जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम, जांजगीर-चाॅपा (छ0ग0)
प्रकरण क्रमांक:- CC/13/2015
प्रस्तुति दिनांक:- 20/02/2015
लक्ष्मणेश्वर प्रसाद जांगड़े
उम्र 28 वर्श, पिता स्व. साहेब लाल जांगड़े
निवासी ग्राम कोरबी, पोस्ट-डोंगरी,
तह. बलौदा, जिला जांजगीर-चाम्पा छ.ग. ..................आवेदक/परिवादी
( विरूद्ध )
1. जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित बिलासपुर
षंकर भवन नेहरू चैक बेल्गहना,
जिला बिलासपुर छ.ग.
2. लिबर्टी विडियोकान जनरल इंष्योरेंस
कंपनी लिमिटेड, 10 फ्लोर टाॅवर-ए,
पेनीन्सुला बिजनेस पार्क, गनपतराव कदम मार्ग
लोवर पेरल मुम्बई-400013 .........अनावेदकगण/विरोधी पक्षकारगण
///आदेश///
( आज दिनांक 20/10/2015 को पारित)
1. परिवादी/आवेदक ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 12 के अंतर्गत यह परिवाद अनावेदकगण के विरूद्ध अनावेदकगण से संयुक्त एवं पृथक-पृथक बीमा की राषि 5,00,000/-रू. आवेदन प्रस्तुति दिनांक से अंतिम वसूली दिनांक तक 12 प्रतिषत वार्शिक तथा निर्धारित तिथि तक अदा न किये जाने पर 3 प्रतिषत अतिरिक्त दाण्डिक ब्याज, वादव्यय एवं अन्य अनुतोश दिलाए जाने हेतु दिनांक 20.02.2015 को प्रस्तुत किया है ।
2. स्वीकृत तथ्य है कि-
अ. साहेब लाल जांगड़े अनावेदक क्रमांक 1 बैंक जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित बिलासपुर की बलौदा शाखा के ग्राहक थे, जिसका बचत खाता क्रमांक 106000976579, सी.आई.एफ. नंबर-806005042361, है।
ब. साहेब लाल जांगडे का उक्त खाता में से 100/-रू. की राषि दिनांक 25.02.2014 को प्रीमियम के रूप में 5,00,000/-रू. का दुर्घटना बीमा हेतु अनावेदक क्रमांक 1 द्वारा लिया गया ।
स. अनावेदक क्रमांक 2 लिबर्टी विडियोकान जनरल इंष्योरेंस कंपनी लिमिटेड द्वारा अनावेदक क्रमांक 1 के खातेदार साहेब लाल जांगड़े का बीमा किया गया था, जिसका पाॅलिसी नं. समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा पाॅलिसी क्रमांक 4112-400301-13-5000036-00-000 के तहत जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक बिलासपुर के नाम पर दिनांक 01.03.2014 से दिनांक 28.02.2015 तक की अवधि के लिए जारी किया था।
द. साहेब लाल जांगड़े की दिनांक 25.02.2014 को मोटर दुर्घटना में मृत्यु हो गई ।
ई. अनावेदक क्रमांक 2 बीमा कंपनी द्वारा साहेब लाल जांगड़े का मृत्यु बीमा दावा, दिनांक 27.05.2014 के पत्र द्वारा अस्वीकार कर दिया गया है ।
3. परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि आवेदक के पिता स्व. साहेब लाल जांगड़े का अनावेदक क्रमांक 1 बैंक जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित बिलासपुर की बलौदा शाखा के ग्राहक थे, जिसका बचत खाता क्रमांक 106000976579, सी.आई.एफ. नंबर-806005042361 है । अनावेदकगण द्वारा साहेब लाल जांगड़े का 5,00,000/-रू. का सम एस्योर्ड बीमा योजना के तहत दिनांक 25.02.2014 को दुर्घटना बीमा किया गया, जिसके लिए 100/-रू. की राषि दिनांक 25.02.2014 को प्रीमियम के रूप में प्राप्त की गई है। बीमा होने के पष्चात् दिनांक 25.02.2014 को शाम 7.00 बजे स्व. साहेब लाल जांगड़े की मोटर दुर्घटना हो जाने से मृत्यु हो गई । स्व. साहेब लाल जांगड़े की मृत्यु के पष्चात परिवादी स्व. साहेब लाल जांगड़े का पुुत्र तथा नाॅमिनी होने के नाते अनावेदकगण के पास उक्त बीमा संबंधी राषि के भुगतान किये जाने हेतु आवेदन पेष किया, किंतु अनावेदकगण द्वारा परिवादी को उक्त 5,00,000/-रू. की राषि का भुगतान नहीं किया गया । आवेदक द्वारा अनावेदकगण को उक्त संबंध में दिनांक 17.11.2014 को पंजीकृत विधिक नोटिस पे्रषित किया गया, जिसे अनावेदक क्रमांक 1 ने लेने से इंकार कर दिया तथा अनावेदक क्रमांक 2 ने नोटिस प्राप्त करने के पष्चात् भी अब तक आवेदक को उक्त बीमा राषि का भुगतान नहीं किया। इस प्रकार अनावेदकगण द्वारा परिवादी को 5,00,000/-रू. का भुगतान न कर सेवा में कमी की गई, जिससे परिवादी को आर्थिक, मानसिक परेषानी हुई। अतः परिवादी ने अनावेदकगण से संयुक्त एवं पृथक-पृथक बीमा की राषि 5,00,000/-रू. आवेदन प्रस्तुति दिनांक से अंतिम वसूली दिनांक तक 12 प्रतिषत वार्शिक तथा निर्धारित तिथि तक अदा न किये जाने पर 3 प्रतिषत अतिरिक्त दाण्डिक ब्याज, वादव्यय एवं अन्य अनुतोश दिलाए जाने का निवेदन किया है।
4. अनावेदक क्रमांक 1 ने जवाबदावा प्रस्तुत कर स्वीकृत तथ्य को छोड़ शेष सभी तथ्यों से इंकार करते हुए कथन किया है कि परिवाद में अनावेदक क्रमांक 1 जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित बिलासपुर के नीचे शंकर भवन नेहरू चैक बेलगहना लिखा गया है जो अनावेदक क्रमांक 1 के प्रधान कर्यालय का गलत विवरण है । मृतक साहेब लाल जांगड़े आत्मज रामू जांगड़े का खात बलौदा ब्रांच में था उनके खाते से दिनांक 25.02.2014 को 100/-रू. की प्रीमियम दुर्घटना बीमा हेतु प्रधान कार्यालय के निर्देषानुसार काटी गई थी। उक्त बीमा का प्रीमियम सामूहिक होने के कारण जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित बिलासपुर के समस्त शाखाओे से कटौती कर संबंधित बीमा कंपनी को एक साथ भेजी जाती है। मृतक का बीमा प्रीमियम इसी कारण दिनांक 01.03.2014 को बीमा कंपनी को भेजी गई है । इसी बीच आवेदक के पिता साहेब लाल जांगड़े की मृत्यु हो गई । मृतक के मृत्यु एवं बीमा देने के संबंध में कार्यवाही बीमा कंपनी के द्वारा की जाती है । चूॅकि यह पाॅलिसी दुर्घटना से संबंधित पाॅलिसी है इस कारण केवल दुर्घटनात्मक मृत्यु पर ही बीमा राषि बीमा कंपनी द्वारा देय होता है। परिवादी द्वारा मांग की गई अनुतोष अनावेदक क्रमांक 1 के विरूद्ध होने के कारण निरस्त किए जाने योग्य है। अनावेदक क्रमांक 1 द्वारा उक्त राषि की कटौती की गई थी, उस पर किसी भी प्रकार का कमीषन नहीं दिया गया था, उक्त कार्यवाही केवल अपने अमानतदारों के हित में की गई थी, जिसके कारण परिवादी एवं अनावेदक क्रमांक 1 का संबंध उपभोक्ता विवाद की श्रेणी में नहीं आता, अतः परिवाद अनावेदक क्रमांक 1 के विरूद्ध निरस्त किए जाने का निवेदन किया गया है।
