Final Order / Judgement | (सुरक्षित) राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ। परिवाद सं0 :- 204/2017 - Ashish Sinha aged about 53 years son of Late G.C. Sinha resident of Flat 301, Moksh Apartments Upper Govind Nagar Malad East Mumbai (Maharashtra)-400097.
- Smt. Vaishali Sinha Wife of Sri Ashish Sinha aged about 49 years resident of Flat 301, Moksh Apartments Upper Govind Nagar, Malad East Mumbai (Maharashtra)-400097
- Complainants
Versus Jaypee Infratech Limited having registered office at sector 128 Noida (UP) 201304 through its Managing Director - Opp. Party
समक्ष - मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य
- मा0 श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य
उपस्थिति: परिवादीगण के विद्वान अधिवक्ता:-श्री संजय कुमार वर्मा विपक्षी के विद्वान अधिवक्ता:- श्री मोहित चन्द्रा दिनांक:-04.06.2024 माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित निर्णय - यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध फ्लैट संख्या KU4-1703 Jaypee Greens-Noida का कब्जा प्राप्त करने के लिए तथा परिवादी द्वारा जमा राशि अंकन 64,86,781.56/-रू0 पर 31 मार्च 2017 तक 12 प्रतिशत ब्याज तथा इसके ब्याज 18 प्रतिशत की दर से प्राप्त करने के लिए प्रस्तुत किया गया है।
- परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि विपक्षीगण द्वारा दिनांक 22.02.2011 को परिवादी के पक्ष में उपरोक्त वर्णित फ्लैट आवंटित किया गया, जिसका मूल्य 63,74,900/-रू0 दर्शाया गया, जिसको अदा करने के लिए परिवादी द्वारा बैंक बैंक से ऋण प्राप्त किया गया। कब्जा वर्ष 2014 तक दिया जाना था, परंतु परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि तक भी कब्जा प्रदान नहीं किया गया। दिनांक 09.09.2014 के पत्र द्वारा मार्च 2017 तक कब्जा देने के लिए कहा गया, परंतु कब्जा प्रदान नहीं किया गया। परिवादी द्वारा कुल 64,86,781.56/-रू0 जमा कराये गये हैं। परिवाद पत्र में वर्णित तथ्यों को शपथ पत्र द्वारा साबित किया गया है तथा एनेक्जर सं0 1 लगायत 11 प्रस्तुत किये गये हैं।
- दिनांक 07.09.2017 के आदेश पंजिका के अनुसार दिनांक 17.08.2017 को विपक्षी पर पंजीकृत डाक से समन भेजे गये इस तिथि तक 30 दिन पूर्व नहीं हुआ, इसलिए लिखित कथन के लिए दिनांक 26.10.2017 नियत की गयी। इसके पश्चात दिनांक 04.01.2018 को तामील पर्याप्त मानी गयी, परंतु लिखित कथन प्रस्तुत नहीं हुआ और इसके बाद कभी भी लिखित कथन प्रस्तुत नहीं किया गया, इसलिए परिवाद पत्र में वर्णित तथ्य का कोई खण्डन विपक्षी भवन निर्माता की ओर से नहीं किया गया।
- परिवादी ने सशपथ साबित किया है कि उनके द्वारा केवल 63,74,900/-रू0 जमा किये गये हैं। जमा की रसीद भी पत्रावली पर मौजूद है। परिवादी ने यह तथ्य भी साबित किया है। पक्षकारों के मध्य निष्पादित करार के अनुसार, जिसकी प्रति पत्रावली पर मौजूद है। 2014 तक कब्जा प्रदान किया जाना था, परंतु यह कब्जा कभी भी प्रदान नहीं किया गया, इसलिए परिवादी वांछित अनुतोष प्राप्त करने के लिए अधिकृत है, चूंकि परिवादीगण द्वारा वर्ष 2014 में उपरोक्त वर्णित धन धमा किया गया है, परंतु आज तक भी इस धन का उपभोग नहीं किया गया। अत: परिवादीगण को उच्च कोटी का मानसिक संताप कारित हुआ है। अत: परिवादीगण इस मद में अंकन 5,00,000/-रू0 की क्षतिपूर्ति प्राप्त करने के लिए अधिकृत है।
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परिवाद स्वीकार किया जाता है। विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि:- - परिवादीगण को 06 माह के अंदर प्रश्नगत फ्लैट का कब्जा सुपुर्द करे।
- परिवादी द्वारा जमा राशि पर दिनांक 01 अप्रैल 2014 से 31 मार्च 2017 तक 12 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज अदा किया जाये तथा इसके पश्चात 18 प्रतिशत की दर से तब तक ब्याज अदा किया जाये जब तक प्रश्नगत भवन का कब्जा परिवादीगण को सुपुर्द नहीं कराया जाये।
- परिवादी को मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में अंकन 5,00,000/-रू अदा करे।
- परिवादी को 25,000/-रू0 वाद व्यय के रूप में अदा करे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार) सदस्य सदस्य संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 3 | |