Rajasthan

Sawai Madhopur

03/2015

Mubina - Complainant(s)

Versus

JVVNL AI - Opp.Party(s)

L.R. Singh

26 Feb 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. 03/2015
 
1. Mubina
sawai madhopur
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

                                                           जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, सवाई माधोपुर
समक्ष:-    श्री कैलाश चन्द्र शर्मा, अध्यक्ष
              श्री सौभाग्यमल जैन, सदस्य
         
परिवाद सं0:-03/2015                                                                                       परिवाद प्रस्तुति दिनांकः- 02.01.2015
मुबिना पत्नि अब्दुल रशीद उम्र 60 साल जाति मुसलमान जरिये विष्णु सिंह राठोड प्रबन्धक होटल ग्रीन ब्यु रणथम्भोर रोड सवाई माधोपुर। 
                                                                                                                   परिवादिया
विरुद्ध
सहायक अभियन्ता ए-1 जयपुर डिस्काॅम सवाई माधोपुर, राजस्थान।
                                                                                                                   विपक्षी
उपस्थिति:-
1.    श्री लेखराज सिंह राठौड अधिवक्ता परिवादी 
2.    श्री तोफिक अहमद अधिवक्ता विपक्षी
द्वारा सौभाग्यमल जैन (सदस्य)                                                                          दिनांक:- 26 फरवरी, 2015
                                                                                 नि  र्ण  य
    परिवादिया ने यह परिवाद संक्षेप में इन कथनों के साथ प्रेषित किया है कि उसने विपक्षी से एक विधुत कनेक्शन ले रखा है जिसका खाता संख्या 1611/0578 व मीटर संख्या 09056 है। परिवादिया की 5-7 कमरों की एक छोटी सी होटल है जिसके प्रबन्धक उक्त विधुत कनेक्शन के बिलों को समय समय पर जमा कराता रहा है। आॅफ सीजन में परिवादिया की होटल बन्द रहती है और कम ही विधुत का उपभोग किया जाता है। परिवादिया की होटल में कुल स्वीकृत लोड 24 किलो वाट है परन्तु यूज में केवल 2 से 3 किलो वाट ही काम में आता है। विपक्षीगण ने सीजन के अन्तर्गत बिल 14 जुलाई 2014 में परिवादिया को 5411 यूनिट का गलत बिल भेज दिया जो कि परिवादिया ने 38841 रूपये भी विपक्षी को जमा कराकर रसीद प्राप्त की है। उक्त बिल को भी निरस्त कर उसकी राशि को आगामी बिलों में समायोजन कराया जावे। विपक्षी विधुत विभाग ने परिवादिया की होटल को दिनांक 21.11.14 को एक नोटिस स्थायी शुल्क का भेजा है जो अवैधानिक होने के कारण निरस्तनीय है। क्योंकि परिवादिया का होटल प्रबन्धक उक्त अवधि के सम्पूर्ण बिलों को जमा करवाता रहा है जिनमें स्थायी शुल्क की राशि भी थी। अतः परिवादिया का परिवाद स्वीकार फरमाया जाकर परिवाद मे चाहा गया अनुतोष दिलाये जाने का निवेदन किया गया।
    विपक्षी विधुत विभाग ने परिवाद का जवाब प्रस्तुत कर कथन किया है कि उपभोक्ता को जारी बिल माह नवम्बर 2013 से नवम्बर 2014 तक के बिलों में स्थायी शुल्क उपभोक्ता के स्वीकृत भार 24 किलो वाट के आधार पर चार्ज नहीं किया गया था, कार्यालय रिकोर्ड जांचने पर उपभोक्ता से लोड क अनुसार स्थायी शुल्क 80x14x24= 26880 रूपये पूर्व में चार्ज किये गये 1467 रूपये को कम करते हुए शेष राशि रूपये 25414 रूपये का नोटिस उपभोक्ता को राशि जमा कराने बाबत दिया गया,  उपभोक्ता द्वारा कोई आपत्ति दर्ज नहीं करवाने एवं राशि जमा नहीं कराने पर उपभोक्ता के बिल में जोड कर भिजवा दी गई जो कि सही है एवं उपभोक्ता राशि को जमा कराने के लिए बाध्य है। उक्त परिवाद श्री विष्णु सिंह के जरिये दायर किया गया है जो कि विधुत निगम के उपभोक्ता नहीं होने के कारण परिवाद प्रस्तुत करने के अधिकारी नहीं है। अतः परिवादी का परिवाद मय हर्जा खर्चा के खारिज फरमाया जावे।
    परिवादिया ने परिवाद के समर्थन में श्री विष्णु सिंह राठौड का शपथ पत्र एवं दस्तावेजी साक्ष्य में विपक्षी विधुत विभाग द्वारा जारी पत्र दिनांकित 21.11.14 की प्रति एवं जमा शुदा विधुत उपभोग विपत्रों की कुल किता सात प्रतियां पेश की है जबकि विपक्षी विधुत विभाग ने जवाब के समर्थन में  विकाय टटवाल का शपथ पत्र एवं दस्तावेजी साक्ष्य में टेरिफ 13-14 फिक्सड चार्जेज की फोटो प्रति पेश की है।
    उभय पक्षकारान की बहस अंतिम सुनी गई। पत्रावली का अध्योपान अध्ययन किया गया।
    परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद में विपक्षी विधुत विभाग द्वारा पूर्व में जारी विधुत बिलों मे माह नवम्बर 2013 से नवम्बर 2014 तक के बिलों में लोड 24 किलो वाट दर्शा रखा है। जबकि स्थायी सेवा शुल्क की राशि कम चार्ज बताई जाकर परिवादी को एक मुश्त राशि 25413.50 रूपये जमा कराने बाबत नोटिस नम्बर जेपीडी/स.अ./अ-1/राजस्व/स.मा. प्रे.रे 026 दिनांक 21.11.14 को जारी किया गया है। परिवादी का लगभग 14 माह की राशि एक मुश्त जमा कराने बाबत भेजा गया नोटिस विपक्षी विधुत विभाग की दोष पूर्ण सेवा को दर्शाता है। यदि स्थायी सेवा शुल्क के रूप में परिवादी उपभोक्ता से कम स्थायी सेवा शुल्क लिया गया है तो इसके लिए सम्बन्धित  विपक्षी विधुत विभाग के अधिकारी/कर्मचारी संयुक्त रूप से दोषी है। जो विधुत विभाग को हानि पहुंचाने की नियत रखते है। एक साथ लगभग 14 माह की राशि परिवादी पर जबरदस्ती थोपा जाना न्याय संगत नहीं है।
    अतः परिवादी को स्थायी सेवा शुल्क की बकाया राशि का नोटिस दिनांक 21.11.14 को निरस्त किया जाता है। साथ ही परिवादी ने अपने परिवाद में माह मई-जुलाई 2014 बिल राशि 38841 रूपये युनिट 5411 का भेजा गया है, उसे परिवादी ने जमा करा दिया है। विपक्षी ने जो बिल दिया है, वह गलत है। सीजन के मुताबिक परिवादी का इतना विधुत उपभोग होता नहीं है। इस बाबत विपक्षी ने अपने जवाब में कोई खण्डन नहीं किया है। परिवादी द्वारा प्रस्तुत बिल माह मई-जुलाई 2014 का जो बिल विपक्षी ने परिवादी को दिया है। उसके अवलोकन करने मीटर की स्थिति (Meter Status) ओ.के. है या डिफेक्ट है, विधुत विभाग ने बिल के काॅलम में दर्शाया नहीं है जबकि बिल में मीटर की स्थिति दर्शाया जाना चाहिए थी। अतः विपक्षी विधुत विभाग द्वारा बिल में अंकित यूनिटस को प्रमाणिक नहीं माना जा सकता है। अतः विपक्षी द्वारा परिवादी को प्रेषित विधुत बिल मई-जुलाई2014 की राशि 38841 रूपये को निरस्त किया जाता है। विपक्षी विधुत विभाग इस अवधि माह मई-जुलाई 2013 का पूर्व का विधुत बिल के आधार पर राशि परिवादी से लिया जाना हम उचित समझते है। अतः आदेश दिया जाता है कि विपक्षी विधुत विभाग द्वारा नोटिस दिनांकित 21.11.14 राशि 25,414 रूपये व विधुत बिल राशि 38,841 रूपये को निरस्त किया जाता है। यदि परिवादी ने स्थायी सेवा शुल्क बाबत माह नवम्बर 13 से नवम्बर 14 बाबत यदि अधिक चार्ज दिया गया है तो जिसे परिवादी ने जमा करा दिया हो तो वह राशि परिवादी को जारी होने वाले आगामी विघुत बिलों में समायोजित होगी, साथ ही बिल राशि 38,841 रूपये यदि परिवादी ने जमा करा दिये हो तो वह राशि भी परिवादी को जारी होने वाले आगामी बिलों में समायोजित करें। माह मई जुलाई 2014 का बिल पिछले 2013 में माह मई जुलाई का भेजा गया है, उसके आधार पर राशि चार्ज करें । जिसे परिवादी जमा कराने के लिये उत्तरदायी होगा।

