राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0 प्र0 लखनऊ)
सुरक्षित
पुनरीक्षण वाद संख्या 134/2000
(जिला मंच प्रथम मुरादाबाद द्वारा निष्पादन वाद सं0 67/2000 में पारित आदेश दिनांकित 06/09/2000 के विरूद्ध)
दि ओरियण्टल इन्श्योरेन्स कंपनी लि0, द्वारा रिजनल मैनेजर, रिजनल आफिस, एल0आई0सी0 इनवेस्टमेंट बिल्डिंग, तृतीय तल, हजरतगंज, लखनऊ।
…पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षी
बनाम
जितेन्द्र पाल सिंह, पुत्र झाझन लाल, मकान नं0 133, आवास विकास कालोनी, सिविल लाइन्स, मुरादाबाद।
.........प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:
1. मा0 श्री चन्द्रभाल श्रीवास्तव, पीठा0 सदस्य ।
2. मा0 श्री संजय कुमार, सदस्य ।
पुनरीक्षणकर्ता की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
विपक्षी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक:- 31/10/2014
मा0 श्री संजय कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित ।
निर्णय
प्रस्तुत पुनरीक्षण जिला पीठ प्रथम, मुरादाबाद निष्पादन वाद सं0 67/2000 में पारित आदेश दिनांक 06/09/2000 से क्षुब्ध होकर प्रस्तुत की गई है।
प्रस्तुत पुनरीक्षण में जिला पीठ ने दिनांक 06/09/2000 को परिवाद सं0 205/99 के निर्णय/आदेश दिनांक 25/07/2000 के अनुपालन में आदेश दिया कि विपक्षी के खाता से मु0 4,03,400/- रूपये की धनराशि निकालने हेतु शाखा प्रबंधक, बैंक आफ बड़ौदा शाखा के.सी.एम. सिविल लाइन, मुरादाबाद को परिवादी के नाम बैंक ड्राफ्ट बनाकर जिला फोरम, प्रथम मुरादाबाद को भेजने का आदेश भेजा जावे। विपक्षी को नोटिस दिनांक 11/10/2000 के लिए जारी होवे। बैंक ड्राफ्ट के निस्तारण हेतु पत्रावली दिनांक 11/10/2000 को पेश होवे।
पुनरीक्षणकर्ता एवं विपक्षी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। यह पुनरीक्षण 13 वर्ष से विचाराधीन है। इसलिए साक्ष्य के आधार पर पुनरीक्षण का निस्तारण किया जाना आवश्यक है।
पुनरीक्षण आधार एवं संपूर्ण पत्रावली का अवलोकन किया जिससे यह प्रतीत होता है िक पुनरीक्षणकर्ता दिनांक 06/05/2013, 03/07/2013, 29/07/2013, 23/01/2014, 11/03/2014,
2
09/07/2014, 09/10/2014 को अनुपस्थित रहा है। दिनांक 06/05/2013 को अनुपस्थित होने एवं पुनरीक्षण में रूचि न लेने के कारण पत्रावली में जारी स्थगन आदेश निरस्त कर दिया गया। इसके बावजूद भी पुनरीक्षणकर्ता कई तारीखों पर सुनवाई हेतु प्रस्तुत नहीं हुआ। दिनांक 09/07/2013 को कार्यालय द्वारा यह आख्या प्रस्तुत किया गया कि ‘’अपील सं0 2055/2000 निर्णीत हो चुका है तथा उसका विनिष्टीकरण किया जा चुका है जो सीरियल सं0 07/30 पर दिनांक 01/01/2008 पर अंकित है। निर्णय की छायाप्रति अवलोकनार्थ पत्रावली के सम्मुख प्रस्तुत है।‘’ उक्त अपील 2055/2000 ओरियण्टल इन्श्योरेन्स कं0 लि0 बनाम जितेन्द्र पाल सिंह खारिज हो चुका है।
पुनरीक्षण प्रार्थना पत्र में यह आधार प्रस्तुत किया गया है कि जिला पीठ निष्पादन वाद सं0 67/2000 में दिनांक 06/09/2000 को, जो आदेश पारित किया गया है, वह उचित नहीं है, जो खण्डित करने योग्य है।
संपूर्ण पत्रावली के अवलोकन से यह प्रतीत होता है कि जिला पीठ ने निष्पादन वाद में वसूली हेतु जो आदेश पारित किया है वह सही एवं उचित है। जिला पीठ के निर्णय/आदेश दिनांक 25/07/2000 के विरूद्ध अपील दिनांक 20/02/2001 को खारिज हो चुकी है। अत: पुनरीक्षण प्रार्थना पत्र में बल न पाये जाने के कारण खारिज करने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत पुनरीक्षण प्रार्थना पत्र खारिज किया जाता है। पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि विपक्षी/परिवादी को मु0 2,000/- रूपये पुनरीक्षण व्यय खर्च अदा करे।
उभय पक्ष को इस निर्णय की सत्य प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्ध कराई जाय।
(सी0बी0 श्रीवास्तव)
पीठासीन सदस्य
(संजय कुमार)
सुभाष चन्द्र आशु0 ग्रेड 2 कोर्ट नं0 2 सदस्य