नियमानुसार बींतहपदह की जावे।‘‘
7. उपरोक्त जांच प्रतिवेदन से प्रकरण विद्युत चोरी से सम्बन्धित होना पाया गया है । विद्युत चोरी से सम्बन्धित प्रकरण की सुनवाई का क्षेत्राधिकार, विद्युत चोरी का प्रकरण होने के कारण, इस मंच को नहीं है और इस प्रकार के प्रकरणों में राज्य सरकार द्वारा विशिष्ठ न्यायालय के गठन भी किए जा चुके हैं जिनको सुनवाई का क्षेत्राधिकार दिया गया है ।
आदेश
अत: वी.सी.आर. से सम्बन्धित प्रकरण होने के कारण इस मंच को सुनवाई का क्षेत्राधिकार नहीं होने से परिवाद खारिज किया जाता है । प्रकरण का खर्चा पक्षकारान अपना-अपना वहन करेंगे ।
( ओ.पी.राजौरिया ) (श्रीमती सीमा शर्मा) (मिथलेश कुमार शर्मा)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
निर्णय आज दिनांक 30.01.2015 को लिखाकर सुनाया गया।
( ओ.पी.राजौरिया ) (श्रीमती सीमा शर्मा) (मिथलेश कुमार शर्मा)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष