Chhattisgarh

Janjgir-Champa

CC/14/49

RAMGOPAL DHIRHE - Complainant(s)

Versus

JILA SAHKARI KRISHI AND OTHER - Opp.Party(s)

SHRI NANDKUMAR YADAV

09 Oct 2015

ORDER

District Consumer Dispute Redressal Forum
Janjgir-Champa
Judgement
 
Complaint Case No. CC/14/49
 
1. RAMGOPAL DHIRHE
BADE MUDAPAR TAH MALKHAROUD THANA DABHARA
JANJGIR CHAMPA
CHHATTISGARH
...........Complainant(s)
Versus
1. JILA SAHKARI KRISHI AND OTHER
OFFICE DABHARA
JANJGIR CHAMPA
CHHATTISGTARH
2. UNITED INDIA INSURANCE CO LTD
TP NAGAR KORBA
KORBA
CHHATTISGARH
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. BHISHMA PRASAD PANDEY PRESIDENT
 HON'BLE MR. MANISHANKAR GAURAHA MEMBER
 HON'BLE MRS. SHASHI RATHORE MEMBER
 
For the Complainant:
SHRI NANDKUMAR YADAV
 
For the Opp. Party:
NA 1 SHRI D.P. PATHAK
NA 2 SHRI D.K. SINGH
 
ORDER

                          जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम, जांजगीर-चाॅपा (छ0ग0)
 

                                                                                    प्रकरण क्रमांक:- CC/49/2014 
                                                                                        प्रस्तुति दिनांक:- 22/11/2014

 
रामगोपाल धिरहे, उम्र 65 वर्श, पिता रीटूराम,
जाति सतनामी, बड़े मुड़पार,
तहसील मालखरौदा, थाना डभरा, 
जिला जांजगीर-चाम्पा छ.ग.               ..................आवेदक/परिवादी
    
                       ( विरूद्ध )    
                 
1.  जिला सहकारी कृशि और ग्रामीण 
विकास बैंक मर्यादित षाखा डभरा, 
जिला जांजगीर-चाम्पा छ.ग.

2. युनाईटेड इंडिया इष्योंरेंस कंपनी लिमिटेड
टी.पी.नगर कोरबा छ.ग.          .........अनावेदकगण/विरोधी पक्षकारगण


                                                                            ///आदेश///
                                                  ( आज दिनांक  09/10/2015 को पारित)


