Uttar Pradesh

StateCommission

A/696/2015

Sanjevny Cold Storage - Complainant(s)

Versus

Jaipal Singh - Opp.Party(s)

Amit Shukla

12 Jul 2016

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/696/2015
(Arisen out of Order Dated 12/03/2015 in Case No. C/186/2013 of District Bulandshahr)
 
1. Sanjevny Cold Storage
Bulandshahr
...........Appellant(s)
Versus
1. Jaipal Singh
Bulandshahr
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN PRESIDENT
 HON'BLE MRS. Bal Kumari MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 12 Jul 2016
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0 प्र0, लखन

अपील संख्‍या-696/2015

(सुरक्षित)

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, बुलन्‍दशहर द्वारा परिवाद संख्‍या-186/2013 में पारित आदेश दिनांक 12-03-2015 के विरूद्ध)

 

Manager, Sanjeevani Cold Storage & Ice Factory Vill-Ranau, Post-Shikarpur, Distt-Bulandshahar..

                                             अपीलार्थी

बनाम्

Jaypal Singh S/o Shri Ran Singh, R/o Village-Manpur, Post-Shikarpur, Distt. Bulandshahar.                                                        

                                       प्रत्‍यर्थी

 

1. माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान,  अध्‍यक्ष।

2. माननीय श्रीमती बाल कुमारी,             सदस्‍य।

3. माननीय श्री विजय वर्मा,                 सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित :          श्री अमित शुक्‍ला।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित   :               कोई नहीं।

 

दिनांक : 25-11-2016

माननीय श्रीमती बाल कुमारी, सदस्‍य द्वारा उदघोषित निर्णय

        परिवाद संख्‍या-186/2013 जयपाल बनाम् प्रबन्‍धक संजीवनी कोल्‍ड स्‍टोरेज एण्‍ड आईस फैक्‍ट्री रानऊ में जिला फोरम, बुलन्‍दशहर द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 12-03-2015  के विरूद्ध यह अपील उपरोक्‍त परिवाद के विपक्षी प्रबन्‍धक संजीवनी कोल्‍ड स्‍टोरेज एण्‍ड आईस फैक्‍ट्री रानऊ की ओर से धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम,1986 के अन्‍तर्गत इस आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत की गयी है।

        विवादित आदेश निम्‍न है:'

        '' परिवादी का परिवाद विपक्षी के विरूद्ध स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी को निर्देशित किया जाता है कि वह परिवादी को इस निर्णय की तिथि से 30 दिन के अंदर मु0 37,400/-रू0 आलू के नुकसान के मद में बतौर क्षतिपूर्ति मय 6 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज दावा दायर करने की तिथि से तायोम अदायगी तथा 2000/-रू0 बतौर वाद व्‍यय अदा करें।''

        परिवाद पत्र के अनुसार परिवादी का कथन है कि उसने विपक्षी के कोल्‍डस्‍टोरेज में दिनांक 13-03-2013 को क्रम संख्‍या-157 से 43 बोरी आलू बीज व 10 बोरी आलू किर्रा भंडारित किया। परिवादी ने उक्‍त आलू अपने 15 बीघा खेत में बुवाई के लिए रखा था। परिवादी अपने भण्‍डारित आलू को जब दिनांक 05-10-2013 को निकालने विपक्षी के यहॉं गया तो उसने पाया कि आलू सड़ गया है और उसमें से बदबू आ रही है। परिवादी आलू बोने से वंचित रह गया। परिवादी का आलू विपक्षी की लापरवाही के कारण सड़कर नष्‍ट हो गया जिसके लिए विपक्षी जिम्‍मेदार है। विपक्षी ने 15 दिन का आश्‍वासन देक आलू का बाजारू मूल्‍य देने के लिए कहा किन्‍तु कोई भुगतान विपक्षी द्वारा नहीं किया गया। परिवादी ने दिनांक 26-10-2013 को विपक्षी को नोटिस दिया लेकिन विपक्षी द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी। इस प्रकार विपक्षी की लापरवाही के कारण आलू खराब होने से परिवादी को जो क्षति हुई है उसके लिए वह विपक्षी से मु0 57,400/-रू0 पाने का अधिकारी है। परिवादी ने विवश होकर यह परिवाद  योजित किया गया है।

