Uttar Pradesh

StateCommission

A/2014/1018

Reena Chauhan - Complainant(s)

Versus

Jassi Motors - Opp.Party(s)

O P Duvel

18 Feb 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2014/1018
( Date of Filing : 16 May 2014 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Reena Chauhan
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Jassi Motors
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 18 Feb 2022
Final Order / Judgement

(मौखिक)                                             

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

अपील संख्‍या- 1018/2014

श्रीमती रीना चौहान पत्‍नी श्री सुरेन्‍द्र सिंह चौहान निवासी ग्राम व पोस्‍ट खरपरी, थाना कोतवाली, जिला-मैनपुरी।                                                

                                             ..........अपीलार्थी।

                             बनाम

जस्‍सी मोटर्स राधा रमन रोड, मैनपुरी द्वारा प्रबंधक श्री हरदीप सिंह पुत्र श्री कल्‍याण सिंह (हीरो मोटो कार्प एजेंसी)।

                                              ...........प्रत्‍यर्थी। 

मक्ष:-

    माननीय श्री सुशील कुमार सदस्‍य  

    माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित       :  श्री ओ0पी0 दुवेल,  

                             विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित     :  श्री विजय कुमार यादव,

                             विद्वान अधिवक्‍ता।                                  

दिनांक-  18.02.2022

माननीय श्री विकास सक्‍सेना सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.        परिवाद सं0- 141/2012 श्रीमती रीना चौहान बनाम जस्‍सी मोटर्स में जिला उपभोक्‍ता आयोग, मैनपुरी द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दि0 21.03.2014 के विरुद्ध यह अपील धारा 15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अंतर्गत राज्‍य आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत की गई है।

2.        वाद के तथ्‍य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि अपीलार्थी/परिवादिनी ने दि0 13.01.2011 को एक हीरो होण्‍डा सी0डी0 डीलेक्‍स मोटरसाइकिल क्रय की थी जिसका बिल (इनवाइस) सं0-3112 रू0 39,800/- प्रत्‍यर्थी/विपक्षी द्वारा अपीलार्थी/परिवादिनी को जारी किया गया था जिसमें मोटरसाइकिल की कीमत रू0 38,116/-, बीमा का मूल्‍य रू0 रू0 1174/- तथा रू0 150/- सीट कवर व रू0 150/- पासपोर्ट फीस कुल रू0 39,590/- हुई जब कि अपीलार्थी/परिवादिनी से रू0 210/- अधिक वसूल किए गए जिसको वापस करने की मांग की तो प्रत्‍यर्थी/विपक्षी द्वारा अनुचित व्‍यवहार किया गया तथा एजेंसी से बाहर निकला दिया जिससे व्‍यथित होकर यह परिवाद प्रस्‍तुत किया गया है।

3.        प्रत्‍यर्थी/विपक्षी की ओर से प्रतिवाद पत्र प्रस्‍तुत कर परिवाद पत्र के अभिकथनों को अस्‍वीकार किया गया है तथा यह कथन किया गया है कि परिवाद काफी सोच विचार कर गलत तथ्‍यों के आधार पर प्रस्‍तुत किया गया है जो संधारणीय नहीं है। प्रत्‍यर्थी/विपक्षी द्वारा यह प्रतिवाद पत्र में यह भी कथन किया गया है कि अपीलार्थी/परिवादिनी को सर्विस हेतु कभी मना नहीं किया तथा नकली बाजारू मोबिल आयल से सर्विस न करके खराब होने से बचाने हेतु असली पैक के स्‍टैण्‍डर्ड मोबिल आयल से सर्विस करने की कहने पर प्रत्‍येक सर्विस पर मोबिल आयल बदलने का लिया गया है जो हीरो होण्‍डा के बुकलेट पर अंकित है।

4.        उभयपक्ष के साक्ष्‍य पर विचार करने के उपरांत विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग ने यह दावा समय-सीमा से बाधित माना है और केवल इसी आधार पर परिवाद खारिज कर दिया है।

5.        अपीलार्थी/परिवादिनी के विद्वान अधिवक्‍ता का कथन है कि प्रश्‍नगत निर्णय व आदेश विधि विरुद्ध है। परिवाद समयावधि के अंतर्गत प्रस्‍तुत किया गया था, अत: समय-सीमा से बाधित होने के आधार पर परिवाद खारिज किया जाना अनुचित है।