    1. आवेदक ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 12 के अंतर्गत यह परिवाद अनावेदकगण के विरूद्ध बीमा राषि का 13,000/-रू. एवं भैसी की खरीदी हुई राषि 33,000/-रू. एवं मानसिक क्षति 15,000/-रू. तथा वादव्यय 5,000/-रू. एवं अन्य अनुतोश दिलाए जाने हेतु दिनांक 22.11.2014  को प्रस्तुत किया है ।
    2. पक्षकारों के मध्य यह अविवादित तथ्य है कि आवेदक के द्वारा घोघरी बाजार से एक भैसी और एक पडि़या 33.000/-रू. में खरीदा था, जिसका बीमा अनावेदक क्रमांक 1 जिला सहकारी कृशि और ग्रामीण बैंक मर्यादित षाखा डभरा, जिला जांजगीर-चाॅपा छ.ग. के माध्यम से अनावेदक क्रमांक 2 युनाईटेड इंडिया इंष्योरेंष कंपनी लिमिटेड टी.पी. नगर कोरबा के द्वारा किया गया था । बीमा अवधि में परिवादी के भैसी की मृत्यु होने पर उसकी सूचना देते हुए बीमा दावा प्रपत्र प्रस्तुत किया गया था। 
3. परिवाद के निराकरण के लिए आवष्यक तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि आवेदक के द्वारा घोघरी बाजार से दूजेराम पिता हीराराम सतनामी निवासी बरभाठा (डभरा) से एक भैसी और एक पडि़या 33.000/-रू. में खरीदा था, जिसका अनावेदक क्रमांक 1 जिला सहकारी कृशि और ग्रामीण बैंक मर्यादित षाखा डभरा, जिला जांजगीर-चाॅपा छ.ग. के माध्यम से अनावेदक क्रमांक 2 युनाईटेड इंडिया इंष्योरेंष कंपनी लिमिटेड टी.पी. नगर कोरबा के द्वारा बीमा किया गया था, जिसकी प्रीमियम राषि 6,000/-रू.-6,000/-रू. कुल 12,000/-रू. पटाया गया था। उक्त बीमा पाॅलिसी के अनुसार यदि किसी भैसी या पडि़या की मृत्यु हो जाती है तो 90,000/-रू. एवं उक्त भैसी का खरीदी हुई राषि बीमा कंपनी द्वारा अदा किया जाना था। आवेदक के एक भैसी की मृत्यु बीमारी से हो गई, जिसकी सूचना आवेदक के द्वारा अनावेदक क्रमांक 1 व 2 को मौखिक रूप से दी गई थी तथा पषु बीमा दावा भी किया गया था। उक्त दावा में आवेदक को एक बार 37,000/-रू. एवं एक बार 40,000/-रू. कुल 77,000/-रू. प्राप्त हुआ है, जबकि 13,000/-रू. एवं भैसी की खरीदी हुई राषि 33,000/-रू. कुल 46,000/-रू. अनावेदकगण द्वारा आवेदक को प्रदान किया जाना था,  किंतु नहीं किया गया।  । इस प्रकार अनावेदकगण द्वारा बीमा दावा की राषि 46,000/-रू. प्रदान न कर सेवा में कमी किए जाने से परिवादी को आर्थिक, मानसिक क्षति हुई ।  अतः परिवादी ने प्रस्तुत परिवाद द्वारा अनावेदकगण से बीमा राषि का 13,000/-रू. एवं भैसी की खरीदी हुई राषि 33,000/-रू. एवं मानसिक क्षति 15,000/-रू. तथा वादव्यय 5,000/-रू. एवं अन्य अनुतोश दिलाए जाने का अनुरोध किया है। 
4. अनावेदक/विरूद्ध पक्षकारगण क्रमांक 1 द्वारा स्वीकृत तथ्यों को छोड़ षेश तथ्यों से इंकार करते हुए विषेश कथन करते हुए बताया गया है कि आवेदक द्वारा जिला सहकारी कृशि और ग्रामीण बैंक मर्यादित जांजगीर-चाॅपा छ.ग. (सविलियनप जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित बिलासपुर छ.ग.) से ऋण लिया था तथा बैंक द्वारा नियमानुसार पषु बीमा कराया गया था । जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोशण फोरम जांजगीर द्वारा उक्त प्रकृति के प्रकरण में दिनांक 20.12.2013 को आदेष पारित किया है कि छ.ग. सहकारिता अधिनियम के तहत धारा 64 में यह प्रावधान है कि यदि सोसायटी एवं पक्षकारांे के मध्य कोई विवाद होता है, तब ऐसा विवाद रजिस्ट्रार के समक्ष पेष होगा, जिसका विनिष्चय अंतिम होगा और उसे किसी न्यायालय में प्रष्नगत नहीं किया जा सकेगा । माननीय न्यायालय श्रीमान् प्रथम अतिरिक्त व्यवहार न्यायाधीष वर्ग-2 चाम्पा छ.ग. एवं माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर छ.ग. द्वारा पारित आदेष में भी सहकारी सोसायटी अधिनियम की धारा 1960 की धारा 64 के अंतर्गत सोसायटी एवं पक्षकारों के बीच विवाद होता है तब ऐसा विवाद रजिस्ट्रार के समक्ष पेष होगा। साथ ही इसी अधिनियम की धारा 82 में यह प्रावधानित है कि इस अधिनियम के अधीन किये गये किसी आदेष विनिष्चय या अधिनिर्णय को किसी भी आधार पर किसी भी न्यायालय में प्रष्नगत नहीं किया जायेगा। बैंक को परिवादी द्वारा पक्षकार बनाया जाना गलत है।  
5. अनावेदक/विरूद्ध पक्षकारगण क्रमांक 2 द्वारा स्वीकृत तथ्यों को छोड़ षेश तथ्यों से इंकार करते हुए  कथन किया गया है कि मात्र भैसी का बीमा अनावेदक क्रमांक 2 से 33,000/-रू. हेतु किया गया था तथा मृत्यु होने पर सूचना व दस्तावेज प्रदान किया गया था, किंतु मृत पषु का पहचान चिन्ह कान का बिल्ला कान सहित अनावेदक क्रमांक 2 के कार्यालय में जमा नहीं किया गया था, जो कि पाॅलिसी षर्तों का उल्लंघन है । फिर भी उक्त दावा का 10,000/-रू. में निदान कर 10,000/-रू. अनावेदक क्रमांक 1 को प्रेशित किया गया था, जिसे अनावेदक क्रमांक 1 द्वारा पूर्ण राषि भेजा जावे कहते हुए वापस भेज दिया गया । इस प्रकार अनावेक क्रमांक 2 ने सेवा में कोई कमी नहीं की है । अतः परिवादी का परिवाद निरस्त किए जाने का निवेदन किया है। 
6. परिवाद पर उभय पक्ष के अधिवक्ता को विस्तार से सुना गया।   अभिलेख का परिषीलन किया गया है ।
7. विचारणीय प्रष्न यह है कि:-
क्या अनावेदकगण ने परिवादी को दावा की राषि 46,000/-रू. 
प्रदान न कर सेवा में कमी की है ?  