        विपक्षी ने अपने प्रतिवाद पत्र में परिवादी के कथनों का खण्‍डन करते हुए कहा है कि परिवादी ने जो 53 कट्टे आलू बीज व किर्रा विपक्षी के कोल्‍ड स्‍टोरेज में भण्‍डारित किया था वह निम्‍न केटेगरी का था और जिसका किराया प्रति बोरी 110/-रू0 था। आलू की निकासी दिनांक 31-10-2013 तक नियत थी। और आलू गीले खेत से खोदा हुआ व छोटे आकार का था। नमी और मिट्टी लगी होने के कारण आलू में फंगस लग गयी और परिवादी के 10 से 15 प्रतिशत आलू की क्षति हुई। विपक्षी का यह भी कथन है कि परिवादी को आलू ले जाने हेतु बार-बार सूचना दी गयी लेकिन परिवादी आलू समय से नहीं ले गया इसलिए इन्‍तजार करने के बाद नवम्‍बर के प्रथम सप्‍ताह में विपक्षी ने परिवादी का आलू लेवर द्वारा कोल्‍ड स्‍टोरेज से बाहर निकलवा दिया। आलू का किराया 5830/-रू0 व लेवर चार्ज 530/-रू0 परिवादी के ऊपर बकाया है जिसे वह परिवादी से पाने का अधिकारी है।  इस प्रकार परिवादी विपक्षी से कोई अनुतोष पाने का अधिकारी नहीं है तथा परिवाद विपक्षी के विरूद्ध सव्‍यय निरस्‍त होने योग्‍य है।

        अपीलार्थी की ओर से विद्धान अधिवक्‍ता श्री अमित शुक्‍ला उपस्थित आए। प्रत्‍यर्थी की ओर से पर्याप्‍त तामीला होने के बावजूद भी कोई उपस्थित नहीं आया।

        हमने अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता के तर्क सुने है तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध साक्ष्‍यों एवं आक्षेपित निर्णय और आदेश का अवलोकन किया है।

        अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता का तर्क है कि जिला फोरम ने साक्ष्‍यों तथा तथ्‍यों की अनदेखी करते हुए विधि विरूद्ध आदेश पारित किया है। अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता ने अपने अभिकथन में कहा है कि परिवादी/प्रत्‍यर्थी ने 53 बोरे आलू अपीलार्थी/विपक्षी के कोल्‍ड स्‍टोरेज में 110/-रू0 प्रति बोरी किराये की दर से 50 किलोग्राम प्रति बोरे बजन के हिसाब से अपीलार्थी के शीतगृह में थे रखे गये आलू मिट्टी लगी होने व गीले होने के कारण 10 से 15 प्रतिशत आलू खराब हुए जिन्‍हें परिवादी ने लेने से मना कर दिया। अपीलार्थी/विपक्षी द्वारा परिवादी को कई नोटिस देने के बाद भी परिवादी आलू लेने नहें आया तब नवम्‍बर के प्रथम सप्‍ताह में आलू शीतगृह से बाहर रखवा दिये गये और कथन किया कि आलू की कीमत बहुत कम थी और परिवादी आलू की अधिक कीमत की मांग करने लगा जो अपीलार्थी/विपक्षी ने देने से मना कर दिया तथा जिला उघान अधिकरी ने अपनी रिपोर्ट में यह स्‍पष्‍ट लिखा है कि मार्च, 2013 में बारिस के कारण 25 से 30 प्रतिशत आलू खराब हो गया था। शेष आलू प्रयोग के लिए व बीज के लिए सही था। लेकिन परिवादी ने वापस नहीं लिया। जिला फोरम ने विपक्षी/अपीलार्थी के साक्ष्‍यों तथा तथ्‍यों पर विचार किये बिना ही आदेश पारित किया है और से अपास्‍त करते हुए अपील स्‍वीकार की जाए।

