Uttar Pradesh

Lucknow-II

cc/1076/2009

SYED ASIF HUSSAIN ZAIDI - Complainant(s)

Versus

JAZEERA AIRLINES - Opp.Party(s)

23 May 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. cc/1076/2009
 
1. SYED ASIF HUSSAIN ZAIDI
LUCKNOW
...........Complainant(s)
Versus
1. JAZEERA AIRLINES
NEW DELHI
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Sanjeev Shiromani PRESIDENT
 HON'BLE MR. Govardhan Yadav MEMBER
 HON'BLE MRS. Geeta Yadav MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

 

न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, द्वितीय लखनऊ

परिवाद संख्या-1076/2009

ैलमक ।ेप िभ्नेेंपर्द ंपकप                          -परिवादी
बनाम
श्रं्रममतं ।पतसपदमे ंदवजीमत                         -विपक्षीगण  
समक्ष
श्री संजीव शिरोमणि, अध्यक्ष
श्री गोवर्द्धन यादव,   सदस्य
श्रीमती गीता यादव,  सदस्य

द्वारा श्री संजीव शिरोमणि, अध्यक्ष

  निर्णय

परिवाद अन्तर्गत धारा-12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-1986

परिवाद पत्र के अनुसार, परिवादी का कथन, संक्षेप में, यह है कि विपक्षी सं0 1 अन्र्तराष्ट्रीय प्रसिद्व एयरलाइन है एवं विपक्षी सं0 2 समस्त टूर ओपरेट करती है, जिसमें एयर टिकट, वीसा सर्विस, हज, उमरा, जियारत टूर है। दि0 24.5.2009 से       दि0 20.6.09 को परिवादी ने जियारत टूर के लिये विपक्षी सं0 2 से छः परिवार के लोगों हेतु बुक कराया, जिसका प्रबंधन विपक्षी सं0 2 द्वारा पूरी तरह से कराया गया जो कि विपक्षी सं0 2 द्वारा विपक्षी सं0 1 के कन्सेन्ट पर बोडिंग, ट्रासपोर्टेशन , फूडिंग और लाजिंग होना था । परिवादी सबसे पहले इरान फिर इराक गया उसके बाद परिवादी फिर वापस इरान आया और डेमेसकस वाया कुवैत गया। एयर लाइन्स की टिकट विपक्षी सं0 2 द्वारा क्रय की गयी थी। दि0 13.6.09 को इरान से सायरा जाते समयविपक्षी सं0 1 की लापरवाही से परिवादी का एक बैग खो गया। परिवादी डेमेसकस एयरपोर्ट पर प्रतीक्षा करता रहा , किन्तु उसका बैग उसे वापस नहीं मिला। परिवादी ने डेमेसकस एयरपोर्ट पर इसकी एफ0 आई0 आर0 दर्ज की । परिवादी के खोये हुये बैग में रू0 108500/- का सामान था। भारत आकर परिवादी ने दि0 26.6.09 को एक ई-मेल विपक्षी सं0 1 को भेजा , जिसे किसी शोयेब नामक व्यक्ति ने रिसीव किया और फोन करके कुछ दिन बाद बात करने हेतु कहा। परिवादी ने उसके बाद कई बार विपक्षी सं0 1 को फोन किया , किन्तु उसे कोई संतोषजनक उत्तर प्राप्त नहीं हुआ। दि0 5.10.09 को परिवादी ने एक विधिक नोटिस विपक्षी को भेजा, इस पर भी कोई कार्यवाही नहीं की गयी। ऐसा करके विपक्षी ने सेवा में कमी किया , जिससे क्षुब्ध होकर परिवादी को वर्तमान परिवाद इस जिला मंच में संस्थित करने की आवश्यकता पड़ी, जिसके माध्यम से उसने विपक्षीगण से रू0 108500/- मय 18 प्रतिशत ब्याज सहित बैग खोने की तिथि से भुगतान की तिथि तक दिलाये जाने तथा मानसिक एवं शारीरिक कष्ट हेतु रू01,00,000/- व          रू011000/-वाद व्यय स्वरुप दिलाये  जाने  की  प्रार्थना  किया  है।
विपक्षी को नोटिस जारी की गयी। नोटिसोंपरान्त भी विपक्षी सं0 2 न तो उपस्थित हुये और न ही उन्होंने प्रतिवाद पत्र दाखिल किया है ।
विपक्षी को नोटिस जारी की गयी। नोटिसोंपरान्त  विपक्षी सं0 1 ने शपथपत्र दाखिल किया है ।
परिवादी ने परिवाद पत्र के समर्थन में अपना शपथपत्र दाखिल किया है एवं परिवाद पत्र/शपथपत्र के साथ अभिलेखीय साक्ष्यों की छायाप्रतियाॅ दाखिल किया है।
मंच ने परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को श्रवण किया एवं पत्रावली का सम्यक् अवलोकन किया।परिवादी का कथन है कि उसका एक लाख आठ हजार पाॅच सौ रुपये का सामान प्रश्नगत बैग में था जो दौरान यात्रा विपक्षी सं0 1 के विमान से खो गया। सामान की सूची दी गयी है, जिसकी स्क्रूटिनी करना आवश्यक है। गोल्डन लाॅकेट तथा भारतीय मुद्रा की कीमत को घटाकर शेष धनराशि दिलाया जाना न्यायोचित प्रतीत होता है। वह इसलिये गोल्डन लाॅकेट को गले में पहनना चाहिये था न कि बैग में रखना चाहिये ।           रू0 25000/-की इंडियन करेन्सी का कोई उल्लेख नहीं है कि वह कैसे और किस प्रकार रखा था ? अतः रू0 52500/- दिलाया जाना न्यायोचित प्रतीत होता है। यह धनराशि न देकर विपक्षी ने सेवा में कमी किया है और व्यापार विरोधी प्रक्रिया को अपनाया है। परिवादी ने बार-बार विपक्षी से संपर्क किया है। परिवादी को विपक्षी के पास जाने एवं विधिक नोटिस आदि भेजने में भाग-दौड़ करनी पड़ी है, इससे स्वतः स्पष्ट है कि निश्चित रुप से परिवादी को मानसिक व शारीरिक कष्ट हुआ है,  फलस्वरुप परिवादी का परिवाद आंशिक रुप से स्वीकार किये जाने योग्य पाया जाता है।
                                                                    आदेश
परिवादी का परिवाद आंशिक रुप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षी सं0 1 को आदेशित किया जाता है कि वह इस निर्णय की तिथि सेे छः सप्ताह के अंदर परिवादी को रू052500/-मय ब्याज दौरान वाद व आइंदा बशरह 9 (नौ) प्रतिशत  साधारण  वार्षिक  ब्याज  की  दर के साथ अदा करंें।

इसके अतिरिक्त विपक्षी सं0 1 परिवादी को मानसिक क्लेश हेतु रू05000/- तथा रू03000/- वाद व्यय अदा करेगें।  
  (गीता यादव)     (गोवर्द्धन यादव)   (संजीव शिरोमणि)       
      सदस्य             सदस्य            अध्यक्ष

            दिनांक  23 MAY, 2015

 

 
 
[HON'BLE MR. Sanjeev Shiromani]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. Govardhan Yadav]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. Geeta Yadav]
MEMBER

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.