राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
सुरक्षित
अपील संख्या-947/2012
(जिला उपभोक्ता फोरम, अलीगढ़ द्वारा परिवाद संख्या-330/2008 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 11.02.2010 के विरूद्ध)
मै0 जाट कोल्ड स्टोरेज प्रा0लि0 गोरई रोड इगलास द्वारा डायरेक्टर राहुल कुमार सिंह।
अपीलार्थी/विपक्षी
बनाम्
जुगेन्द्र पाठक पुत्र श्री मुरलीधर पाठक, निवासी कबूरा, थाना व तहसील इगलास, जिला अलीगढ़।
प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1. माननीय श्री राम चरन चौधरी, पीठासीन सदस्य।
2. माननीय श्री जुगुल किशोर, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री चितरंजन अग्रवाल, विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक 04.11.2015
मा0 श्री जुगुल किशोर, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
यह अपील, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, अलीगढ़ द्वारा परिवाद संख्या-330/2008 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 11.02.2010 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी है, जिसके अन्तर्गत जिला फोरम द्वारा निम्नवत आदेश पारित किया गया :-
'' परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद विपक्षी के विरूद्ध एक पक्षीयरूप से स्वीकार किया जाता है। परिवादी विपक्षी से विपक्षी के कोल्ड स्टोरेज में जमा किये गये आलू की कीमत मु0 72000/- रू0, इसी के साथ-2 मानसिक उत्पीड़न के रूप में 5000/- रू0 एवं वाद व्यय के रूप में 1000/- रू0 भी प्राप्त करने का अधिकारी है। ''
अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री चितरंजन अग्रवाल उपस्थित हैं। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हैं। तदनुसार विद्वान अधिवक्ता अपीलार्थी को विस्तारपूर्वक सुना गया एवं पत्रावली का अनुशीलन व परिशीलन किया गया।
पत्रावली का अवलोकन किया गया। प्रकरण के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी जुगेन्द्र पाठक द्वारा विपक्षी, जाट कोल्ड स्टोरेज प्रा0लि0 में बीज के लिए दिनांक 09.03.2008 को 60 बोरी आलू मोटा व 84 बोरी आलू गुल्ला रखवाया था, प्रति बोरी वजन 52.5 किलोग्राम था। विपक्षी ने दिनांक 19.09.2008 को एक नोटिस परिवादी को इस आशय का भेजा कि 15 दिन के अन्दर आलू का किराया जमा करके आलू निकाल लें, जिसके बाद परिवादी दिनांक 21.10.2008 को विपक्षी के यहां गया तो वहां देखा कि उसका पूरा आलू नष्ट हो गया है, जिसके संबंध में विपक्षी को नोटिस भी दिया गया, परन्तु विपक्षी ने परिवादी को आलू की कीमत नहीं दी। इस प्रकार सेवा में कमी को मानते हुए परिवादी द्वारा जिला फोरम के समक्ष प्रश्नगत परिवाद योजित किया गया, जिसमें जिला फोरम ने परिवादी को सुनने एवं पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों का परिशीलन करने के उपरान्त पाया गया कि कोल्ड स्टोरज में भण्डारण किये गये आलू कोल्ड स्टोरेज की देख-रेख में थे, जिसका उन्होंने ठीक से देखभाल न करने के कारण आलू खराब हो गये, जिसकी कीमत दिलाये जाने हेतु जिला फोरम ने आदेश दिनांक 11.02.2010 पारित किया, जिसकी प्रमाणित प्रतिलिपि अपीलार्थी को दिनांक 08.05.2012 को प्राप्त करने के पश्चात अपील योजित की गयी है।
अपील में अपीलार्थी की ओर से तर्क किया गया कि जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय एक पक्षीय है। उन्हें जिला फोरम के समक्ष योजित परिवाद में साक्ष्य एवं सुनवाई का समुचित अवसर नहीं मिल सका, जिसके कारण वह अपना पक्ष नहीं रख सके। अपीलार्थी द्वारा यह भी तर्क किया गया कि प्रश्नगत परिवाद की कोई नोटिस भी उन्हें प्राप्त नहीं हुई। अपीलार्थी द्वारा यह भी तर्क किया गया कि मेसर्स जाट कोल्ड स्टोरेज एक पंजीकृत कम्पनी है, जो कि आलू के भण्डारण के रख रखाव का काम करती है। कम्पनी के 05 पार्टनर्स हैं, जो इसका संचालन अपने स्टाफ के द्वारा करते हैं। यह कम्पनी अधिनियम के तहत कानपुर से पंजीकृत है। इस कम्पनी के 05 पार्टनर्स को पक्षकार नहीं बनाया गया है, जो कि कानूनन आवश्यक था। बिना पार्टनर्स को पक्षकार बनाये कम्पनी के विरूद्ध आदेश पारित करना विधि विरूद्ध है, जो निरस्त होने योग्य है। अपीलार्थी द्वारा यह भी तर्क किया गया कि पार्टनर्स की ओर से कोई विधिक जवाब नियमानुसार जिला फोरम के समक्ष योजित नहीं किया जा सका है, क्योंकि वह पक्षकार नहीं थे। अत: उन्हें अपना जवाब प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान किया जाये।
प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। अत: पीठ द्वारा विद्वान अधिवक्ता को सुनने तथा पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों का परिशीलन करने के उपरान्त यह पाया जाता है कि चूंकि जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय एक पक्षीय है एवं कम्पनी के पार्टनर्स को पक्षकार भी नहीं बनाया गया है, जो कि विधि विरूद्ध है। अत: प्रस्तुत प्रकरण जिला फोरम को पुन: निस्तारण हेतु प्रतिप्रेषित किये जाने योग्य है।
आदेश
अपील स्वीकार की जाती है। जिला फोरम अलीगढ़ द्वारा परिवाद संख्या-330/2008 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 11.02.2010 अपास्त करते हुए जिला फोरम को प्रकरण इस निर्देश के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि वह उभय पक्ष को साक्ष्य एवं सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान करते हुए प्रकरण का पुन: निस्तारण गुणदोष के आधार पर यथाशीघ्र करना सुनिश्चित करें।
(राम चरन चौधरी) (जुगुल किशोर)
पीठासीन सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0
कोर्ट-5