5. अनावेदक क्रमांक 2 ने जवाबदावा प्रस्तुत कर प्रारंभिक आपत्ति करते हुए कथन किया है कि आवेदक जिस बीमा पाॅलिसी क्रमांक 4112-400301-13-5000036-00-000 के तहत अनावेदक क्रमांक 2 से क्लेम की राषि की मांग कर रहे हैं उस बीमा पाॅलिसी पर देय प्रीमियम राषि अनावेदक क्रमांक 2 को जिला सहकारी केंन्द्रीय बैंक बिलासपुर के द्वारा दिनांक 01.03.2014 को डिमांड ड्राफ्ट क्र. 342003 के माध्यम से प्राप्त हुई है । चूॅंकि प्रीमियम राषि अनावेदक क्रमांक 2 को मृतक साहेब लाल जांगड़े की मृत्यु के उपरांत प्राप्त हुई, अतः बीमा पाॅलिस के तहत अनावेदक क्रमांक 2 की जोखिम दिनांक 01.03.2014 से शुरू होती है, उससे पहले हुई क्षति के लिए अनावेदक क्रमांक 2 का कोई दायित्व नहीं है । दुर्घटना दिनांक को 25.02.2014 को बीमाधारक एवं अनावेदक क्रमांक 2 के मध्य कोई संविदा अस्तित्व में नहीं थी और न ही अनावेदक क्रमांक 2 के द्वारा किसी तरह की सेवा का कोई वचन खातेदार अथवा बीमाधारी से किया गया था अतः यह उपभोक्ता विवाद नहीं है और न ही इस न्यायालय को सुनवाई का क्षेत्राधिकार प्राप्त है । आवेदक द्वारा किए गए बीमा दावे को अनावेदक क्रमांक 2 ने दिनांक 27.05.2014 को खारीज किया था व उसकी नोटिस आवेदक को भेजा था । आवेदक को बीमा राषि का भुगतान न करने का स्पष्ट कारण दे दिया गया था। अनावेदक क्रमांक 2 के द्वारा समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा पाॅलिसी क्रमांक 4112-400301-13-5000036-00-000 के तहत जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक बिलासपुर के नाम पर दिनांक 01.03.2014 से दिनांक 28.02.2015 तक की अवधि के लिए जारी किया था। इस प्रकार अनावेदक क्रमांक 2 द्वारा किसी प्रकार की कोई सेवा में नहीं की गई है, अतः आवेदक का दावा निरस्त किए जाने का निवेदन किया गया है।
6. परिवाद पर उभय पक्ष के अधिवक्ता को विस्तार से सुना गया। अभिलेखगत सामग्री का परिषीलन किया गया है ।
7. विचारणीय प्रष्न यह है कि:-
क्या अनावेदकगण द्वारा साहेब लाल जांगड़े का समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा दावा इंकार कर सेवा में कमी की गई है ?
निष्कर्ष के आधार
विचारणीय प्रष्न का सकारण निष्कर्ष:-
8. परिवादी/आवेदक की ओर से तर्क किया गया है कि उसके पिता साहेब लाल जांगड़े का व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा 100/-रू. का प्रीमियम दिनांक 25.02.2014 को प्राप्त कर किया गया था उसी दिन साहेब लाल जांगड़े की मोटर दुर्घटना में मृत्यु हो गई, अतः 5,00,000/-रू. का सम एस्योर्ड बीमा योजना के तहत बीमित राषि आवेदक मृतक का पुत्र होने से प्राप्त करने का अधिकारी है । दुर्घटना दावा अनावेदक क्रमांक 2 द्वारा इंकार कर सेवा में कमी की गई है । अतः अनावेदकगण से 5,00,000/-रू. बीमा राषि ब्याज सहित एवं अन्य अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की गई है।