निष्कर्ष के आधार
विचारणीय प्रष्न का सकारण निष्कर्ष:-
8. परिवादी/आवेदक ने परिवाद पत्र के समर्थन में दस्तावेज जिला सहकारी कृशि और ग्रामीण बैंक मर्यादित षाखा जिला जांजगीर-चाॅपा  का पत्र दिनांक 21.08.2012, दिनांक 07.08.2012, युनाईटेड इंडिया इंष्योरेंष कंपनी लिमिटेड का बीमा दावा प्रपत्र, टेग नंबर 159/10, ग्राम पंचायत घोघरी का पषु पंजीयन फीस के लिए रसीद दिनांक 24.01.2008, युनाईटेड इंडिया इंष्योरेंष कंपनी लिमिटेड का केटल इंष्योरेंस पाॅलिसी क्रमांक 190602/47/10/01/00000532 सभी की फोटोप्रति प्रस्तुत किया है। 
9. अनावेदक क्रमांक 2 की ओर से शमषुल हक का साक्ष्य स्वरूप शपथ पत्र तथा सूची अनुसार दस्तावेज जिला सहकारी कृशि और ग्रामीण बैंक मर्यादित षाखा जिला जांजगीर-चाॅपा  का पत्र दिनांक 07.08.2012 छ। ।दमगनतम-1, युनाईटेड इंडिया इंष्योरेंष कंपनी लिमिटेड का पषु बीमा दावा प्रपत्र छ। ।दमगनतम-2, पोस्ट मार्टम रिपोर्ट छ। ।दमगनतम-3, पंचनामा दिनांक 01.08.2012 छ। ।दमगनतम-4, केटल इंष्योरेंस बीमा पाॅलिसी क्रमांक 190602/47/11/01/00000509 छ। ।दमगनतम-5, युनाईटेड इंडिया इंष्योरेंष कंपनी लिमिटेड का क्लेम डिटल रिपोर्ट छ। ।दमगनतम-6 प्रस्तुत किया है । 
10. परिवाद अनुसार परिवादी की एक भैसी जिसका बीमा पाॅलिसी  अनावेदक क्रमांक 2 द्वारा किया गया था । बीमा अवधि में भैसी की मृत्यु हो गई, जिसकी सूचना अनावेदक क्रमांक 1 बैंक के माध्यम से अनावेदक बीमा कंपनी को दी गई । भैस का शव परीक्षण किया गया । परिवादी द्वारा प्रस्तुत बीमा दावा प्रपत्र भरा गया । परिवादी ने प्रस्तुत बीमा दावा की शेष राषि प्राप्त नहीं होने के आधार पर अनावेदकगण/विरोधी पक्षकारगण से कुल 46,000/-रू., मानसिक क्षति 15,000/-रू., वादव्यय 5,000/-रू. कुल 66,000/-रू. दिलाए जाने का अनुरोध किया है । 
11. परिवादी द्वारा परिवाद के समर्थन में प्रस्तुत दस्तावेज तथा अनावेदक क्रमांक 2 बीमा कंपनी द्वारा प्रस्तुत जवाब एवं सूची अनुसार दस्तावेेजों से स्पष्ट हुआ है कि परिवादी का एक भैसी (केटल) जिसका टेग नं. 159/10 था का बीमा अनावेदक क्रमांक 2 बीमा कंपनी में बीमा पाॅलिसी क्रमांक 190602/47/11/01/00000509 द्वारा दिनांक 17.03.2011 से 16.03.2017 के लिए 20,000/-रू. का बीमा किया गया था, अनावेदक क्रमांक 2 द्वारा सूची अनुसार प्रस्तुत दस्तावेज छ। ।दमगनतम-1 से 6 से स्थापित प्रमाणित हुआ है । 
12. अनावेदक क्रमांक 2 ने परिवादी को उसके पषु भैसी के बीमा पाॅलिसी के तहत बीमा की राषि प्रदान नहीं किया है, जवाब दावा में उल्लेखित तथ्यों से स्पश्ट हुआ है । अनावेदक क्रमांक 1 ने परिवाद के तथ्यों का समर्थन करते हुए उसके विरूद्ध प्रस्तुत परिवाद पर आपत्ति करते हुए गलत पक्षकार बनाया गया है, प्रकट किया गया है। 