                                                                                              आदेश
    परिवाद परिवादी विरूद्व विपक्षी स्वीकार किया जाकर आदेश दिया जाता है कि परिवादी को विपक्षी विधुत विभाग द्वारा दिया गया विधुत बिल माह मई जुलाई 2014 राशि 38,841 रूपये निरस्त किया जाता है। इस बिल के पेटे परिवादी ने यदि राशि जमा करा दी हो तो वह आगामी विधुत बिलों में समायोजित किया जावे तथा मई जुलाई 2013 के उपभोग युनिट के आधार पर राशि परिवादी से चार्ज करें साथ ही परिवादी को दिया गया नोटिस दिनांकित 21.11.14 को निरस्त किया जाता है। यदि परिवादी द्वारा इस नोटिस के पेटे भी यदि कोई राशि जमा करा दी है, तो वह भी परिवादी के आगामी विधुत बिलों में समायोजित की जावे। विपक्षी को यह भी आदेश दिया जाता है कि परिवादी को मानसिक संताप क्षतिपूर्ति 3000 रूपये  व परिवाद व्यय 2000 रूपये भी परिवादी को निर्णय की तिथी से दो माह में जरिये चैक/डीडी परिवादी के रिहाययशी पते पर रजिस्टर्ड डाक से प्रेषित करें। 

सौभाग्यमल जैन                                                                                                                            कैलाश चन्द्र शर्मा
    सदस्य                                                                                                                                            अध्यक्ष

                                                        निर्णय आज दिनांक 26.02.2015 को खुले मंच में सुनाया गया।

सौभाग्यमल जैन                                                                                                                            कैलाश चन्द्र शर्मा
    सदस्य                                                                                                                                            अध्यक्ष
  

 

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