Uttar Pradesh

StateCommission

A/2002/496A

Nirmal Bajpai - Complainant(s)

Versus

Jalota D Nursing Home - Opp.Party(s)

R Chaddha

21 Feb 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2002/496A
( Date of Filing : 04 May 2002 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Nirmal Bajpai
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Jalota D Nursing Home
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 21 Feb 2023
Final Order / Judgement

 (मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-496ए/2002

श्रीमती निर्मल बाजपेयी पत्‍नी स्‍व0 श्री कृष्‍ण कुमार बाजपेयी, निवासिनी 24/143, बिरहाना रोड कानपुर।

                        अपीलार्थी/परिवादिनी

बनाम्  

जलोटा डी. नर्सिंग होम एण्‍ड हॉस्पिटल (पी) लिमिटेड, रजिस्‍टर्ड आफिस 14/116ए, सिविल लाइन्‍स कानपुर तथा चार अन्‍य।

                      प्रत्‍यर्थीगण/विपक्षीगण

समक्ष:-                                                              

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य

2. माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित   : श्री राजेश चड्ढा, विद्वान

                                              अधिवक्‍ता के सहायक अधिवक्‍ता श्री

                                               सतीश चन्‍द्र श्रीवास्‍तव।

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित  : श्री वरूण कांत, विद्वान

                                                    अधिवक्‍ता।                     

दिनांक:  21.02.2023 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.                    परिवाद संख्‍या-1124/1995, श्रीमती निर्मल बाजपेयी बनाम जलोटा डी नर्सिंग होम एण्‍ड हॉस्पिटल (प्रा0) लि0 तथा चार अन्‍य में विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग, कानपुर नगर द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 30.01.2002 के विरूद्ध यह अपील प्रस्‍तुत की गई है। इस निर्णय द्वारा विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग ने परिवाद खारिज कर दिया है।

2.          अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री राजेश चड्ढा के सहायक अधिवक्‍ता श्री सतीश चंद्र श्रीवास्‍तव तथा प्रत्‍यर्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता श्री वरूण कांत को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।

3.          परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार कृष्‍ण कुमार बाजपेयी विपक्षीगण के नर्सिंग होम में दिनांक 05.06.1995 को भर्ती हुए और दिनांक 06.06.1995 को

-2-

उनके घुटने का आपरेशन किया गया। आपरेशन के दौरान डा0 द्वारा बताया गया कि उन्‍हें ह्दय घात हुआ है, इसलिए ह्दय रोग विशेषज्ञ डा0 मोहम्‍मद अहमद के परामर्श पर रीजेंसी अस्‍पताल भेजे गए, जहां पर उनकी चिकित्‍सा की गई। अंतत: दिनांक 01.10.1995 को उनकी मृत्‍यु हो गई। विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा यह निष्‍कर्ष दिया गया कि जिस समय घुटने का आपरेशन विपक्षी          संख्‍या-4 द्वारा किया गया, उस समय ह्दय घात की कोई आशंका नहीं थी। आपरेशन से पूर्व ईसीजी करा लिया गया था, जिसमें ह्दय घात के चिन्‍ह नहीं मिले थे, इसलिए यह निष्‍कर्ष विधिसम्‍मत है कि आपरेशन करने वाले डा0 को इस संबंध में कोई जानकारी प्राप्‍त नहीं थी कि जिस मरीज के घुटने का आपरेशन किया जा रहा है, वह हाईपर टेन्‍शन/ह्दय रोग का रोगी है, इसलिए आपरेशन करने के पश्‍चात दर्द निदान का जो इलाज प्रदान किया गया, वह उचित है। किसी भी आपरेशन के पश्‍चात ह्दय रोग उत्‍पन्‍न हो सकता है। ह्दय रोग का पूर्व अनुमान लगाया जाना संभव नहीं है। प्रस्‍तुत केस में घुटने का आपरेशन करने से पूर्व डा0 द्वारा ईसीजी करा लिया गया था, ईसीजी रिपोर्ट में ह्दय रोग का कोई चिन्‍ह नहीं मिला था, इसलिए आपरेशन किया गया और दर्द निवारक दवाए दी गईं। आपरेशन के कारण ह्दय घात की घटना नहीं हुई, इसलिए डा0 के स्‍तर से किसी प्रकार की लापरवाही कारित होना यथार्थ में साबित नहीं है। विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय वि‍धिसम्‍मत है, जिसमें किसी प्रकार के हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं है। तदनुसार प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त होने योग्‍य है।

आदेश

4.          प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त की जाती है।

उभय पक्ष अपील का व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

(विकास सक्‍सेना)                        (सुशील कुमार)

  सदस्‍य                                 सदस्‍य

 

लक्ष्‍मन, आशु0,  कोर्ट-3

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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