9. अनावेदक क्रमांक 1 की ओर से शरद शुक्ला द्वारा सत्यापित जवाब एवं शपथ पत्र द्वारा प्रकट तथ्यों से तर्क किया गया है कि साहेब लाल जांगड़े की खाते से दिनांक 25.02.2014 को 100/रू. प्रीमियम दुर्घटना बीमा हेतु प्रधान कार्यालय के निर्देषानुसार काटी गई थी । बैंक के समस्त शाखाओं से कटौती कर संबंधित बीमा कंपनी को एक साथ भेजी जाती है। इसी कारण दिनांक 01.03.2014 को बीमा कंपनी को राषि भेजी गई थी। इसी बीच साहेब लाल जांगड़े की मृत्यु हो गई । संबंधित पाॅलिसी केवल दुर्घटनात्मक मृत्यु पर ही बीमा कंपनी द्वारा देय होती है । अनावेदक क्रमांक 1 द्वारा अपने अमानतदारों के हित को देखते हुए बीमा की कार्यवाही की गई है, कोई कमीषन प्राप्त नहीं किया गया है। परिवादी का अनावेदक क्रमांक 1 का संबंध उपभोक्ता विवाद की श्रेणी में नहीं आने से परिवाद निरस्त किए जाने योग्य है ।
10. अनावेदक क्रमांक 2 ने लिखित तर्क किया है कि उसके द्वारा पाॅलिसी क्रमांक 4112-400301-13-5000036-00-000 के तहत प्रीमियम राषि दिनांक 01.03.2014 को डिमांड ड्राफ्ट क्र. 342003 के माध्यम से प्राप्त की है तथा पाॅलिसी द्वारा जोखिम दिनांक 01.03.2014 से दिनांक 28.02.2015 तक की अवधि के लिए था। साहेब लाल जांगड़े की मृत्यु दिनांक 25.02.2014 को हो गई थी, जिससे बीमा धारक एवं अनावेदक के मध्य कोई संविदा अस्तित्व में नहीं थी, फलस्वरूप बीमा कंपनी का कोई दायित्व नहीं बनता है, से परिवादी द्वारा उसके विरूद्ध प्रस्तुत दावा निरस्त किए जाने योग्य है ।
11. अनावेदक क्रमांक 2 ने समर्थन में सूची अनुसार दस्तावेज पाॅलिसी क्रमांक 4112-400301-13-5000036-00-000 की पाॅलिसी की फोटोप्रति, अनावेदक क्रमांक 1 द्वारा अनावेदक क्रमांक 2 के पक्ष में जारी किया गया डिमांड ड्राफ्ट क्रमांक 342003 दिनांक 01.03.2014 की फोटोप्रति तथा आई.आर.डी.ए. का रिसिप्ट आॅफ प्रीमियम रेग्यूलेषन 2002 प्रस्तुत किया है ।
12. उभय पक्ष के अभिवचनों से स्पष्ट है कि परिवादी के पिता साहेब लाल जांगड़े का अनावेदक क्रमांक 1 बैंक में बचत खाता था, जिससे वह उक्त बैंक का उपभोक्ता था, जिसके आधार पर अनावेदक क्रमांक 1 ने साहेब लाल जांगड़े का समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा दिनांक 01.03.2014 से 28.02.2015 तक की अवधि के लिए अनावेदक क्रमांक 2 बीमा कंपनी से कराया था, उक्त बीमा कराने हेतु साहेब लाल जांगड़े के बचत खाते से 100/-रू. का प्रीमियम दिनांक 25.02.2014 को अनावेदक क्रमांक 1 बैंक द्वारा प्राप्त किया गया था तथा उसी दिनांक को परिवादी के पिता साहेब लाल जांगड़े की वाहन दुर्घटना में मृत्यु हो गई ।
13. उपरोक्तनुसार अनावेदक क्रमांक 2 द्वारा समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा पाॅलिसी क्रमांक 4112-400301-13-5000036-00-000 द्वारा परिवादी के पिता का बीमा हेतु अनावेदक क्रमांक 2 को प्रीमियम राषि देने के पूर्व दिनांक 25.02.2014 को परिवादी के पिता की मृत्यु हो गई । इस प्रकार अनावेदक द्वारा जारी किए गए पाॅलिसी अवधि में अर्थात दिनांक 01.03.2014 से 28.02.2015 के मध्य दुर्घटना में मृत्यु होने पर बीमा आच्छादित थी, उक्त अवधि में बीमा धारक साहेब लाल की मृत्यु नहीं हुई है।
14. अनावेदक क्र्रमांक 2 द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज डिमांड ड्राफ्ट दिनांक 01.03.2014 से अनावेदक क्रमांक 1 के शपथ पत्र अनुसार उसने अनावेदक क्रमांक 2 को प्रीमियम की राषि दिनांक 01.03.2014 को अनावेदक क्रमांक 2 को अदा किया था, दिनांक 25.02.2014 को प्रीमियम की राषि अनावेदक क्रमांक 2 बीमा कंपनी को प्राप्त नहीं हुई थी। इस प्रकार आई.आर.डी.ए. का रिसिप्ट आॅफ प्रीमियम रेग्यूलेषन 2002 अनुसार बीमा पाॅलिसी क्रमांक 4112-400301-13-5000036-00-000 अनुसार साहेब लाल की मृत्यु दिनांक पर बीमा आच्छादित नहीं थी।
