(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1089/2011
पंजाब नेशनल बैंक, ब्रांच उरई, स्टेशन रोड, जिला जालौन द्वारा आफिसर तथा एक अन्य
बनाम
जालौन जिला कोआपरेटिव बैंक लि0, उरई, जिला जालौन द्वारा जनरल मैनेजर
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित : श्री एस.एम. बाजपेयी।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक : 18.01.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-41/2008, जालौन डिस्ट्रिक्ट कोआपरेटिव बैंक लि0 बनाम मुख्य प्रबंधक, पंजाब नेशनल बैंक तथा एक अन्य में विद्वान जिला आयोग, जालौन स्थान उरई द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 19.5.2011 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता श्री एस.एम. बाजपेयी को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। यद्यपि प्रत्यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री जवाहर कपूर का वकालतनामा पत्रावली पर उपलब्ध है, परन्तु वह अपील की सुनवाई के समय उपस्थित नहीं हैं।
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2. विद्वान जिला आयोग द्वारा यह निष्कर्ष दिया गया कि पंजाब नेशनल बंक ने अवैध रूप से टी.डी.एस. की राशि अंकन 4,04,340/-रू0 तथा बी.सी.टी.टी. (बैंकिंग कैश ट्रांजेक्शन टैक्स) की मद में अंकन 3,520/-रू0 गलत कांटे हैं, इसलिए उपरोक्त राशि परिवादी को अदा किये जाने हेतु आदेशित किया गया।
3. परिवाद के तथ्यों के अनुसार परिवादी बैंक द्वारा विपक्षी बैंक से एफडीआर बनवाया था। एफडीआर का भुगतान करते ही विपक्षी बैंक द्वारा टी.डी.एस. तथा बी.सी.टी.टी. की मद में क्रमश: अंकन 4,04,340/-रू0 तथा अंकन 3,520/-रू0 की कटौती कर ली गयी। अपीलार्थी बैंक द्वारा टी.डी.एस. की राशि काटने के पश्चात आयकर विभाग को प्रेषित कर दी गयी, जबकि इस राशि पर आयकर अधिक काटा गया है और गलत काटे गये आयकर को आयकर विभाग से वापस लिया जा सकता है। यह राशि अपीलार्थी बैंक के पास उपलब्ध नहीं है, इसलिए इस राशि को अदा करने का आदेश देना विधि विरूद्ध है। अपीलार्थी बैंक द्वारा अंकन 3,520/-रू0 बैंकिंग कैश ट्रांजेक्शन टैक्स की मद में काटा गया है, यह कटौती भी बैंक के नियमों के अंतर्गत की गयी है। अत: इस राशि को भी अदा करने का आदेश देना विधि विरूद्ध है। तदनुसार विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय अपास्त होने और प्रस्तुत अपील स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
4. प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 19.5.2011 अपास्त किया जाता है।
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उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार(
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-3