Uttar Pradesh

Kanpur Nagar

cc/258/2012

ranjan tikku - Complainant(s)

Versus

janak sons - Opp.Party(s)

23 Feb 2015

ORDER

CONSUMER FORUM KANPUR NAGAR
TREASURY COMPOUND
 
Complaint Case No. cc/258/2012
 
1. ranjan tikku
RATAN LAL NAGAR KANPUR
...........Complainant(s)
Versus
1. janak sons
KANPUR NAGAR
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. RN. SINGH PRESIDENT
 HON'BLE MR. PURUSHOTTAM SINGH MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

 

                                                                    जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।

   अध्यासीनः      डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष    
                          पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
    

उपभोक्ता वाद संख्या-258/2012
राजन टिक्कू पुत्र श्री भूशण लाल टिक्कू निवासी-404-ए, सी-540, गोपाला ग्रीन अपार्टमेंट रतनलाल नगर, कानपुर।
                                                                                                                                          ................परिवादी
बनाम      
1.    मेसर्स जनक सन्स, स्थित जनक भवन-109/375, आर0के0 नगर, जी0 टी0 रोड, कानपुर द्वारा प्रोपराइटर/पार्टनर।
2.    मेसर्स गोदरेज एण्ड ब्वायसी मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी लि0, स्थित एच0ओ0 पिरोजसा नगर, विखरोली मुम्बई-400079 द्वारा मैनेजर एवं प्रिंसिपल आॅफिसर।
3.    मेसर्स गोदरेज एण्ड ब्वायसी मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी लि0, संजय काम्प्लेक्स, सी-3/3 एवं 3/4 नियर आल इंडिया रेडियो, विधानसभा मार्ग लखनऊ-226001 (यू0पी0) द्वारा मैनेजर एवं प्रिंसिपल आॅफिसर।
                                                                                                                                                                               ...........विपक्षीगण
                                                                                                                                           परिवाद दाखिल होने की तिथिः 25.04.2012
                                                                                                                                                               निर्णय की तिथिः 30.05.2016
                                                               डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
 ःःः                                                                             निर्णयःःः
1.      परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि विपक्षीगण को आदेषित किया जाये कि रेफ्रिजरेटर माॅडल - ळथ्म् 32 सीरियल नं0-61000767  परिवादी की संतुश्टि के अनुसार मरम्मत करके परिवादी को देवे। 
अथवा
    विकल्प के अनुसार उपरोक्त त्रुटियुक्त रेफ्रिजरेटर परिवादी से वापस प्राप्त करके, उक्त रेफ्रिजरेटर की कीमत रू0 19700.00 मय 12 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से दिनांक 01.03.09 से (वह तिथि जिस तिथि से ए.एम.सी. अनुबन्ध प्रभावी हुआ) तायूम वसूली दिलाया जाये। अथवा विपक्षीगण को आदेषित किया जाये कि विपक्षीगण उपरोक्त त्रुटियुक्त रेफ्रिजरेटर को एक नवीन गुणवत्तायुक्त रेफ्रिजरेटर जो कि समान 
.............2
....2....

विषेशताओं से युक्त हो, से बदलकर दिया जाये अथवा परिवादी से अंतर धनराषि प्राप्त करके प्रष्नगत रेफ्रिजरेटर से अधिक क्षमता वाला रेफ्रिजरेटर उपलब्ध कराये एवं विपक्षीगण को आदेषित किया जाये कि विपक्षीगण परिवादी को रू0 50000.00 आर्थिक क्षति के रूप में अदा करे, जो कि परिवादी को त्रुटियुक्त रेफ्रिजरेटर के कारण परिवादी की पत्नी के कंधे में चोट आयी। भोजन/सब्जियाॅं खराब हुई तथा विधिक कार्यवाही में व्यय हुआ आर्थिक व मानसिक क्षतिपूर्ति के लिए रू0 30000.00 दिलाया जाये तथा परिवाद व्यय दिलाया जाये।