15. आई.आर.डी.ए. का रिसिप्ट आॅफ प्रीमियम रेग्युलेषन 2002 अनुसार बीमा प्रस्ताव के साथ प्रीमियम राषि नगद या अन्य प्रकार जैसे चेक, डिमाण्ड ड्राफ्ट, पे कार्डस, बैंकर चैक, पोस्टल, मनीआर्डर आदि से प्राप्त होने पर प्रस्ताव स्वीकार कर कवर नोट जारी करते हैं या पाॅलिसी जारी करते हैं।
16. एल.आई.सी. वर्सेस कृष्णा बाई प्प्प्;2011द्ध ब्च्श्र 80 में मध्य प्रदेष राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग ने बीमा प्रस्ताव स्वीकार करने की तिथि से बीमा की अवधि प्रारंभ होना अभिनिर्णित किया है । इस मामले में अनावेदक क्रमांक 1 बैंक ने दिनांक 01.03.2014 को डिमांड ड्राफ्ट सहित प्रस्ताव अनावेदक क्रमांक 2 बीमा कंपनी को दिया था, जिसे स्वीकार कर दिनांक 01.03.2014 से दिनांक 28.02.2015 तक समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा किया था। इस प्रकार अनावेदक क्रमांक 2 बीमा कंपनी को दिनांक 25.02.2014 को बीमा का प्रस्ताव नहीं किया है, बल्कि दिनांक 01.03.2014 को किया गया ।
17. उक्त स्थिति में अनावेदक क्रमांक 2 लिबर्टी विडियोकान जनरल इंष्योरेंस कंपनी लिमिटेड की बीमा पाॅलिसी क्रमांक 4112-400301-13- 5000036-00-000 अनुसार दुर्घटना बीमा राषि 5,00,000/-रू. साहेब लाल के विधिक उत्तराधिकारियों को देने की दायित्वाधीन नहीं बनती है।
18. यह अविवादित है कि साहब लाल के बचत खाता में से अनावेदक क्रमांक 1 ने दिनांक 25.02.2014 को दुर्घटना बीमा हेतु 100/-रू. की प्रीमियम की राषि प्राप्त कर लिया है । उक्त तथ्य की पुष्टि परिवादी द्वारा साहेब लाल की बचत खाता पास बुक के स्टेटमेंट से भी होती है ।
19. परिवादी ने सूची अनुसार दस्तावेज में उसके पिता साहेब लाल जांगड़े जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित बिलासपुर के बलौदा, शाखा के खाता क्रमांक 106000976579 का फोटोप्रति, अनावेदक क्रमांक 2 लिबर्टी विडियोकान जनरल इंष्योरेंस कंपनी लिमिटेड द्वारा दावा को इंकार करने का पत्र दिनांक 27.05.2014, परिवादी का अनावेदक क्रमांक 1 बैंक के षाखा प्रबंधक को बलौदा में दुर्घटना बीमा संबंधी का दावा का पत्र दिनांक 11.04.2014, अनावेदक को दिया गया पंजीकृत सूचना पत्र दिनांक 27.11.2014 पंजीकृत डाक से भेजने की रसीद, अनावेदक क्रमांक 2 को प्राप्त होने की अभिस्वीकृति तथा अनावेदक क्रमांक 1 द्वारा नोटिस लेने से इंकार करने की डाक एवं दुर्घटना से संबंधित दाण्डिक प्रकरण के दस्तावेजों की प्रमाणित प्रति की फोटोप्रति प्रस्तुत किया है ।
20. उक्त दस्तावेजों से परिवादी ने दिनांक 11.04.2014 को पत्र द्वारा षाखा प्रबंधक जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित बिलासपुर षाखा बलौदा को उसके पिता साहेब लाल जांगड़े की मोटर दुर्घटना में दिनांक 25.02.2014 को मृत्यु होने की सूचना देते हुए दुर्घटना बीमा राषि दिलाए जाने का निवेदन किया है । उसके पष्चात पंजीकृत सूचना पत्र दिनांक 17.11.2014 दिया गया है। उक्त पत्रों से प्रकट हो रहा है कि साहेब लाल जांगड़े की मृत्यु की सूचना परिवादी द्वारा सर्वप्रथम दिनांक 11.04.2014 को अनावेदक क्रमांक 1 को दिया था।