        परिवादी/प्रत्‍यर्थी के विद्धान अधिवक्‍ता का तर्क है कि जिला फोरम ने साक्ष्‍यों तथा तथ्‍यों के आधार पर विधि के अनुसार आदेश पारित किया है। अत: अपील निरस्‍त करते हुए जिला फोरम द्वारा पारित आदेश की पुष्टि की जाए।

        पत्रावली के परिशीलन से यह प्रकट होता है कि उभयपक्ष के बीच इस बात का कोई विवाद नहीं है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने दिनांक 13-03-2013 को 43 बोरी आलू बीज के लिए व 10 बोरी आलू किर्रा के अपीलार्थी/विपक्षी के शीतगृह में रखा था और इस बात का भी विवाद नहीं है कि आलू परिवादी/प्रत्‍यर्थी को प्राप्‍त नहीं हुआ।  परिवादी का कथन है कि विपक्षी/अपीलार्थी की लापरवाही के कारण शीतगृह में रखा आलू सड़कर नष्‍ट हो गया जबकि विपक्षी/अपीलार्थी का कथन है कि आलू गीला होने व नमी के कारण आलू में फंगस लग गया जिसके कारण 10 से 15 प्रतिशत तक आलू खराब हो गया इस कारण परिवादी ने आलू लेने से मना कर दिया इसलिए अपीलार्थी ने नवम्‍बर के प्रथम सप्‍ताह में परिवादी का आलू लेवर से शीतगृत से बाहर रखवा दिया। अपीलार्थी द्वारा न तो जिला फोरम फोरम में और न ही अपील के सतर पर कोई ऐसा साक्ष्‍य प्रस्‍तुत किया गया है जिससे यह स्‍पष्‍ट हा सके कि परिवादी/प्रत्‍यर्थी द्वारा आलू भण्‍डारित करते समय ही आलू खराब व गीला था। अपीलार्थी ने अपनी लिखित बहस में यह कहा है कि परिवादी/प्रत्‍यर्थी उपभोक्‍ता की श्रेणी में नहीं आता है क्‍योंकि परिवादी ने अपने परिवाद में यह नहीं कहा है कि आलू भण्‍डारित करने की कोई कीमत उसने अपीलार्थी को अदा की इस संबंध में इतना ही कहना पर्याप्‍त है कि अपीलार्थी/विपक्षी ने अपने लिखित कथन के प्रस्‍तर-9 में यह स्‍पष्‍ट रूप से कहा है कि परिवादी ने विपक्षी के कोल्‍ड स्‍टोरेज में दिनांक 13-03-2013 को आल बीज व किर्रा के 53 बोरे भण्‍डारित किये जिसका किराया 110/-रू0 प्रति बोरी के हिसाब से तय हुआ था और अब अपील के स्‍तर पर यह कहना कि परिवादी उपभोक्‍ता नहीं है स्‍वीकार किये जाने योग्‍य नहीं है।

        अत: उभयपक्ष के अभिकथनों व पत्रावली के अवलोकन से हम इस मत के हैं कि जिला फोरम ने सभी बिन्‍दुओं पर विस्‍तृत विचार करते हुए आक्षेपित निर्णय और आदेश पारित किया है जिसमें किसी हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं है। जिला फोरम ने बाजारू मूल्‍य के हिसाब से आलू की कीमत व ब्‍याज दर दिये जाने का जो आदेश दिया है वह भी उचित है। इसके साथ ही जिला फोरम ने जो 2,000/-रू0 वाद व्‍यय दिये जाने का आदेश पारित किया है वह भी उचित है।

        अत: अपील निरस्‍त किये जाने योग्‍य है।

आदेश

        अपील निरस्‍त की जाती है। जिला उपभोक्‍ता फोरम, बुलन्‍दशहर द्वारा परिवाद संख्‍या-186/2013 में पारित आदेश दिनांक 12-03-2015 की पुष्टि की जाती है। उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

 

 

(न्‍यायमूर्ति अख्‍तर हुसैन खान)       (बाल कुमारी)      (विजय वर्मा)

          अध्‍यक्ष                  सदस्‍य            सदस्‍य

कोर्ट नं0-1 प्रदीप मिश्रा

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. Bal Kumari]
MEMBER

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.