Uttar Pradesh

Muradabad-II

CC/35/2017

Paarijad Jain - Complainant(s)

Versus

JAin Vaideej PVT.LTD - Opp.Party(s)

04 Aug 2018

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. CC/35/2017
( Date of Filing : 22 Feb 2017 )
 
1. Paarijad Jain
Mohhala Ram Ganga Vihar Phase-2,Moradabad
moradabad
Uttar Pardesh
...........Complainant(s)
Versus
1. JAin Vaideej PVT.LTD
B-2/11 Mohan co-Oprative Industrial estate New Delhi-110044
New Delhi
Uttar Pardesh
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. P.K Jain PRESIDENT
 HON'BLE MR. Satyaveer Singh MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 04 Aug 2018
Final Order / Judgement

न्यायालय जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम-द्वितीय, मुरादाबाद

परिवाद संख्‍या- 35/2017  

पारिजात जैन पुत्र स्‍व. श्री विनय जैन निवासी मौहल्‍ला रामगंगा विहार फेस-2  मुरादाबाद।                                            …......परिवादी

                                                                                 बनाम     

1-जैम बैट्रीज प्रा.लि. बी-2/11 मोहन कोआपरेटिव इण्‍डस्‍ट्रीयल एस्‍टेट नई दिल्‍ली-110044 द्वारा डायरेक्‍टर।

2-मैसर्स वैष्‍णो एन्‍टरप्राइजेज इम्‍पीरियल तिराहा मुरादाबाद द्वारा अपने कारकून।

                                                                                                                                                                   …............विपक्षीगण

वाद दायरा तिथि: 22-02-2017                                                                                                             निर्णय तिथि: 04.08.2018         

उपस्थिति

श्री पवन कुमार जैन, अध्‍यक्ष

श्री सत्‍यवीर सिंह, सदस्‍य

 (श्री पवन कुमार जैन, अध्‍यक्ष द्वारा उद्घोषित)