21. दिनांक 01.03.2014 को साहेब लाल जांगड़े के खाते से प्राप्त की गई राषि को बीमा हेतु अनावेदक क्रमांक 2 का दिया गया उससे पूर्व परिवादी द्वारा अनावेदक क्रमांक 1 को उसे पिता साहेब लाल जांगड़े की मृत्यु की कोई सूचना दी गई है, बताने के लिए कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया है। इस प्रकार परिवादी ने उसके पिता की वाहन दुर्घटना में दिनांक 25.02.2014 को मृत्यु हो गई की सूचना दिनांक 11.04.2014 को विलंब से दिया गया है। परिवादी की मृत्यु की जानकारी होते हुए बीमा हेतु 100/-रू. प्रीमियम प्राप्त की गई तथा मृत व्यक्ति का जानबुझकर बीमा किया गया, पक्षकारों के प्रकट तथ्यों से प्रकट नहीं हुआ है ।
22. परिवादी द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज अनावेदक क्रमांक 2 का दावा इंकार करने का पत्र दिनांक 27.05.2014 में साहेब लाल जांगड़े का बीमा पाॅलिसी क्रमांक 4112-400301-13- 5000036-00-000 द्वारा आच्छादित नहीं था, उससे पूर्व दिनांक 25.02.2014 को उसकी मृत्यु हो गई थी, आधार पर दावा अस्वीकार किया गया है। पाॅलिसी के दस्तावेजों से दिनांक 01.03.2014 से दिनांक 28.02.2015 तक उक्त अवधि के पूर्व ही साहेब लाल जांगडे की मृत्यु हो गई थी, फलस्वरूप उक्त पाॅलिसी अंतर्गत इस दावा अवधि में मृत्यु नहीं होने से अनावेदक क्रमांक 2 द्वारा दिनांक 27.05.2014 को पत्र द्वारा साहेब लाल जांगडे की मृत्यु दुर्घटना दावा को उचित रूप से इंकार किया गया है।
23. अनावेदक क्रमांक 1 बैंक ने यह निवेदन किया है कि साहेब लाल जांगड़े की बीमा प्रीमियम की 100/-रू. वापस कर सकती है । उपरोक्त विवेचना से स्पश्ट हुआ है कि मृतक साहेब लाल जांगड़े के खाते से 100/-रू. प्राप्त कर लिया गया है। खाताधारक की बीमा अवधि से पूर्व ही मृत्यु हो गई थी इसलिए उसका कोई लाभ खाताधारक को नहीं मिला। उपरोक्त तथ्यों से अधिक से अधिक प्रीमियम राषि प्रचलित ब्याज सहित खाताधारक को वापस किया जाना उसके हित में होगा । तद्नुसार हम निर्देषित करते हैं ।
24. उपरोक्तनुसार साहेब लाल जांगडे की समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा पाॅलिसी अंतर्गत बीमा राषि को पत्र दिनांक 27.05.2014 द्वारा इंकार किए जाने को सेवा में कमी होना हम नहीं पाते हैं ।
25. अनावेदक क्रमांक 2 द्वारा की गई बीमा पाॅलिसी क्रमांक 4112- 400301-13-5000036-00-000 से साहेब लाल जागड़े की बीमा अवधि में दुर्घटनात्मक मृत्यु नहीं होने से बीमा की राषि परिवादी पाने का अधिकारी नहीं होना हम पाते हैं ।
26. अतः अनावेदकगण के विरूद्ध प्रस्तुत यह परिवाद स्वीकार करने योग्य होना हम नहीं पाते है, परिणामस्वरूप निरस्त करते हैं ।
27. उभय पक्ष अपना-अपना वाद-व्यय स्वयं वहन करेंगे ।
( श्रीमती शशि राठौर) (मणिशंकर गौरहा) (बी.पी. पाण्डेय)
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