सुरक्षित
परिवाद संख्या-139/2020
NAZAR EYE CARE CLINICS & HOSPITAL VERSUS Johnson & Johnson Surgical Vision India Pvt. Ltd.
आदेश
09.12.2020
परिवादी नजर आई केयर क्लीनिक्स एण्ड हास्पिटल ने द्वारा प्रोप्राइटर एण्ड ऑथराइज्ड सिग्नेचरी डा0 खुर्शीद-उर-रहमान खान यह परिवाद विपक्षी Johnson & Johnson Surgical Vision India Pvt. Ltd. (Formerly known as Abbott Medical optics Pvt. Ltd.) के विरूद्ध द्वारा मैनेजिंग डायरेक्टर धारा-47 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के अन्तर्गत राज्य आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया है।
परिवाद पत्र के अनुसार परिवादी का कथन है कि वह लखनऊ में वरिष्ठ Ophthalmologist चिकित्सकों में से एक है और उसकी ख्याति पूरे प्रदेश में है। उन्हें Abbott Medical Optics Private Limited कम्पनी द्वारा CATALYS नाम से जानी जाने वाली मशीन से परिचित कराया गया, परन्तु मशीन उसे नहीं दिखायी गयी और बताया गया कि इस मशीन का आयात यू0एस0ए0 से किया जाना है। मशीन को उसके अस्पताल में स्थापित किये जाने के बाद मशीन चलाने की ट्रेनिंग दी जायेगी।
परिवाद पत्र के अनुसार परिवादी का कथन है कि उन्होंने Abbott Medical Optics Private Limited कम्पनी के कथन और गुडविल पर विश्वास करते हुए उपरोक्त मशीन, जिसकी कीमत 02 करोड़ रूपये थी, की आपूर्ति का आदेश दिनांक 06.04.2015 को दिया और उसी समय 45 लाख रूपये अदा किया। शेष धनराशि 1.55 करोड़ रूपये का भुगतान भी 48 पोस्ट डेटेड चेक के माध्यम से किया गया। उपरोक्त मशीन की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु परिवादी ने 50 लाख रूपये अतिरिक्त व्यय किया और उपरोक्त Abbott Medical Optics Private Limited कम्पनी
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ने मशीन के संचालन हेतु ट्रेनिंग और एजुकेशनल सर्विसेज परिवादी को दिया। तदोपरान्त परिवादी ने मशीन का संचालन शुरू किया, परन्तु उसने पाया कि मशीन मानक के अनुसार नहीं है। परिवादी ने उपरोक्त कम्पनी से अनेकों शिकायत की तो उसने आश्वासन दिया कि बाद में मशीन ठीक ढंग से काम करेगी, परन्तु परिवादी ने यह पाया कि न तो कम्पनी के पास सर्विस इन्जीनियर है और न ही उन्हें मशीन के सम्बन्ध में कोई जानकारी है, यदि जानकारी है तो बहुत अधूरी जानकारी है। तदोपरान्त परिवादी ने दूसरे डॉक्टर जिन्होंने मशीन क्रय किया था, से सम्पर्क किया तो उसे ज्ञात हुआ कि भारत में और विदेशों में इस मशीन में ऐसी ही समस्या आने की शिकायत है।
परिवाद पत्र के अनुसार परिवादी का कथन है कि उपरोक्त कम्पनी Abbott Medical Optics Private Limited को Johnson & Johnson Surgical Vision India Pvt. Ltd. ने अधिग्रहित कर लिया है और परिवादी द्वारा शिकायत किये जाने पर भी मशीन की त्रुटि का निवारण नहीं किया गया है। अत: परिवादी ने परिवाद विपक्षी Johnson & Johnson Surgical Vision India Pvt. Ltd. (Formerly known as Abbott Medical optics Pvt. Ltd.) के विरूद्ध प्रस्तुत कर निम्न अनुतोष चाहा है:-
(i) This Hon’ble Forum may be pleased to direct the Opposite party to pay the total cost of the machine/equipment including installation and other facilities provided by the complainant for the smooth running of the machine, which quantifies to Rs. 2.5 cr. (The cost of machine is Rs. 2 Cr. and other expenses incurred by the complainant towards installation 50 lakhs) along with interest @ 24% per annum.
