Rajasthan

Sawai Madhopur

117/2012

Raghu nath Meena - Complainant(s)

Versus

JVVNL Baman vas - Opp.Party(s)

24 Mar 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. 117/2012
 
1. Raghu nath Meena
Gangapur city
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

                                       जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, सवाई माधोपुर
समक्ष:-    श्री कैलाश चन्द्र शर्मा, अध्यक्ष
               श्री सौभाग्यमल जैन, सदस्य
         
परिवाद सं0:-117/2012                                                         परिवाद प्रस्तुति दिनांकः- 19.03.2012
रघुनाथ मीना आयु 50 साल पुत्र जगनलाल मीना जाति मीना निवासी ग्राम सरसाली तहसील बामनवास जिला सवाई माधोपुर।
                                                                                                                             परिवादी
विरुद्ध
1.    जयपुर विधुत वितरण निगम लिमिटेड, जयपुर जरिये अध्यक्ष
2.    जयपुर विधुत वितरण निगम लिमिटेड बामनवास जरिये सहायक अभियन्ता
                                                                                                                            विपक्षीगण
उपस्थिति:-
1.    श्री भानू कुमार सिंहल अधिवक्ता परिवादी
2.    श्री हर्षवर्धन शर्मा अधिवक्ता विपक्षीगण
द्वारा कैलाश चन्द्र शर्मा (अध्यक्ष)                                                                 दिनांक:    24 मार्च, 2015
                                                                   नि  र्ण  य
    परिवादी ने यह परिवाद संक्षेप में इन कथनों के साथ प्रस्तुत किया है कि उसने विपक्षीगण से एक एसआईपी बिजली कनेक्शन जिसका वर्तमान खाता संख्या 21040027 है, ले रखा है। परिवादी ने विपक्षी विभाग द्वारा जारी बिल माह फरवरी 2012 तक के समस्त बिलों की राशि विपक्षी विभाग में जमा करा रखी है। परिवादी के यहंा उक्त विधुत कनेक्शन पर लगा मीटर नम्बर 978301 खराब है। जिसकों बदलने हेतु परिवादी ने करीब एक साल पूर्व विपक्षी संख्या 2 के यहंा शिकायत कर रखी है। जिस पर विपक्षी संख्या 2 ने परिवादी से मीटर कोस्ट 2250 रूपये जमा कराने को  जिसे परिवादी ने जरिये रसीद संख्या 45479/38 दिनांक 20.4.11 को जमा करवा दिये। लेकिन विपक्षीगण द्वारा परिवादी का उक्त मीटर आज दिन तक नही बदला गया है। और अन्दाजे से गलत रीडिंग भरकर परिवादी को विधुत उपभोग के बिल जारी किये जा रहे है जो विपक्षीगण का सेवा दोष है। दिनांक 14.3.12 को विपक्षी विधुत विभाग का कर्मचारी परिवादी के यहंा एक नोटिस क्रमांक 4489 देते हुए परिवादी से कहने लगे कि 20,000 रूपये जमा कराओं, मार्च का महिना है, हमें टारगेट पूरा करना है, नही तो आपका विधुत कनेक्शन काटेगें। परिवादी ने बडी मुश्किल से विपक्षी के कर्मचारी को कनेक्शन काटने से रोका तथा यह कहा कि मैं इस सम्बन्ध में कार्यवाही करूंगा, मुझे समय दो। इस तरह परिवादी के जिम्मे विपक्षी बिजली विभाग परिवादी से नाजायज राशि वसूल करना चाहता है तथा ऐसी राशि जमा न कराने के कारण परिवादी का विधुत सम्बन्ध विच्छेद करने को आमादा है जिसका की विपक्षीगण को कोई अधिकार नहीं है। अतः परिवादी का परिवाद स्वीकार फरमाया जाकर परिवाद में चाहे गये अनुतोष दिलाये जाने का निवेदन किया।
    विपक्षीगण ने परिवाद का जवाब प्रस्तुत कर कथन किया है कि परिवादी के उपर विपक्षी विभाग के 20,000 रूपये बकाया है तथा परिवादी को सही प्रकार से नोटिस दिया गया है। वास्तविकता यह है कि सतर्कता दल जयपुर द्वारा जांच दिनांक 24.2.2012 में पाया गया कि परिवादी द्वारा सीधे ही लाइन से तार जोडकर विधुत चोरी की जा रही है। इस पर परिवादी पर अनाधिकृत विधुत उपभोग की एवज में 20,000 रूपये का जुर्माना लगाया गया है तथा परिवादी को नियमानुसार दिनांक 2.3.12 को नोटिस संख्या 4489 जारी किया गया है। तथा सतर्कता दल द्वारा परिवादी के विरूद्व सही वीसीआर भरी गई है। इस प्रकार परिवादी के विरूद्व विधुत अधिनियम के अन्तर्गत चोरी का मामला बनता है। अतः परिवादी का परिवाद मय हर्जे खर्चे के खारिज फरमाया जावे।