2.     परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी द्वारा विपक्षी सं0-1 से दिनांक 26.10.07 को एक गोदरेज कंपनी का रेफ्रिजरेटर माॅडल-ळथ्म् 32 सीरियल नं0-61000767  रू0 19,700.00 में क्रय किया गया था। उभयपक्षों के मध्य दिनांक 27.02.09 को एक ए.एम.सी. अनुबन्ध किया गया, जिसकी वैधता दिनांक 25.10.12 तक थी। उक्त अनुबन्ध के अंतर्गत विपक्षीगण का यह उत्तरदायित्व था कि वे परिवादी को प्रभावी एवं उच्च गुणवत्तायुक्त सेवायें परिवादी की संतुश्टि पर देंगे। प्रष्नगत फ्रिज से पानी, उक्त ए.एम.सी. अनुबन्ध की अवधि के अंदर ही लीक करने लगा। परिवादी द्वारा उपरोक्त षिकायत नं0-1504782732 विपक्षी के यहां की गयी, किन्तु दिनंाक 15.04.11 से विपक्षीगण द्वारा उक्त कमी को दूर नहीं किया गया। उक्त लिकेज से रेफ्रिजरेटर में रखी हुई सब्जियाॅं एवं खाद्य पदार्थ बर्बाद हो गये, किचन गंदा एवं फिसलन युक्त हो गया, जिससे परिवादी की पत्नी किचन में एक दिन फिसल गयी और उसके कंधे में गंभीर चोट आयी, जिसके इलाज में परिवादी को भारी खर्चा वहन करना पड़ा। किन्तु विपक्षीगण व निर्माता कंपनी के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी, मात्र आष्वासन दिया जाता रहा, जिससे परिवादी को भारी मानसिक अवसाद का सामना करना पड़ा। विवष होकर परिवादी द्वारा दिनांक 29.11.11 को एक पत्र विपक्षी सं0-1 व 3 को प्रष्नगत रेफ्रिजरेटर बदलकर दूसरा रेफ्रिजरेटर देने हेतु पत्र लिखे गये। विपक्षी सं0
...............3
...3...

3 निर्माता कंपनी के लखनऊ कार्यालय द्वारा प्रष्नगत त्रुटियुक्त रेफ्रिजरेटर की क्रय कीमत का 55 प्रतिषत जो कि रू0 10,825.00 होती है, को घटाकर नया माॅडल. ळथ्म् 36 पर्् का षेश रू0 16500.00 अदा कर देने का प्रस्ताव किया। विपक्षीगण द्वारा 55 प्रतिषत की छूट इसलिए दी गयी, क्योंकि पूर्व में परिवादी को दिया गया फ्रिज उपयुक्त नहीं था, जिससे यह सिद्ध होता है कि प्रष्नगत रेफ्रिजरेटर में निर्माणी त्रुटि थी, जो कि ठीक होने योग्य नहीं थी। यहां यह उल्लेख करना समीचीन होगा कि विपक्षीगण के द्वारा प्रस्तावित रेफ्रिजरेटर माॅडल. ळथ्म् 36 पर्् खुले बाजार में  20-22 हजार रूपये के अंदर आसानी से उपलब्ध है। इसलिए विपक्षीगण के द्वारा प्रस्तावित द्वितीय माॅडल की कीमत जो कि कुल जोडकर रू0 27,350.00 होती है, उचित एवं न्यायसंगत नहीं है। विपक्षीगण के द्वारा उचित प्रस्ताव यह होगा कि परिवादी को नवीन प्रस्तावित माॅडल पर छूट, या तो उपभोक्ता की कीमत पर अथवा कंपनी द्वारा निर्धारित अधिकतम रिटेल कीमत पर होती है। इस प्रकार विपक्षीगण के द्वारा प्रस्तुत किया गया छूट का प्रस्ताव अतार्किक एवं अनुचित होने के कारण परिवादी द्वारा स्वीकार नहीं किया गया। प्रष्नगत रेफ्रिजरेटर में निर्माणी त्रुटि है, जिसे बदलकर दूसरा नया रेफ्रिजरेटर न देकर विपक्षीगण के द्वारा सेवा में भारी कमी कारित की गयी है। परिवादी द्वारा विपक्षीगण को विधिक नोटिस भेजने के बावजूद भी विपक्षीगण द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी। फलस्वरूप परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3.    विपक्षी सं0-2 व 3 की ओर से जवाब दावा प्रस्तुत करके यह परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र का प्रस्तरवार खण्डन किया गया है और अतिरिक्त कथन में यह कहा गया है कि परिवादी प्रष्नगत रेफ्रिजरेटर में निर्माणी त्रुटि होने के कारण परिवादी द्वारा किसी विषेशज्ञ की तकनीकी रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गयी है। अतः इसी आधार पर परिवाद खारिज किये जाने योग्य है। परिवादी को प्रष्नगत फ्रिज को बदलकर नया फ्रिज देने अथवा फ्रिज की धनराषि वापस नहीं दिलायी जा सकती, क्योंकि वारंटी की षर्तों के अनुसार परिवादी को उक्त नोटिस उन 
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...4...

