( मौखिक )
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।
परिवाद संख्या :133/2017
अवतार सिंह विनायक
जय प्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड
दिनांक : 08-02-2023
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित निर्णय
परिवादी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री पियूष मणि त्रिपाठी उपस्थित। विपक्षी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री प्रतुल प्रताप सिंह उपस्थित।
प्रस्तुत परिवाद विगत 05 वर्षों से लम्बित है। लगभग 20 तिथियों पर विभिन्न कारणों से वाद स्थगित होता रहा। विपक्षी के विद्धान अधिवक्ता द्वारा इस न्यायालय को दिनांक 15-12-2021 को, पुन: दिनांक 11-07-2022 को इस तथ्य से अवगत कराया गया कि प्रस्तुत परिवाद से संबंधित विवाद मा0 राष्ट्रीय आयोग के सम्मुख लम्बित है, जिसमें मा0 राष्ट्रीय आयोग द्वारा दिनांक 12-07-2022 की तिथि नियत की गयी है उक्त तथ्य को दृष्टिगत रखते हुए परिवाद को स्थगित किया गया।
परिवादी की ओर से उपस्थित विद्धान अधिवक्ता द्वारा इस न्यायालय के सम्मुख यह तथ्य उल्लिखित किया गया कि परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद जब योजित किया गया था तब परिवादी की आयु लगभग 72 वर्ष थी जो वर्तमान में 78 वर्ष है तथा यह कि परिवादी द्वारा विपक्षी कम्पनी को आवंटित फ्लैट हेतु वर्ष-2015 तक रू0 45,15,741/-रू0 प्राप्त कराया/भुगतान किया जा चुका है जब कि आवंटित फ्लैट का कुल मूल्य रू0 46,48,250/- विपक्षी
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कम्पनी द्वारा अवगत कराया गया था। तदनुसार यह तथ्य सुस्पष्ट पाया गया कि लगभग 97 प्रतिशत देय धनराशि परिवादी द्वारा वर्ष-2015 तक विपक्षी कम्पनी को प्राप्त करायी जा चुकी है परन्तु परिवादी द्वारा जमा धनराशि के पश्चात भी विपक्षी कम्पनी द्वारा अनेकों व्यवधान उत्पन्न करते हुए आज दिनांक तक आवंटित फ्लैट के संबंध में न तो अनुतोष प्रदान किया गया, न ही फ्लैट ही प्रदान किये जाने के संबंध में कोई प्रपत्र प्रस्तुत किये गये।
दौरान बहस परिवादी की ओर से उपस्थित विद्धान अधिवक्ता द्वारा मा0 राष्ट्रीय आयोग द्वारा पारित निर्णय प्रथम अपील संख्या-380/2019 Jaipradash Associates Limited Vs. Deepti Kumar & Ors. के निर्णय की प्रति प्रस्तुत की गयी है।
हमारे द्वारा मा0 राष्ट्रीय आयोग द्वारा पारित निर्णय का सम्यक परिशीलन एवं परीक्षण किया गया। उपरोक्त निर्णय में मा0 राष्ट्रीय आयोग द्वारा निम्न आदेश पारित किया गया है :-
“In view of the aforesaid discussions, the appeal is partly allowed. The order of State Commission dated 24-10-2018 is modified. The appellant is directed to refund entire amount deposited by the complainant with interest @ 9% per annum from the date of respective deposit till the date of actual payment, within a period of two months from the date of this judgment. Respondent-1 would also be entitled for a consolidated cost of Rs. 20,000/-. While making payment, loan of Axis Bank Limited shall be adjusted first.”
तदनुसार मा0 राष्ट्रीय आयोग द्वारा पारित उपरोक्त निर्णय के अनुसार प्रस्तुत परिवाद अंतिम रूप से निर्णीत किया जाता है तथा विपक्षी कम्पनी को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी को उसकी जमा धनराशि मय 09 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज के साथ दो माह की अवधि में वापस की
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जावे, साथ ही वाद व्यय के रूप में रू0 50,000/-हर्जाना भी विपक्षी कम्पनी द्वारा परिवादी को अदा किया जावे।
उपरोक्त सम्पूर्ण धनराशि मय ब्याज विपक्षी कम्पनी द्वारा परिवादी को दो माह की अवधि में यदि प्राप्त नहीं करायी जावेगी तब जमा धनराशि पर ब्याज की देयता 09 प्रतिशत के स्थान पर 12 प्रतिशत की गणना से देय होगी जैसा कि मा0 सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मेरठ विकास प्राधिकरण बनाम सुरेश चन्द्र गर्ग IA No. 202401/2022 दिनांक 05-01-2023 द्वारा निर्धारित किया गया है।
तदनुसार परिवाद अंतिम रूप में निर्णीत किया जाता है।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) ( विकास सक्सेना )
अध्यक्ष सदस्य
प्रदीप मिश्रा , आशु0 कोर्ट नं0-1