6.       अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री ओ0पी0 दुवेल तथा प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री विजय कुमार यादव को सुना गया। प्रश्‍नगत निर्णय व आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध अभिलेखों का सम्‍यक परिशीलन किया गया।

7.        दस्‍तावेज सं0- 14 के अवलोकन से स्‍पष्‍ट जाहिर होता है कि अपीलार्थी/परिवादिनी से अंकन 39,800/-रू0 प्राप्‍त किए गए हैं जब कि दस्‍तावेज सं0- 15 एवं 16 के अवलोकन से जाहिर होता है कि क्रय किए गए वाहन का कुल मूल्‍य सीट कवर तथा पासपोर्ट फीस सहित 39,590/-रू0 होता है। प्रत्‍यर्थी/विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता को यह तथ्‍य भी स्‍वीकार है कि अंकन 210/-रू0 अंतर्निहित है। प्रत्‍यर्थी/विपक्षी की ओर से 210/-रू0 किस मद में प्राप्‍त किए गए इसका कोई स्‍पष्‍टीकरण नहीं दिया गया है, अत: यह तथ्‍य स्‍थापित होता है कि अपीलार्थी/परिवादिनी से 210/-रू0 अतिरिक्‍त प्राप्‍त किए गए। यह कार्य अनुचित व्‍यापार की श्रेणी में आता है।

8.        विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग से देरी से परिवाद प्रस्‍तुत करने के आधार पर अपीलार्थी/परिवादिनी का परिवाद इस आधार पर खारिज किया गया है कि परिवाद 02 वर्ष की अवधि व्‍यतीत हो जाने के पश्‍चात योजित किया गया है जब कि दि0 13.01.2011 को वाहन क्रय किया गया है और दि0 30.10.2012 को परिवाद प्रस्‍तुत कर दिया, इसलिए परिवाद समयावधि के अन्‍दर है।

9.        प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी की ओर से परिवाद पत्र में मानसिक प्रताड़ना के मद में 1,00,000/-रू0 क्षतिपूर्ति दिलाये जाने हेतु याचना की गई है जब कि क्रय किए गए वाहन का मूल्‍य कुल 39,590/-रू0 है, अत: मानसिक प्रताड़ना के मद में 39,590/-रू0 की एक-चौथाई राशि प्रदान की जा सकती है न कि 1,00,000/-रू0। अपीलार्थी/परिवादिनी द्वारा परिवाद व्‍यय के रूप में 11,000/-रू0 की मांग की गई है जो अत्‍यधिक है इस मद में अंकन 2500/-रू0 का आदेश दिया जाना उचित होगा। विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय व आदेश अपास्‍त किए जाने तथा अपील स्‍वीकार किए जाने योग्‍य है।

आदेश

10.            अपील स्‍वीकार की जाती है। प्रश्‍नगत निर्णय व आदेश अपास्‍त किया जाता है। अपीलार्थी/परिवादिनी का परिवाद इस प्रकार स्‍वीकार किया जाता है कि अपीलार्थी/परिवादिनी को अंकन 210/-रू0 मय 06 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्‍याज सहित परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि से अन्तिम भुगतान की तिथि तक प्रत्‍यर्थी/विपक्षी अदा करे तथा अपीलार्थी/परिवादिनी मानसिक प्रताड़ना के मद में 39,590/-रू0 की एक-चौथाई राशि भी प्रत्‍यर्थी/विपक्षी से पाने की अधिकारी है। परिवाद व्‍यय के रूप में 11,000/-रू0 की मांग की गई है यह राशि अत्‍यधिक है, इस मद में अंकन 2500/-रू0 प्रत्‍यर्थी/विपक्षी, अपीलार्थी/परिवादिनी को प्रदान करेगा।     

          अपील में उभय-पक्ष अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।   

           आशुलि‍पिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइड पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

       (विकास सक्‍सेना)                       (सुशील कुमार)                

           सदस्‍य                              सदस्‍य

शेर सिंह आशु०, कोर्ट नं0- 03

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.