13. अनावेदक क्रमांक 2 बीमा कंपनी ने परिवादी के पषु का 10,000/-रू. में निदान कर धनादेष अनावेदक क्रमांक 1 को प्रेशित किया गया था, जिसे अनावेदक क्रमांक 1 द्वारा पूर्ण राषि दिलाया जावे कहते हुए वापस कर दिया गया, बतलाया है । बीमा पाॅलिसी के तथ्यों से स्पश्ट है कि परिवादी के पषु, जिसका टेग नं. 159/10 था का बीमा किया था और वही पषु की मृत्यु दिनांक 01.08.2012 को हो गई, जिससे बीमा पाॅलिसी छ। ।दमगनतम-5 अनुसार 20,000/-रू. की बीमा राषि परिवादी पाने के लिए पात्र हो गया था । छ। ।दमगनतम-6 में उल्लेखित आधार संलग्न दस्तावेजों से स्वीकार करने योग्य नहीं होना हम पाते हैं । इस प्रकार परिवादी उसके भैसी का जिसका टेग नं. 159/10 की बीमा अवधि में मृत्यु होने से बीमा की राषि 20,000/-रू. अनावेदक क्रमांक 2 बीमा कंपनी से पाने का अधिकारी होना हम पाते हैं । अनावेदक क्रमांक 2 बीमा कंपनी ने परिवादी को बीमा की राषि प्रदान नहीं किया है। इस प्रकार अनावेदक क्रमांक 2 द्वारा परिवादी के विरूद्ध सेवा में कमी की है, हम पाते हैं, तद्नुसार विचारणीय प्रष्न का निष्कर्ष देते हैं । 
14. परिवादी ने बीमा राषि क्षति एवं वादव्यय अनावेदकगण से दिलाए जाने का अनुरोध परिवाद में किया है। अनावेदक क्रमांक 2 बीमा कंपनी द्वारा परिवादी के सेवा में कमी किया जाना प्रमाणित पाया गया है । ऐसी स्थिति में अनावेदक क्रमांक 2 युनाईटेड इंडिया इंष्योरेंस कंपनी लिमिटेड परिवादी को उसकी भैसी की बीमा राषि 20,000/-रू. देने के लिए दायित्वाधीन है । परिवादी द्वारा प्रस्तुत बीमा दावा प्रपत्र भरे जाने के बाद भी बीमा राषि नहीं दिए जाने से मानसिक क्षति हेतु 5,000/-रू. एवं वादव्यय का 2,000/-रू. अनावेदक क्रमांक 2 से परिवादी को दिलाए जाने योग्य है । 
15. इस प्रकार परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद को अनावेदक क्रमांक 2 के विरूद्ध स्वीकार करने योग्य पाते हुए हम परिवाद स्वीकार कर निम्नलिखित निर्देष देते हैं:-
अ. अनावेदक क्रमांक 2 बीमा कंपनी परिवादी को उसके भैसी की बीमा राषि 20,000/-रू. (बीस हजार रूपये) एक माह के भीतर प्रदान करेगा। 
ब. अनावेदक क्रमांक 2 बीमा कंपनी परिवादी को  मानसिक क्षति के रूप में 5,000/-रू. (पाच हजार रूपये) एक माह के भीतर प्रदान करेगा। 
स. अनावेदक क्रमांक 2 बीमा कंपनी परिवादी को  वादव्यय के रूप में 2,000/-रू. (दो हजार रूपये) एक माह के भीतर प्रदान करेगा।


( श्रीमती शशि राठौर)      (मणिशंकर गौरहा)        (बी.पी. पाण्डेय)     
      सदस्य                                      सदस्य                अध्यक्ष   

 

 

 

 


                         

 
 
[HON'BLE MR. BHISHMA PRASAD PANDEY]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. MANISHANKAR GAURAHA]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. SHASHI RATHORE]
MEMBER

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