Uttar Pradesh

StateCommission

A/2010/1681

N I Co - Complainant(s)

Versus

Jamaluddin - Opp.Party(s)

A K Singh

23 Nov 2017

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2010/1681
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. N I Co
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Jamaluddin
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Sanjay Kumar PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Mahesh Chand MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 23 Nov 2017
Final Order / Judgement

मौखिक

 

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

अपील संख्‍या-1681/2010

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, चंदौली द्वारा परिवाद संख्‍या-52/2007 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश दिनांक 10.08.2010 के विरूद्ध)

 

दि नेशनल इन्‍श्‍योरेन्‍स कम्‍पनी लि0, रिजनल आफिस जीवन भवन फेस-II, नवन किशोर रोड, लखनऊ द्वारा मैनेजर।

                     अपीलार्थी@विपक्षी सं0-1

बनाम्

1. जमालुद्दीन पुत्र स्‍व0 कयासुद्दीन, निवासी ग्राम चकिया पुरानी, चकिया, जिला चंदौली।

2. यू0पी0 स्‍टेट कोआपरेटिव ग्राम विकास बैंक, ब्रांच चकिया, द्वारा ब्रांच मैनेजर।

           प्रत्‍यर्थीगण/परिवादी/विपक्षी सं0-2

समक्ष:-

1. माननीय श्री संजय कुमार, पीठासीन सदस्‍य।

2. माननीय श्री महेश चन्‍द, सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित   : श्री आलोक कुमार सिंह, विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित  : कोई नहीं।

 

दिनांक 23.11.2017

माननीय श्री संजय कुमार, पीठासीन सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

पत्रावली प्रस्‍तुत हुई। प्रस्‍तुत अपील, परिवाद संख्‍या-52/2007 जमालुद्दीन बनाम नेशनल इन्‍श्‍योरेन्‍स कम्‍पनी लि0 व अन्‍य में जिला फोरम, चंदौली द्वारा पारित निणंय एवं आदेश दिनांक 10.08.2010 से क्षुब्‍ध होकर विपक्षी संख्‍या-1/अपीलार्थी की ओर से प्रस्‍तुत की गयी है, जिसके अन्‍तर्गत जिला फोरम द्वार निम्‍नवत् आदेश पारित किया गया है :-

'' उपरोक्‍तानुसार परिवादी का परिवाद विपक्षी संख्‍या 1 के विरूद्ध मृतक भैस की कीमत मु0 12,500/- (बारह हजार पांच सौ) एवं शारीरिक, आर्थिक मानसिक क्षति के रूप में मु0 5,000/- (पांच हजार) एवं वाद व्‍यय के रूप में मु0 2,000/- (दो हजार) हेतु स्‍वीकार किया जाता है।

परिवादी विपक्षी से परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि दिनांक 1-12-07 से प्रतिकर की अदायगी तक 9 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज भी प्राप्‍त करने का अधिकारी होगा। 

उपरोक्‍त आदेश का अनुपालन 30 दिन के अन्‍दर किया जाये। ''

