Uttar Pradesh

StateCommission

A/2009/488

National P G Collage - Complainant(s)

Versus

Jaspreet Singh - Opp.Party(s)

T H Naqvi

19 Jun 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2009/488
( Date of Filing : 25 Mar 2009 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. National P G Collage
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Jaspreet Singh
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 19 Jun 2024
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-488/2009

नेशनल पोस्‍ट ग्रजुएट कालेज, राणा प्रताप मार्ग, लखनऊ द्वारा प्रिंसिपल

बनाम

जसप्रीत सिंह पुत्र श्री परमजीत सिंह

 

दिनांक : 19.06.2024 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.        परिवाद संख्‍या-1053/2003, जसप्रीत सिंह बनाम नेशनल पोस्‍ट ग्रेजुएट कालेज में विद्वान जिला आयोग, द्वतीय लखनऊ द्वारा पारित निर्णय/आदेश 8.2.2007 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गई अपील पर अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री टी.एच. नकवी तथा प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री ए.के. मिश्रा को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।

2.        विद्वान जिला आयोग ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए परिवादी द्वारा बतौर फीस जमा 5000/-रू0 वापस लौटाने का आदेश पारित किया है।

3.        अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का यह तर्क है कि परिवादी द्वारा उनके विद्यालय में दाखिला लिया गया था, इसके पश्‍चात किसी अन्‍य विद्यालय में प्रवेश मिल जाने के कारण फीस वापसी की मांग की गई, जो नियमित रूप से वापस नहीं की जा सकती। विद्वान जिला आयोग द्वारा फीस वापसी का आदेश विधि विरूद्ध है।

4.        प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का यह तर्क है कि परिवादी का  प्रवेश  स्‍वंय  वित्‍त पोषित योजना के अंतर्गत कराया गया, इसलिए परिवादी  द्वारा  किसी  अन्‍य विद्यालय में दाखिला ले लिया गया और

-2-

विपक्षी के पास जमा की गई राशि वापस मांगी, इसलिए विद्वान जिला आयोग का निर्णय/आदेश विधिसम्‍मत है।

5.        दस्‍तावेज सं0-18 परिवादी के पिता श्री परम जीत सिंह द्वारा लिखा गया है। दस्‍तावेज सं0-18 पर मौजूद पत्र में उल्‍लेख है कि उनके पुत्र का प्रवेश क्रिश्चियन कालेज, लखनऊ में हो गया है, इसलिए अग्रिम राशि जो जमा की गई है, उसे वापस करने के लिए पत्र लिखा गया है और इस पत्र में विद्यालय पर कोई आरोप नहीं लगाया गया है। दस्‍तावेज सं0-19 पर मौजूद पत्र परिवादी की ओर से लिखा गया है और इस पत्र में भी विद्यालय पर किसी प्रकार का आरोप नहीं लगाया गया है। अत: यह कहना निरर्थक है कि विद्यालय द्वारा किसी अन्‍य योजना के अंतगत प्रवेश कराया गया, इसलिए यह राशि वापस मांगी जा रही है। वास्‍तविक स्थिति यह है कि परिवादी को क्रिश्चियन कालेज, लखनऊ में प्रवेश मिल गया, इसलिए यह राशि मांगी गई है। जैसा कि इस पीठ को अनुभव के आधार पर ज्ञात है कि एक निश्चित अवधि के दौरान एक विद्यालय से दूसरे विद्यालय में प्रवेश मिलने पर जमा राशि निश्‍चित कटौती के बाद वापस किए जाने की व्‍यवस्‍था है। अत: इस सीमा तक परिवाद स्‍वीकार किया जा सकता है कि एक निश्चित अवधि के बाद मांग किए जाने पर निश्चित कटौती के बाद जो राशि वापस की जा सकती है, वह राशि वापस की जाए और इस राशि पर ब्‍याज अदा करने का कोई भी आदेश दिया जाना अनुचित है। तदनुसार प्रस्‍तुत अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार होने योग्‍य है।

आदेश

6.        प्रस्‍तुत अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 08.02.2007

-3-

इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि विद्यालय के ब्रोशर के अनुसार जमा फीस किसी अन्‍य विद्यालय में दाखिला मिलने पर किस सीमा के अंतर्गत एवं कितनी सीमा तक कटौती के पश्‍चात वापस की जानी चाहिए, यह सुनिश्चित करते हुए अवशेष राशि परिवादी को एक माह के अंदर उपलब्‍ध कराई जाए। यदि एक माह के अंदर यह राशि उपलब्‍ध करा दी जाती है तब कोई ब्‍याज देय नहीं होगा और यदि एक माह के अंदर यह राशि उपलब्‍ध नहीं कराई जाती है तब विद्वान जिला आयोग द्वारा निर्धारित ब्‍याज दर देय होगी। यहां यह स्‍पष्‍ट किया जाता है कि जमा फीस की वापसी विशुद्ध रूप से विद्यालय के प्रोस्‍पेक्‍टस के आधार पर सुनिश्‍चित की जाएगी, जिसकी एक प्रति वापसी आदेश के साथ इस आयोग के समक्ष भी प्रेषित की जाएगी।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित संबंधित जिला आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

          आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

 

 

(सुधा उपाध्‍याय)                           (सुशील कुमार(

  सदस्‍य                                   सदस्‍य

 

लक्ष्‍मन, आशु0,

    कोर्ट-2

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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