Final Order / Judgement | (सुरक्षित) राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ। परिवाद सं0 :-39/2018 - Smt. Rashmi Singh W/O Shri Anil Singh
R/O E-83 Neel Bihar Colony Near Makabara, Faizabad UP - Complainant
Versus - Jaypee Sports International Limited, Jaypee Greens, Sectors 128, Noida-201304 through its Director.
- Jaypee Sports International Limited, Jaypee Greens Sports City, Sector 128 Noida-201304 through its authorized Signatory.
- Opp. Parties
समक्ष - मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य
- मा0 श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य
उपस्थिति: परिवादीगण के विद्वान अधिवक्ता:- श्री विष्णु कुमार मिश्रा विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता:-श्री प्रतुल प्रताप सिंह दिनांक:-04.06.2024 माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित निर्णय - यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध अंकन 57,40,821/-रू0 94 पैसे की वसूली के लिए प्रस्तुत किया गया है।
- परिवाद के तथ्यों के अवलोकन से ज्ञात होता है कि परिवादी द्वारा विपक्षीगण को कुल 26,00,000/-रू0 प्रदत्त किये गये हैं और विपक्षीगण द्वारा परिवादी के पक्ष में 1690 स्क्वायर फीट का एक भवन 11 मार्च 2011 के आवंटन पत्र द्वारा आवंटित किया गया है, परंतु कब्जा प्रदान नहीं किया गया। दिनांक 18.05.2016 को आपराधिक मुकदमा भी पंजीकृत कराया गया, परंतु इसके बावजूद भी धनराशि अदा नहीं की गयी। इसी 26,00,000/-रू0 की राशि पर परिवाद प्रस्तुत करने से पूर्व भी ब्याज की गणना करते हुए कुल 50,40,821/-रू0 94 पैसे की मांग की गयी है, परंतु विधि का यह स्थापित सिद्धांत है कि ब्याज राशि निर्धारित करना इस पीठ का कर्त्तव्य है। परिवादी द्वारा जमा राशि पर स्वयं ब्याज की गणना करते हुए मूलधन में शामिल नहीं कर सकते, इसलिए इस पीठ द्वारा केवल 26,00,000/-रू0 की राशि के संबंध में यह विचार किया जायेगा कि यद्यपि इस राशि पर जो ब्याज देय माना जायेगा उसका उल्लेख निर्णय में जाकर किया जायेगा।
- परिवादी ने सशपथ साबित किया है कि उसके द्वारा कुल 26,00,000/-रू0 अदा किये गये हैं। एनेक्जर सं0 1 से जमा राशि की रसीदें भी प्रस्तुत की गयी हैं, जो पत्रावली पर मौजूद है। आवंटन पत्र की प्रति भी पत्रावली पर एनेक्जर सं0 2 के रूप मे मौजूद है, जिसमें उल्लेख है कि परिवादी को भवन आवंटित किया गया, परंतु कब्जा कभी भी प्रदान नहीं किया गया। इस संबंध में विपक्षीगण की ओर से कोई कथन नहीं किया गया है कि कब्जा प्रदान कर दिया गया है। यह विक्रय-विलेख निष्पादित कर दिया गया है। अत: परिवादीगण अपने द्वारा जमा राशि अंकन 26,00,000/-रू0 09 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से वापस प्राप्त करने के लिए अधिकृत है।
- इसी प्रकार चूकि परिवादी द्वारा यह राशि वर्ष 2011 की अवधि में जमा करायी गयी है तब वह अब तक भवन के मूल्य में अत्यधिक वृद्धि हो चुकी है। इस राशि का प्रयोग विपक्षी द्वारा किया जा रहा है और परिवादी मानसिक एवं आर्थिक प्रताड़ना झेल रहा है। अत: इस मद में परिवादी अंकन 5,00,000/-रू0 की क्षतिपूर्ति प्राप्त करने के लिए अधिकृत है। इसी प्रकार परिवाद व्यय के रूप में 25,000/-रू0 प्राप्त करने के लिए अधिकृत है।
आदेश परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि:- - परिवादी को अंकन 26,00,000/-रू0 मय 09 प्रतिशत ब्याज जमा करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक 45 दिन के अंदर अदा करें। यदि इस राशि का भुगतान 45 दिन के अंदर नहीं किया जाता है तब ब्याज 15 प्रतिशत की दर से देय होगा।
- परिवादी को अंकन 5,00,000/-रू0 मानसिक प्रताड़ना के मद में 45 दिन के अंदर अदा करें। यदि इस राशि का भुगतान 45 दिन के अंदर नहीं किया जाता है तब ब्याज 15 प्रतिशत की दर से देय होगा।
- परिवादी को परिवाद व्यय के रूप में अंकन 25,000/-रू0 अदा करें।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें। (सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार) संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 3 | |