परिस्थितियों में दी जा सकती है, जब वारंटी अवधि के अंतर्गत प्रष्नगत फ्रिज में कोई ऐसी त्रुटि कारित हुई हो, जिसकी मरम्मत किया जाना संभव न हो। परिवादी के फ्रिज में मरम्मत से ठीक करने वाली त्रुटि बतायी गयी है, जिसे वारंटी की षर्तों के अनुसार विपक्षीगण ठीक करने के लिए सहमत हैं। उक्त फ्रिज में कोई निर्माणी त्रुटि नहीं है। अतः परिवाद पत्र खारिज किया जाये।
4.    परिवाद योजित होने के पष्चात विपक्षी सं0-1 को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, लेकिन पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षी सं0-1 फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं आये। अतः विपक्षी सं0-1  पर पर्याप्त तामीला मानते हुए दिनांक 29.01.14 को विपक्षी सं0-1 के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेष पारित किया गया।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
5.    परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 24.04.12 एवं 28.05.14 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची कागज सं0-1 के साथ संलग्न कागज सं0-1/1 लगातय् 1/9 दाखिल किया है।
विपक्षी सं0-2 व 3 की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
6.    विपक्षी सं0-2 व 3 ने अपने कथन के समर्थन में ब्रिजेन वी. गोसालिया, ब्रांच कामर्षियल मैनेजर का षपथपत्र दिनांकित 15.04.14 दाखिल किया है।
निष्कर्श
7.    फोरम द्वारा उभयपक्षों के विद्वान अधिवक्तागण की बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया। 
    उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि स्वयं परिवादी के  द्वारा अपने परिवाद पत्र में  कतिपय 
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...5...

स्थानों पर प्रष्नगत रेफ्रिजरेटर में निर्माणी त्रुटि का उल्लेख किया गया है। परिवादी द्वारा प्रष्नगत रेफ्रिजरेटर में निर्माणी त्रुटि विपक्षी द्वारा ठीक न करने से विक्षुब्ध होकर प्रस्तुत परिवाद दाखिल किया गया है। विपक्षी सं0-2 व 3 की ओर से प्रमुख विधिक तर्क यह किया गया है कि क्योंकि परिवादी द्वारा प्रष्नगत रेफ्रिजरेटर में निर्माणी त्रुटि बतायी गयी है और निर्माणी त्रुटि साबित करने के लिए परिवादी की ओर से कोई तकनीकी रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गयी है, अतः परिवाद खारिज किया जाये।
    उपरोक्त बिन्दु पर उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा अपने उपरोक्त कथन को साबित करने के लिए किसी तकनीकी विषेशज्ञ की कोई रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गयी है। विपक्षी की ओर से विधि निर्णय सुखविन्दर सिंह बनाम क्लासिक आॅटोमोबाइल्स 2012 छब्श्र 917 ;छब्द्ध एवं 2012 ;95द्ध ।स्त् 829 कुमारी नर्मता सिंह बनाम मैनेजर इण्डस की ओर से फोरम का ध्यान आकृश्ट किया गया है। जिसमें मा0 राश्ट्रीय आयोग द्वारा यह विधिक सिद्धांत प्रतिपादित किया गया है कि जहां पर परिवादी द्वारा निर्माणी त्रुटि का विवाद उठाया गया हो, वहां परिवादी को अपने कथन को साबित करने के लिए किसी तकनीकी विषेशज्ञ की रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। परिवादी द्वारा प्रस्तुत मामले में अपने कथन को साबित करने के लिए कोई तकनीकी विषेशज्ञ की रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गयी है। जिससे फोरम इस निश्कर्श पर पहुॅचता है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।    
ःःःआदेषःःः
7.     उपरोक्त कारणों से परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध खारिज किया जाता है। उभयपक्ष अपना-अपना परिवाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।


      (पुरूशोत्तम सिंह)                   (डा0 आर0एन0 सिंह)
          सदस्य                              अध्यक्ष
    जिला उपभोक्ता विवाद                     जिला उपभोक्ता विवाद
        प्रतितोश फोरम                            प्रतितोश फोरम
        कानपुर नगर।                             कानपुर नगर।
...6...


    आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।


      (पुरूशोत्तम सिंह)                   (डा0 आर0एन0 सिंह)
          सदस्य                              अध्यक्ष
    जिला उपभोक्ता विवाद                     जिला उपभोक्ता विवाद
        प्रतितोश फोरम                            प्रतितोश फोरम
        कानपुर नगर।                             कानपुर नगर।

 

 

 

 


 
 
[HON'BLE MR. RN. SINGH]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. PURUSHOTTAM SINGH]
MEMBER

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