Rajasthan

Jaipur-I

CC/478/2012

DHASHI RAM - Complainant(s)

Versus

JVVNL - Opp.Party(s)

VIMAL KUMAR

12 Mar 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/478/2012
 
1. DHASHI RAM
SURPURA, DUDU JAIPUR
...........Complainant(s)
Versus
1. JVVNL
JYOTI NAGAR JAIPUR
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE R.K.Mathur PRESIDENT
 HON'BLE MRS. Seema sharma MEMBER
 HON'BLE MR. O.P. Rajoriya MEMBER
 
For the Complainant:VIMAL KUMAR, Advocate
For the Opp. Party: SARA DHABAI, Advocate
ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जयपुर प्रथम, जयपुर

समक्ष:    श्री राकेश कुमार माथुर - अध्यक्ष
          श्रीमती सीमा शर्मा - सदस्य
          श्री ओमप्रकाश राजौरिया - सदस्य

परिवाद सॅंख्या: 478/12
घासीराम पुत्र दयाला, निवासी सुरपुरा, दुदु, जयपुर Û
                                              परिवादी
               ं     बनाम

1.    सहायक अभियंता, जयपुर विद्युत वितरण निगम लि0, दुदु, जयपुरÛ
2.    जयपुर विद्युत वितरण निगम लि0 जरिए प्रबंध निदेशक, विद्युत भवन, ज्योति नगर, जयपुर Û 
              विपक्षी

अधिवक्तागण :-
श्री विमल कुमार शर्मा - परिवादी
श्री शरद धाभाई - विपक्षी
                             परिवाद प्रस्तुत करने की दिनांक: 27.04.12

                       आदेश     दिनांक: 12.03.2015

परिवाद में अंकित तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी ने विपक्षी से एक विद्युत कनेक्शन  मीटर नंबर 240572 ले रखा है । परिवादी का कथन है कि दिसम्बर में बकाया राशि सहित कुल राशि 8349/- रूपए अदा करने पर परिवादी की ओर विपक्षी की कोई राशि बकाया नहीं थी किन्तु उक्त मीटर बाबत 26.03.2012 को जारी किए गए बिल को देख कर परिवादी को काफी हैरानी हुई क्योंकि उसमें बकाया राशि 62,725/- रूपए निकाल कर कुल 63,355/- रूपए का बिल जारी किया गया है । परिवादी का कथन है कि विपक्षी सॅंख्या 1 से सम्पर्क करने पर उक्त राशि में 23000/- रूपए की राशि जमा करवाने के लिए कहा गया अन्यथा कनेक्शन काटने बाबत कहा गया । ऐसी स्थिति में मजबूरीवश 23000/- रूपए परिवादी को जमा करवाने पड़े । परिवादी ने 23000/- रूपए वापिस दिलवाने, मानसिक संता पके 10,000/- रूपए व परिवाद व्यय के 5000/- रूपए दिलवाए जाने का निवेदन किया है ।
विपक्षी की ओर से इस आशय का जवाब प्रस्तुत किया गया है कि उपभोक्ता के परिसर की दिनांक 22.12.2011 को सर्तकता जांच में जांच अधिकारी ने पाया कि उपभोक्ता के मीटर में रीडिंग 82335 है जबकि परिवादी को विद्युत बिल 18270 यूनिट तक ही जारी किए गए हैं इस पर परिवादी की वी.सी.आर सॅंख्या 13084/37 दिनांक 22.12.2011 को भरी गई तथा लेफट पठन 82335-18270 त्र 64065 यूनिट की राशि 60211/- का नोटिस दिनांक 25.02.2012 को जारी किया गया जो राशि वह उपभोक्ता से प्राप्त करने का अधिकारी है । ऐसी स्थिति में बिल में बकाया राशि सही प्रकार से जोड़कर भेजी गई है जिसमें कोई सेवादोष नहीं किया गया है अत: परिवाद खारिज किया जावे।
मंच द्वारा परिवादी अधिवक्ता की बहस सुनी गई एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया । 
परिवादी ने सतर्कता जांच के आधार पर की जा रही वसूली को रूकवाने के लिए परिवाद दायर किया है । विपक्षी की ओर से यह कहा गया है कि परिवादी से जिस राशि की मांग की जा रही है वह सतर्कता जांच दल के प्रतिवेदन क्रमांक 13084/37 दिनंाक 22.12.2011 के आधार पर की जा रही है तथा ऐसी स्थिति में माननीय उच्चतम न्यायालय के निणर्य 2013 (2)ॅस्ब् ;ै ब्द्ध सिविल 272 यू.पी.पावर काॅरपोरेशन लि0 एण्ड अदर्स बनाम अनिस अहमद के तहत ऐसे परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार इस मंच को प्राप्त नहीं है तथा ऐसे मामले विद्युत अधिनियम 2003 के तहत गठित विशिष्ठ न्यायालय ही सुन सकते हैं ।
प्रस्तुत प्रकरण में परिवादी के विरूद्ध विद्युत वितरण निगम के सतर्कता जांच दल ने जांच कर के परिवादी की ओर बकाया राशि निकाली है जिसके लिए राशि की मांग की गई थी । माननीय उच्चतम न्यायालय का निणर्य 2013 (2)ॅस्ब् ;ै ब्द्ध सिविल 272 यू.पी.पावर काॅरपोरेशन लि0 एण्ड अदर्स बनाम अनिस अहमद में निर्धारित कानूनी सिद्धान्त के अनुसार जहां पर परिवादी के विरूद्ध सतर्कता जांच दल द्वारा जांच करके बकाया निकाली गई है वहांॅ पर उपभोक्ता मंच को सुनवाई का क्षेत्राधिकार प्राप्त नहीं है । यदि वी.सी.आर. गलत भरी गई है तो उसकी भी जांच उपभोक्ता मंच द्वारा नहीं की जा सकती है केवल सक्षम न्यायालय द्वारा ही जांच की जा सकती है । परिणामस्वरूप यह परिवाद सारहीन होने के कारण खारिज किया जाता है । प्रकरण का खर्चा पक्षकारान अपना-अपना वहन करेंगे ।                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    
निर्णय आज दिनांक 12.03.2015 को लिखाकर सुनाया गया।


( ओ.पी.राजौरिया )   (श्रीमती सीमा शर्मा)    (राकेश कुमार माथुर)    
     सदस्य              सदस्य          अध्यक्ष      

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE R.K.Mathur]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. Seema sharma]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. O.P. Rajoriya]
MEMBER

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