-2-

परिवाद पत्र का कथन संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी ने स्‍वरोजगार हेतु दो भैंस, जिसकी कीमत रू0 25,000/- विपक्षी संख्‍या-2 से ऋण प्राप्‍त कर दिनांक 20.06.2003 को क्रय की और उक्‍त दोनों भैंस का बीमा विपक्षी संख्‍या-1 से दिनांक 24.07.2003 से दिनांक 23.07.2004 की अवधि हेतु कराया, जिसका क्रमश: टैग नम्‍बर-एन0आई0सी0 450601/एन0आईसी0 2550 व एन0आई0सी0 450601/एन0आईसी0 2532 है। दिनांक 31.07.2003 को टैग नम्‍बर-एन0आई0सी0 450601/एन0आईसी0 2550 के टैग वाली भैस अचानक बीमार पड़ गई, जिसे पशु चिकित्‍साधिकारी चकिया के डा0 जी0एस0 पटेल को अपने घर ले जाकर दिखाया, जिन्‍होंने उसका उपचार किया। उपचार के दौरान ही उक्‍त भैस की दिनांक 02.08.2003 को मृत्‍यु हो गई, तत्‍पश्‍चात उक्‍त भैस का दिनांक 03.08.2003 को पोस्‍टमार्टम पशु चिकित्‍साधिकारी चकिया में कराया गया। दूसरी भैंस, जिसका टैग नम्‍बर-एन0आई0सी0 2532 है, भी बीमार पड़ गयी और दिनांक 11.07.2004 को उसकी भी मृत्‍यु हो गयी। उक्‍त भैस का भी पोस्‍टमार्टम उसी दिन दिनांक 11.07.2004 को कराया गया। परिवादी द्वारा उक्‍त दोनों भैस के मरने की सूचना विपक्षीगण को दी गयी तथा विपक्षी संख्‍या-1 के समक्ष क्‍लेम फार्म तथा अन्‍य कागजात प्रस्‍तुत किये गये, किन्‍तु विपक्षी संख्‍या-1 की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया। चूंकि पहले बीमित भैंस की मृत्‍यु के संबंध में बीमा क्‍लेम बीमा कम्‍पनी द्वारा नहीं कया गया था एवं कार्यवाही चल रही थी, इसी दौरान दूसरी भैस की भी मृत्‍यु हो गयी थी। इसी कारण दोनों भैंसों की क्षतिपूर्ति हेतु परिवादी द्वारार प्रश्‍नगत परिवाद जिला फोरम के समक्ष योजित किया गया। जिला फोरम के समक्ष परिवाद की सुनवाई के दौरान पीठासीन अधिकारी द्वारा कहा गया कि चूंकि दूसरी बीमित भैंस की मृत्‍यु तो हो गयी है, परन्‍तु विपक्षी कम्‍पनी द्वारा अभी उसके संबंध में पशुधन दावा निरस्‍त नहीं किया गया है। ऐसी स्थिति में दावा प्रस्‍तुत नहीं किया जा सकता है। लिहाजा मा0 फोरम के निर्देशों के अनुसार परिवादी द्वारा दूसरी भैंस के लिए दाखिल दावा वापस ले लिया गया तथा प्रथम बीमित भैंस के संबंध में दावा फोरम में विचाराधीन है।

विपक्षी संख्‍या-1 की ओर से परिवाद पत्र का विरोध करते हुए प्रतिवाद पत्र         दाखिल किया गया, जिसमें कहा गया कि परिवादी बिना कोई भैस क्रय किये तथा          बिना  सत्‍यापन  कराये  बीमा  कम्‍पनी से मु0 25,000/- का बीमा दिनांक 24.07.2003 से

-3-

दिनांक 23.07.2004 के लिए पशुधन बीमा पॉलिसी उत्‍तर प्रदेश राज्‍य सहकारी ग्रामीण विकास बैंक के उपबन्‍धों के अधीन करा लिया। बीमा पालिसी मय शर्त परिवादी को उपलब्‍ध करा दी गयी, जिसमें यह स्‍पष्‍ट रूप से उल्लिखित है कि बीमा कम्‍पनी क्‍लेम भुगतान के लिए जिम्‍मेदार नहीं होगी। यदि बीमित जानवर पालिसी लेने के 15 दिन के अन्‍दर बीमारी के कारण मर जाता है। बीमा कम्‍पनी ने परिवादी के पशुधन क्‍लेम फार्म भरने के उपरांत स्‍वतंत्र अन्‍वेषक श्री विश्‍वनाथ प्रसाद तिवारी को नियुक्‍त किया, जिसने अपनी विस्‍तृत आख्‍या दिनांक 06.12.2004 को दी कि परिवादी द्वारा स्‍वरोजगार योजना के तहत दो भैस मु0 25000/- दिनांक 20.06.2003 को क्रय किया जाना गलत व बेबुनियाद है। परिवादी ने बिना भैस क्रय किये तथा बिना भैंस का सत्‍यापन कराये बीमा कम्‍पनी के एजेण्‍ट को धोखे में रखकर पशुधन बीमा पालिसी प्राप्‍त की है। अत: परिवाद खण्डित होने योग्‍य है।

जिला फोरम ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत उपरोक्‍त आक्षेपित निर्णय एवं आदेश दिनांक 10.08.2010 पारित किया है।

अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री आलोक कुमार सिंह उपस्थित हुए। प्रत्‍यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। प्रत्‍यर्थीगण पर नोटिस की तामील आदेश दिनांक 16.02.2017 द्वारा पर्याप्‍त माना जा चुका है। अत: अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्क विस्‍तार से सुना गया एवं पत्रावली का परिशीलन किया गया।

अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता को विस्‍तार से सुना गया एवं आधार अपील एवं सम्‍पूर्ण पत्रावली का परिशीलन किया गया, जिससे यह तथ्‍य विदित होता है कि परिवादी/प्रत्‍यर्थी द्वारा स्‍वरोजगार योजना के तहत दो भैंस क्रय की, जिनका बीमा विपक्षी संख्‍या-1/अपीलार्थी से कराया गया। उक्‍त बीमित भैंस बीमार पड़ गयी, जिनकी मृत्‍यु क्रमश: दिनांक 02.08.2003 एवं 11.07.2004 को हो गयी। अत: उक्‍त बीमित भैंस के क्‍लेम हेतु परिवादी/प्रत्‍यर्थी द्वारा बीमा दावा विपक्षी संख्‍या-1/अपीलार्थी के यहां प्रस्‍तुत किया गया, किन्‍तु बीमा कम्‍पनी ने कोई भुगतान नहीं किया। परिवाद की सुनवाई के दौरान परिवादी द्वारा दूसरी भैंस के लिए दाखिल दावा वापस ले लिया गया तथा प्रथम बीमित भैंस के संबंध में दावा फोरम में विचाराधीन है, जिसके सम्‍बन्‍ध में जिला फोरम ने प्रश्‍नगत परिवाद स्‍वीकार  करते  हुए  उपरोक्‍त आक्षेपित निर्णय एवं आदेश पारित किया है, जिसमें कोई त्रुटि

-4-

होना नहीं पायी जाती है, किन्‍तु ब्‍याज के बावत पारित आदेश एवं शारीरिक, आर्थिक व मानसिक क्षतिपूर्ति के बावत पारित आदेश न्‍यायोचित प्रतीत नहीं होता है। अत: सम्‍पूर्ण तथ्‍यों एवं परिस्थितियों पर विचार करने के उपरांत हम इस निष्‍कर्ष पर पहुँचते हैं कि जिला फोरम द्वारा आदेशित मृतक भैस की कीमत मु0 12,500/- रूपये पर दिलाया जाने वाला ब्‍याज 09 प्रतिशत के स्‍थान पर 06 प्रतिशत किया जाना न्‍यायोचित होगा एवं शारीरिक, आर्थिक व मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में रू0 5000/- दिलाये जाने हेतु पारित आदेश अपास्‍त किया जाना न्‍यायोचित होगा। तदनुसार प्रस्‍तुत अपील अंशत: स्‍वीकार होने योग्‍य है।

आदेश

अपील अंशत: स्‍वीकार की जाती है। जिला फोरम, चन्‍दौली द्वारा परिवाद संख्‍या-52/2007 जमालुद्दीन बनाम नेशनल इन्‍श्‍योरेन्‍स कं0लि0 व अन्‍य में पारित निणंय एवं आदेश दिनांक 10.08.2010 को इस प्रकार संशोधित किया जाता है कि अपीलार्थी द्वारा प्रत्‍यर्थी/परिवादी की मृतक भैंस की कीमत रू0 12,500/- इस निर्णय की तिथि से एक माह की अवधि में करनी होगी। जिला फोरम द्वारा आदेशित ब्‍याज 09 प्रतिशत वार्षिक के स्‍थान पर 06 प्रतिशत वार्षिक की दर से परिवाद दायर करने की तिथि से वास्‍तविक भुगतान की तिथि तक करना होगा। शारीरिक, आर्थिक व मानसि‍क वेदना के लिये रू0 5,000/- क्षतिपूर्ति के रूप में भुगतान करने का आदेश अपास्‍त किया जाता है। शेष आदेश की पुष्टि की जाती है।

इस निर्णय/आदेश की सत्‍यप्रतिलिपि उभयपक्ष को नियमानुसार उपलब्‍ध करा दी जाये।

 

           (संजय कुमार)                              (महेश चन्‍द)

          पीठासीन सदस्‍य                                    सदस्‍य

 

 

 

लक्ष्‍मन, आशु0, कोर्ट-4

 
 
[HON'BLE MR. Sanjay Kumar]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Mahesh Chand]
MEMBER

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