राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
सुरक्षित
अपील संख्या-1525/2002
(जिला उपभोक्ता फोरम, कानपुर नगर द्वारा परिवाद संख्या-616/1999 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 30.05.2002 के विरूद्ध)
1. यूनियन आफ इण्डिया द्वारा सेक्रेटरी मिनिस्ट्री आफ कम्यूनिकेशन न्यू दिल्ली।
2. चीफ पोस्ट मास्टर, हेड पोस्ट आफिस, कानपुर।
अपीलार्थीगण/विपक्षीगण
बनाम्
जमाल अशरफ पुत्र स्व0 श्री अजहर हुसैन, निवासी 105/131 (27) छमनगंज, कानपुर सिटी।
प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1. माननीय श्री जितेन्द्र नाथ सिन्हा, पीठासीन सदस्य।
2. माननीय श्री संजय कुमार, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक 17.08.2016
मा0 श्री संजय कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
यह अपील, परिवाद सं0-616/1999, जमाल अशरफ बनाम विपक्षी सं0-1, महाप्रबन्धक स्पीड पोस्ट मुख्य डाकघर, विपक्षी सं0-2, चीफ पास्ट मास्टर तथा विपक्षी सं0-3, पोस्ट मास्टर जनरल में जिला उपभोक्ता फोरम, कानपुर नगर द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 30.05.2002 से क्षुब्ध होकर प्रस्तुत की गयी है, जिसके अन्तर्गत जिला फोरम द्वारा निम्नवत् आदेश पारित किया गया है :-
‘’ अत: फोरम विपक्षीगण को आदेशित करता है कि इस आदेशके 30 दिन के भीतर संबंधित मशीन का मूल्य जो शपथ पत्र के अनुसार 599/- है तथा क्षतिपूर्ति स्वरूप 401/- कुल 1000/- परिवादी को भुगतान करना सुनिश्चित करें। ‘’
उपरोक्त वर्णित आदेश से क्षुब्ध होकर विपक्षीगण/अपीलार्थीगण की ओर से वर्तमान अपील योजित की गयी है।
उभय पक्ष की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। यह अपील, वर्ष 2002 से निस्तारण हेतु लम्बित है, अत: हमने प्रश्नगत निर्णय/आदेश तथा उपलब्ध अभिलेखों का गम्भीरता से परिशीलन किया।
परिवाद पत्र का अभिवचन संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी/प्रत्यर्थी ने दिनांक 31.07.1999 को एक कपड़े के सीलबंद लिफाफे में सुनने की मशीन मुख्य डाकघर से फ्लैट नं0-202, लक्ष्मी पार्क नया नगर, मीरा रोड थाणे बम्बई को स्पीड पोस्ट द्वारा भेजी थी, जिसका वजन 50 ग्राम था, परन्तु दिनांक 03.08.1999 को प्राप्त होने पर इसका वजन 10 ग्राम रह गया और सील टूटी हुई पायी गयी थी, इसलिए उन्होंने इसे प्राप्त नहीं किया और वापस कर दिया, जिसकी शिकायत डाकघर से की गयी, परन्तु कोई उत्तर नहीं मिला, जिससे क्षुब्ध होकर प्रश्नगत परिवाद जिला फोरम के समक्ष योजित किया गया।
जिला फोरम के समक्ष विपक्षी की ओर से परिवाद पत्र का विरोध किया गया और यह अभिवचित किया गया कि पार्सल के अन्दर क्या था, इसकी विभाग को कोई जानकारी नहीं थी तथा यदि पार्सल की सील टूटी होती तो वह बम्बई कार्यालय ने इसे अवश्य नोट किया होता तथा बुकिंग के समय भी संबंधित लिपिक को नहीं बताया गया, अत: डाकघर की इसमें कोई सेवा में कमी नहीं है।
जिला फोरम द्वारा उभय पक्ष के अभिवचनों व उपलब्ध अभिलेखों पर विचार करते हुए उपरोक्त निर्णय/आदेश पारित किया गया।
अपीलार्थी की ओर से आधार अपील में मुख्य रूप से यह तर्क किया गया कि परिवादी/प्रत्यर्थी ने डाक अदालत में भी वर्तमान मामलें में अपना पक्ष प्रस्तुत किया था, जिसमें दिनांक 26.08.1999 को डाक अदालत द्वारा मामलें को निर्णीत कर दिया गया और दिनांक 17.09.1999 को डाक अदालत के फैसले से भी परिवादी/प्रत्यर्थी को अवगत करा दिया गया था। आधार अपील में यह भी कहा गया कि सामान्यत: पोस्टमैन वेंग मशीन की डिलीवरी लेकर नहीं जाता है। ऐसी स्थिति में जिला मंच द्वारा जो निष्कर्ष दिया गया है, वह विधि अनुकूल नहीं है, अपास्त होने योग्य है। यहां यह भी आधार लिया गया कि स्पीड पोस्ट के माध्यम से सील बंद लिफाफे में सुनने की मशीन का भेजा जाना नियमानुसार गलत है। डाक अदालत में जो परिवादी की शिकायत थी, उसमें इस आशय का उत्तर परिवादी को मिला था कि बीमा न कराने के कारण डाक विभाग भुगतान करने हेतु उत्तरदायी नहीं है।
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता के तर्कों के दृष्टिगत पीठ इस निष्कर्ष पर पहुँचती है कि स्पीड पोस्ट लिफाफे में रखी मशीन, जिसकी कीमत रू0 599/- थी। इस संदर्भ में कोई लिखित साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया, अत: उपरोक्त धनराशि के बावत लिखित साक्ष्य संभव था। ऐसी स्थिति में शपथपत्र का न्यायिक महत्व नहीं है। अत: जिला मंच द्वारा दिया गया निष्कर्ष स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है। तदनुसार अपील स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
अपील स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता फोरम, कानपुर नगर द्वारा परिवाद सं0-616/1999, जमाल अशरफ बनाम विपक्षी सं0-1, महाप्रबन्धक स्पीड पोस्ट मुख्य डाकघर, विपक्षी सं0-2, चीफ पास्ट मास्टर तथा विपक्षी सं0-3, पोस्ट मास्टर जनरल में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 30.05.2002 अपास्त किया जाता है।
(जितेन्द्र नाथ सिन्हा) (संजय कुमार)
पीठासीन सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0, कोर्ट-2