MANJULA SINGH filed a consumer case on 31 Aug 2021 against JILA SAHKARI BANK in the Azamgarh Consumer Court. The case no is CC/122/2019 and the judgment uploaded on 07 Sep 2021.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 122 सन् 2019
प्रस्तुति दिनांक 10.10.2019
निर्णय दिनांक 31.08.2021
मंजूलता सिंह पत्नी संजय सिंह, ग्राम व पोस्ट- छपरा, सुल्तानपुर, तहo- सगड़ी, जनपद- आजमगढ़।
......................................................................................परिवादिनी।
बनाम
जिला सहकारी बैंक लिo, शाखा- सगड़ी, जनपद- आजमगढ़, द्वारा शाखा प्रबन्धक।
उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
परिवादिनी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि वह ग्राम व पोस्ट- छपरा सुल्तानपुर, तहo- सगड़ी, जनपद- आजमगढ़ की निवासिनी है। यह कि परिवादिनी का एक बचत खाता संख्या 11209 विपक्षी के बैंक में है, जिसका संचालन परिवादिनी बराबर करती चली आ रही है। इस प्रकार परिवादिनी विपक्षी की उपभोक्ता है। यह कि परिवादिनी के खाते में वर्तमान समय में कुल 11,78,704/- रुपया जमा है। परिवादिनी को मकान बनाना है, जिसके लिए उसे रुपयों की शख्त आवश्यकता है। यह कि परिवादिनी जब रुपया निकालने के लिए विपक्षी बैंक में जाती है तो शाखा प्रबन्धक रुपया निकालने नहीं देते हैं और कहते हैं कि बैंक में पैसा नहीं है। इतना पैसा लेकर क्या करोगी। तरह-तरह के बहाने बनाते हैं तथा परिवादिनी के रुपये की निकासी नहीं करने देते हैं। विपक्षी के कार्य से परिवादिनी को काफी मानसिक आघात हुआ। परिवादिनी ने बैंक में रुपया इसलिए जमा किया है कि ताकि आवश्यकता पड़ने पर निकाला जा सके। यह कि इस बात की शिकायत परिवादी ने दिनांक 30.08.2019 को सचिव महाप्रबन्धक मुख्य कार्यपालक अधिकारी जिला सहकारी बैंक लिo आजमगढ़ को किया, उसके बाद दिनांक 12.09.2019 को मुo 49,000/- व दिनांक 13.09.2019 को मुo 49,000/- व दिनांक 20.09.2019 को 2000/- रुपया की निकासी करने दिया। यह कि सामानों का दाम दिन-प्रतिदिन बढ़ता चला जा रहा है और परिवादिनी के मकान का कार्य अवरुद्ध होता जा रहा है, जिसके कारण परिवादिनी को काफी मानसिक पीड़ा हो रही है। परिवादिनी ने जो पैसा बचाकर जमा किया था वह मकान बनवाने के लिए ही है। यह कि परिवादिनी का एक खाता इलाहाबाद बैंक, शाखा जीयनपुर आजमगढ़ में स्थित है। परिवादिनी के चेक संख्या 355951 दिनांक 30.07.2019 चेक संख्या 355952 दिनांक 02.08.2019 चेक संख्या 355954 दिनांक 20.08.2019 को भुगतान हेतु इलाहाबाद बैंक शाखा जीयनपुर में जमा किया, जिसकी धनराशि मुo 49,000/- रुपया व 1,50,000/- रुपया व 1,00,000/- रुपया थी, लेकिन सभी चेक की धनराशि विपक्षी बैंक द्वारा इलाहाबाद बैंक में परिवादिनी के खाते में यह लिखते हुए कि “खाता धारक का हस्ताक्षर भिन्न है” नहीं भेजी जाएगी। इस प्रकार विपक्षी ने सेवा में कमी की है। यह कि इस बात की शिकायत मोबाइल फोन द्वारा की गयी जिसकी शिकायत नं. 8279495774 थी। शिकायत के बावजूद विपक्षी द्वारा परिवादिनी को भुगतान नहीं किया गया। जिसके कारण दावा दाखिल करने की आवश्कता हुई। यह कि वाद का कारण अन्तिम सप्ताह माह सितम्बर 2019 करने इंकार निकासी परिवादिनी बमुकाम तहसील- सगड़ी, जिला आजमगढ़ में उत्पन्न हुआ, जिसका श्रवणाधिकार माननीय फोरम को प्राप्त है। परिवादिनी ने अपने दादरसी में यह याचना करती है कि विपक्षी को निर्देशित किया जावे कि वह परिवादिनी द्वारा खाता संख्या 11209 में जमा धनराशि मुo 11,78,704/- की निकासी में व्यवधान उत्पन्न न करें, बल्कि परिवादिनी को जितने रुपये की आवश्यकता हो उसकी निकासी सुचारू रूप से करने दें तथा परिवादिनी को मानसिक, शारीरिक, आर्थिक क्षति हेतु विपक्षीगण से मुo 2,00,000/- रुपया दिलाया जाए।
परिवादिनी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादिनी ने कागज संख्या 6/1 व 6/2 बैंक पासबुक की छायाप्रति, कागज संख्या 6/3 सचिव महाप्रबन्धक मुख्य कार्यपालक अधिकारी जिला सहकारी बैंक लिo को लिखे गए पत्र की छायाप्रति प्रस्तुत किया है।
चूंकि पत्रावली की कार्यवाही दिनांक 23.12.2020 को एक पक्षीय कार्यवाही हेतु अग्रसारित की जा चुकी है। परिवादिनी उपस्थित होकर विद्वान अधिवक्ता ने अपनी बहस सुनाई। एक पक्षीय बहस सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। साक्ष्यों से यह स्पष्ट होता है कि विपक्षी के बैंक में परिवादिनी का 11,78,7041/- रुपए जमा है तथा उसे मकान बनवाने की आवश्यकता है। अतः हमारे विचार से परिवाद स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
परिवाद स्वीकार किया जाता है। विपक्षी को यह आदेश दिया जाता है कि वे परिवादिनी द्वारा खाता नं. 11209 में जमा राशि मुo 11,78,704/- रुपया मय ब्याज जो भी रकम बनती है, उसकी निकासी में व्यवधान उत्पन्न न करें और आवश्यकतानुसार परिवादिनी को रुपया निकालने दिया जाए तथा विपिक्षी को यह आदेशित किया जाता है कि वह परिवादिनी को मानसिक, शारीरिक व आर्थिक क्षति हेतु विपक्षीगण से मुo 10,000/- रुपया तथा खर्चा मुकदमा के मद में 5,000/- रुपया अन्दर 30 दिन अदा किया जाए। आदेशित खाता परिचालन में सुविधाएं व रकम निकालने, क्षतिपूर्ति व खर्चा मुकदमा नियत तिथि तक अदा ने करने की स्थिति में उक्त धनराशि पर 09% वार्षिक ब्याज देय होगा।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 31.08.2021
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
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