(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-3163/2006
सेन्ट्रल बैंक आफ इंडिया व अन्य बनाम श्री जितेन्द्र नरायन
दिनांक : 06.07.2023
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-144/2001, जितेन्द्र नरायन बनाम सेंट्रल बैंक आफ इंडिया में विद्वान जिला आयोग, इटावा द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 14.11.2006 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर केवल अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता को सुना। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
2. अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का यह तर्क है कि प्रत्यर्थी/परिवादी को चेक की धनराशि का भुगतान किया जा चुका है, चूंकि चेक की धनराशि देरी से प्राप्त हुई थी, इसलिए भुगतान देरी से किया गया। अत: स्वयं इस तथ्य को अपीलार्थी द्वारा स्वीकार किया गया है कि प्रत्यर्थी/परिवादी को देरी से भुगतान किया गया है। यही कारण है कि जिला उपभोक्ता मंच ने देरी के कारण मानसिक और आर्थिक प्रताड़ना के मद में 2,000/-रू0 की क्षतिपूर्ति का आदेश दिया है। इस आदेश में कोई वैधानिक त्रुटि नहीं है। तदनुसार अपील खारिज होने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील खारिज की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश की पुष्टि की जाती है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित सम्बन्धित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय( (सुशील कुमार)
संदीप आशु0कोर्ट नं0 3