(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-695/2023
भारतीय एक्सा जनरल इं0कं0लि0 (अब विलीन हो गई आई0सी0आई0सी0आई0 लोम्बार्ड जनरल इं0कं0लि0 में) बनाम जयराम पुत्र श्री नाथूराम व अन्य
दिनांक:-31.5.2024
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील इस न्यायालय के सम्मुख जिला उपभोक्ता आयोग, फिरोजाबाद द्वारा परिवाद संख्या-20/2021 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 18.01.2023 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी है।
विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने उभय पक्ष के अभिकथन एवं उपलब्ध साक्ष्य पर विस्तार से विचार करने के उपरांत परिवाद को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए निम्न आदेश पारित किया है:-
''परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षी सं0-1 को आदेशित किया जाता है कि वह निर्णय की तिथि से एक माह के भीतर विपक्षी सं0-2 को प्रश्नगत ट्रैक्टर की बीमित धनराशि मु0-3,25,000/- रू0 प्रदान करे। इसके अतिरिक्त विपक्षी सं0-1 परिवादी को परिवाद व्यय के रूप में 5000/- रू0 व मानसिक, आर्थिक व शारीरिक क्षति के रूप में 10,000 /- रू0 भी उक्त अवधि में अदा करेगा।"
जिला उपभोक्ता आयोग के प्रश्नगत निर्णय/आदेश से क्षुब्ध होकर अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1 बीमा कम्पनी की ओर से प्रस्तुत अपील योजित की गई है।
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मेरे द्वारा अपीलार्थी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता श्री प्रसून कुमार राय को सुना तथा जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश का सम्यक परिशीलन एवं परीक्षण किया गया। प्रत्यर्थी के अधिवक्ता अनुपस्थित है।
विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्त तथा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता के कथन को दृष्टिगत रखते हुए मैं इस मत का हूँ कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा परिवाद स्वीकार करते हुए जो निर्णय/आदेश पारित किया गया है, उसको निम्न आदेशानुसार परिवर्तित किया जाना उचित पाया जाता है अर्थात अपीलार्थी बीमा कम्पनी द्वारा प्रत्यर्थी/परिवादी को जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा आदेशित बीमित धनराशि रू0 3,25,000.00 (तीन लाख पच्चीस हजार रू0) की 75 प्रतिशत धनराशि अदा/प्राप्त करायी जावे।
साथ ही प्रश्नगत आदेश में अपीलार्थी/विपक्षी बीमा कम्पनी के विरूद्ध जो क्षतिपूर्ति के मद में रू0 10,000.00 (दस हजार रू0) एवं परिवाद व्यय के मद में रू0 5,000.00 (पॉच हजार रू0) की देयता निर्धारित की गई हैं, वह भी वाद के सम्पूर्ण तथ्यों एवं परिस्थितियों तथा अपीलार्थी के अधिवक्ता के कथन को दृष्टिगत रखते हुए अधिक प्रतीत हो रही है तद्नुसार क्षतिपूर्ति की देयता रू0 10,000.00 (दस हजार रू0) के स्थान पर रू0 5,000.00 (पॉच हजार रू0) तथा वाद व्यय की देयता रू0 5,000.00 (पॉच हजार रू0) के स्थान पर रू0 3,000.00 (तीन हजार रू0) में परिवर्तित किया जाना उचित पाया जाता है।
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तदनुसार प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। निर्णय/आदेश का शेष भाग यथावत कायम रहेगा।
यहॉ यह तथ्य भी उल्लेखनीय है कि भुगतान की परिस्थितियों का सम्यक परीक्षण करने के पश्चात यदि यह पाया जाता है कि भुगतान की देयता फाइनेंस कम्पनी के पक्ष में देय है तब उपरोक्त भुगतान फाइनेंस कम्पनी को 06 (छ:) सप्ताह में प्रदान किया जावे।
अंतरिम आदेश यदि कोई पारित हो, तो उसे समाप्त किया जाता है।
प्रस्तुत अपील को योजित करते समय यदि कोई धनराशि अपीलार्थी द्वारा जमा की गयी हो, तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित सम्बन्धित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
हरीश आशु.,
कोर्ट नं0-1