(ii) This Hon’ble Forum may be pleased to direct the
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opposite party to compensate the Complainant for the total loss as suffered, metal harassment and agony suffered by the Complainant to the tune of Rs.50,00,000/-(Fifty Lakhs).
(iii) This Hon’ble Forum may graciously be pleased to grant such other relief to the complainant as it may deem just and proper in the given facts and circumstances of the case.
(iv) This Hon’ble Forum may be pleased to award the
cost of present litigation in favour of the complainant.
परिवाद पत्र के कथन से यह स्पष्ट है कि परिवादी NAZAR EYE CARE CLINICS & HOSPITAL आंख का अस्पताल है। परिवाद पत्र में परिवादी द्वारा यह नहीं कहा गया है कि परिवादी द्वारा मुफ्त में बिना किसी फीस के चिकित्सा की जाती है। परिवादी ने प्रश्नगत मशीन अपने अस्पताल के व्यवसाय हेतु लिया है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा I.M.A. Vs V.P. Shantha A.I.R. 1996 S.C. 550 के निर्णय में प्रतिपादित सिद्धान्त के आधार पर यह मानने हेतु उचित आधार है कि परिवादी धारा-2 (7) उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के अन्तर्गत उपभोक्ता नहीं है।
परिवाद पत्र में यह नहीं कहा गया है कि परिवादी के प्रोप्राइटर बेरोजगार व्यक्ति हैं और स्वनियोजन से जीविकोपार्जन हेतु उन्होंने यह मशीन अपने अस्पताल हेतु लिया है। अत: धारा-2 (7) उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के स्पष्टीकरण का लाभ परिवादी को नहीं दिया जा सकता है। परिवाद पत्र के कथन एवं सम्पूर्ण तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करते हुए हम इस मत के हैं कि परिवादी धारा-2 (7) उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के अन्तर्गत उपभोक्ता नहीं है क्योंकि प्रश्नगत मशीन वाणिज्यिक
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उद्देश्य से उन्होंने क्रय किया है। अत: यह परिवाद उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत ग्राह्य नहीं है।
परिवादी के विद्वान अधिवक्ता ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा Civil Appeal Nos. 9004-9005 of 2018 Sunil Kohli and Ors. Versus Purearth Infrastructure Ltd. में पारित निर्णय दिनांक 01.10.2019 सन्दर्भित किया है, जिसमें माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने धारा-2 (1) (डी) उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के स्पष्टीकरण, जो धारा-2 (7) उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के स्पष्टीकरण के समान है, पर विचार करते हुए यह स्पष्ट मत व्यक्त किया है कि वाणिज्यिक उद्देश्य से क्रय की गयी वस्तु का क्रेता भी ऐसी स्थिति में धारा-2 (1) (डी) उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्तर्गत उपभोक्ता माना जायेगा जब उसने यह वस्तु स्वनियोजन से जीविका अर्जित करने हेतु क्रय किया है, परन्तु उपरोक्त विवरण से यह स्पष्ट है कि परिवादी एक EYE CARE CLINICS & HOSPITAL है और उसके प्रोप्राइटर डा0 खुर्शीद-उर-रहमान खान हैं तथा परिवाद पत्र में यह नहीं कहा गया है कि परिवादी के प्रोप्राइटर बेरोजगार हैं और उन्होंने यह मशीन स्वनियोजन से जीविकोपार्जन हेतु क्रय किया है। अत: माननीय सर्वोच्च न्यायालय के इस निर्णय का लाभ वर्तमान वाद के तथ्यों के परिप्रेक्ष्य में परिवादी को नहीं दिया जा सकता है।
उपरोक्त सम्पूर्ण विवेचना के आधार पर हम इस मत के हैं कि वर्तमान परिवाद उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत ग्राह्य नहीं है। अत: परिवादी को सक्षम न्यायालय या न्यायाधिकरण के समक्ष कार्यवाही की छूट के साथ परिवाद निरस्त किया जाता है।
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान) (विकास सक्सेना)
अध्यक्ष सदस्य
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1