राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-617/2022
(मौखिक)
(जिला उपभोक्ता आयोग, आजमगढ़ द्वारा परिवाद संख्या 54/2022 में पारित आदेश दिनांक 19.05.2022 के विरूद्ध)
किरन श्रीवास्तव पत्नी श्री गिरिजा प्रसाद श्रीवास्तव पता-किरन कुन्ज सुभाष नगर हाइडिल कालोनी सिधारी आजमगढ़। (उ0प्र0)
........................अपीलार्थी/परिवादिनी
बनाम
1. जे.पी. इन्फ्राटेक लिमिटेड, रजिस्टर्ड एण्ड कारपोरेट आफिस सेक्टर 128 नोयडा 201304 द्वारा चेयरमैन
2. कार्वी स्टाक ब्राकिंग लिमिटेड कोड नं0- 3015001 अलका होटल नगर पालिका के सामने शहर व जिला-आजमगढ़ (उ0प्र0) 276001 द्वारा मैनेजर
...................प्रत्यर्थीगण/विपक्षीगण
समक्ष:-
1. माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री पारस नाथ तिवारी,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी संख्या-1 की ओर से उपस्थित : श्री वी0एस0 बिसारिया,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी संख्या-2 की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक: 19.12.2022
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-54/2022 किरन श्रीवास्तव बनाम जे0पी0 इन्फ्राटेक व अन्य में पारित आदेश दिनांक 19.05.2022 के विरूद्ध यह अपील प्रस्तुत की गयी है।
2. जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवाद को इस आधार पर संधारणीय नहीं माना है कि परिवाद में यह उल्लेख नहीं है कि एफ0डी0 पर कितना ब्याज दिलाया जाना है।
3. इस आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गयी है कि जिला उपभोक्ता आयोग का आदेश अवैधानिक है। परिवाद पत्र के पैरा संख्या-3
-2-
में स्पष्ट रूप से ब्याज की गणना का उल्लेख किया गया है, इसलिए परिवाद संधारणीय है।
4. दोनों पक्षकारों के विद्वान अधिवक्ताओं को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया।
5. परिवाद पत्र में यह उल्लेख किया गया है कि परिवादिनी द्वारा कुल 15 एफ0डी0 ली गयी थी, जिनकी परिपक्वता पर भुगतान में देरी हुई है। इन देरी के दिनों का स्पष्ट उल्लेख किया गया है और इस अवधि का जो ब्याज बनता है, उसका उल्लेख भी पैरा संख्या-3 में किया जाना अपील पत्रावली पर उपलब्ध परिवाद पत्र में अंकित है, जिसका समुचित परीक्षण व परिशीलन मूल पत्रावली में करना आवश्यक प्रतीत होता है। अत: जिला उपभोक्ता आयोग का यह निष्कर्ष तथ्यात्मक नहीं है कि परिवादिनी ने जो ब्याज मांगा है वह सुनिश्चित नहीं है। सुनिश्चित धनराशि का उल्लेख परिवाद पत्र में किया गया है। अत: जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित आदेश अपास्त होने योग्य है।
आदेश
6. प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है तथा जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित आदेश दिनांक 19.05.2022 अपास्त किया जाता है तथा यह प्रकरण जिला उपभोक्ता आयोग को इस आशय से प्रतिप्रेषित किया जाता है कि जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा परिवाद को संधारणीय मानते हुए उभय पक्ष को साक्ष्य एवं सुनवाई का अवसर देकर गुणदोष के आधार पर 03 माह में निर्णय पारित किया जाये।
उभय पक्ष जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष दिनांक 11.01.2023 को उपस्थित हों।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (सुशील कुमार)
अध्यक्ष सदस्य
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1