    परिवादी ने परिवाद के समर्थन में स्वयं का शपथ पत्र एवं दस्तावेजी साक्ष्य में बिल माह अक्टुबर व दिसम्बर 2011 एवं बिल माह फरवरी 2012, रसीद संख्या 45479/38, एम सी ओ एवं नोटिस क्रमांक 4489 की फोटो प्रतियां पेश की है जबकि विपक्षीगण ने जवाब के समर्थन में  पी एल महावर का शपथ पत्र एवं दस्तावेजी साक्ष्य में नोटिस च बीसीआर की फोटो प्रतियां पेश की है।
    उभय पक्षकारान की बहस अंतिम सुनी गई। पत्रावली का अध्योपान अध्ययन किया गया।
    प्रस्तुत प्रकरण में विपक्षी द्वारा वीसीआर क्रमांक 40/16061 दिनांक 24.2.12  भरी गई है। जिसमें परिवादी द्वारा भारतीय विधुत अधिनियम 2003 की धारा 135 के तहत विधुत चोरी से सम्बन्धित मामला बताया गया है तथा दण्डनीय अपराध है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय की अपील सं0 5466/2012 यूपी पाॅवर काॅर्पोरेशन लिमिटेड बनाम अन्य बनाम अनीस अहमद निर्णय दिनांक 01जुलाई-2013 के साथ अन्य कई प्रकरणों में विपक्षीगण को यह आदेश दिये कि "Complaint" against assessment under section 126 is not maintainable before the consurmer forum.The commission has already noticed that the offences referred to in Sections 135 to140 can be tried only by a special court constituted under section 153 of the Electricity Act,2003. In that view of the matter also the complaint against any action taken under Sections 135 to 140 of the Electricity Act,2003 is not maintainable before the consumer forum. 
    इस प्रकार उपरोक्त न्यायिक दृष्टान्तों में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अभिनिर्धारित किये गये सिद्धान्तों के अनुसार विधुत चोरी के प्रकरणों को इस मंच में नहीं सुना जा सकता और इस सम्बन्ध में इस जिला मंच को क्षेत्राधिकार प्राप्त नहीं है। ऐसी स्थिति में परिवादी सक्षम न्यायालय में इस सम्बन्ध में कार्यवाही करने के लिये स्वतंत्र होना पाया जाता है । इस आधार पर परिवाद परिवादी विरूद्ध विपक्षीगण निरस्त किये जाने योग्य है । 
    परिवादी ने अपने परिवाद के मद संख्या 2 में विपक्षी संख्या 2 के यहंा दिनांक 20.4.11 को जरिये रसीद संख्या 45479/38 मीटर कोस्ट जमा कराने का कथन किया है। जिसमें मीटर चेन्ज आॅर्डर दिनांक 25.4.11 को जारी करने का कथन है। परिवादी का यह कथन उसके यहंा विधुत मीटर नहीं बदला गया है। विपक्षी द्वारा अपने जवाब में मीटर कोस्ट जमा होने व मीटर बदलने के बाबत किसी प्रकार का कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है। अतः परिवादी मीटर नही बदलने के सेवा दोष के सम्बन्ध में अलग से अपना परिवाद जिला मंच के समक्ष विधि अनुसार दायर करने के लिए स्वतंत्र होगा। परिवाद के लम्बित रहने के दौरान व्यतीत हुआ समय मियाद के बिन्दू पर क्षम्य किये जाने योग्य होगा। पक्षकारान परिवाद व्यय अपना अपना वहन करेगें।

                                                                       आदेश
    अतः उपरोक्त समस्त विवेचन के आधार पर परिवादी का परिवाद खारिज किया जाता है। पक्षकारान अपना अपना परिवाद व्यय स्वयं वहन करेगें।

सौभाग्यमल जैन                                                                                                     कैलाश चन्द्र शर्मा
  सदस्य                                                                                                                       अध्यक्ष  

                         निर्णय आज दिनांक 24.03.2015 को खुले मंच में सुनाया गया।

सौभाग्यमल जैन                                                                                                    कैलाश चन्द्र शर्मा
   सदस्य                                                                                                                    अध्यक्ष
 

 

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