निर्णय

  1. इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादी ने यह अनुतोष मांगा है कि विपक्षीगण से उसे बैटरियों की कीमत अंकन-29000/-रूपये 18 प्रतिशत ब्‍याज सहित वापस दिलायी जाये। मानसिक कष्‍ट एवं आर्थिक क्षतिपूर्ति की मद में परिवादी ने 50 हजार रूपये अतिरिक्‍त मांगे हैं तथा परिवाद व्‍यय दिलाये जाने की भी प्रार्थना की है।     
  2. संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि विपक्षी-1 जैम बैट्रीज की निर्माता कंपनी है तथा विपक्षी-2 मुरादाबाद में इसके डीलर/डिस्‍टीब्‍यूटर है। परिवादी ने अपने घरेलू इस्‍तेमाल के लिए विपक्षी-2 से दो मॉडल सं.-जीटीएक्‍स-5500 की बैटरियां जिनका सीरियल नम्‍बर क्रमश: ईयूआरटी-065342 व ईयूआरटी-148376 है, प्रत्‍येक का मूल्‍य अंकन-14,500/-रूपये कुल अंकन-29,000/-रूपये में दिनांक 05-07-2014 को खरीदी थी। प्रत्‍येक बैटरी की 30 महीने की रिप्‍लेसमेंट वारंटी थी। दोनों बैटरियों में खरीदने के फोरन बाद से ही निर्माण संबंधी दोष उत्‍पन्‍न हो गये। बैटरियों ने सही प्रकार कार्य नहीं किया और बैकअप भी नहीं दिया। बैटरियों में अत्‍यन्‍त घटिया दर्जे का मैटीरियल इस्‍तेमाल किया गया था। जब परिवादी ने विपक्षी-2 से इस संबंध में शिकायत की तो कभी उन्‍होंने बिजली की कमी होना और कभी ठीक प्रकार से बिजली से कनेक्‍ट न होने का बहाना बनाकर परिवादी को टाल दिया। परिवादी की शिकायत पर विपक्षी-2 के इंजीनियर ने कई बार बैटरियों में तेजाब भी डाला परन्‍तु बैटरियों में कोई खास सुधार नहीं हुआ। रोज-रोज की दिक्‍कतों से परेशान होकर परिवादी ने दिनांक        28-11-2015 को उक्‍त बैटरियां विपक्षी-2 के कार्यालय को भेज दी और अपनी शिकायत दर्ज करायी। विपक्षी-2 के इंजीनियर ने बैटरियों को चैक किया और परिवादी को बताया कि बैटरियों में जो कमी है, वह केवल कंपनी जाने पर ही ठीक हो सकती है। विपक्षी-2 ने परिवादी से मूल वारंटी कार्ड और सेल्‍स इन्‍वायस की छायाप्रति ले ली ताकि बैटरियों को कंपनी भेजा जा सके। इसके बाद जब भी परिवादी ने विपक्षी-2 से अपनी बैटरियों  के संबंध में पूछताछ की तो उन्‍होंने परिवादी को बताया कि परिवादी की बैटरियां विपक्षी-1 कंपनी को भेज दी गई है, अब जो कुछ करना है, कंपनी करेगी। परिवादी को बताया गया कि बैटरियों में निर्माण संबंधी दोष है। विपक्षीगण, परिवादी को सहयोग नहीं कर रहे हैं और परिवादी को कोई संतोषजनक उत्‍तर नहीं दिया जा रहा है। विपक्षीगण ने न तो बैटरियां ठीक करके वापस की और न ही उसे बदला। परिवादी ने यह कहते हुए कि विपक्षीगण के उक्‍त कृत्‍य सेवा में कमी हैं, परिवाद में अनुरोधित अनुतोष स्‍वीकार किये जाने की प्रार्थना की।
  3. परिवाद के साथ परिवादी ने बैटरियां खरीदने की असल इन्‍वायस दाखिल की।
  4. विपक्षी-1 की ओर से शपथपत्र से समर्थित प्रतिवाद पत्र कागज सं.-7/1 लगायत 7/8 दाखिल हुआ, जिसके साथ बोर्ड के रिजोल्‍यूशन तथा वारंटी कार्ड की छायाप्रतियों को बतौर संलग्‍नक दाखिल किया गया, जो पत्रावली के कागज सं.-8/2 लगायत 8/6 हैं।
  5. विपक्षी-1 की ओर से प्रतिवाद पत्र में कहा गया कि परिवाद पत्र में उठाया गया विवाद ‘’उपभोक्‍ता विवाद’’ नहीं है। इस फोरम को परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार नहीं है क्‍योंकि वारंटी कार्ड में पूर्व से ही यह उल्‍लेख है कि बैटरी से संबंधित किसी भी विवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार साउथ दिल्‍ली स्थित उपभोक्‍ता फोरम को होगा। यह भी कहा गया कि परिवादी ने बैटरियां व्‍यवसायिक उपयोग के लिए खरीदी थी, इस दृष्टिकोण से भी फोरम को परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार नहीं है। प्रतिवाद पत्र में अग्रेत्‍तर कहा गया कि विपक्षी-2 उत्‍तरदाता का वितरक नहीं है, परिवादी का यह कथन गलत है कि विपक्षी-2 के अधिकृत प्रतिनिधि ने परिवादी की बैटरी की जांच की हो और यह कहा हो कि इसमें निर्माण संबंधी दोष है। परिवादी ने हस्‍ताक्षरित मूल वारंटी कार्ड दाखिल नहीं किया और वारंटी की शर्तों का अनुपालन नहीं किया। वारंटी की शर्तों के अनुसार यदि उत्‍तरदाता की टीम ने जांचोपरान्‍त यह पाया कि बैटरियों में निर्माण संबंधी दोष है तो उसी स्थिति में यदि आवश्‍यक है तो उत्‍तरदाता कंपनी बैटरियों को रिप्‍लेस कर सकेगी। वर्तमान मामले में परिवादी ने ऐसा कोई प्रपत्र दाखिल नहीं किया, जिसके आधार पर यह माना जाये कि बैटरियों में निर्माण संबंधी दोष थे। अग्रेत्‍तर यह कथन करते हुए कि परिवादी को कोई वाद हेतुक उत्‍पन्‍न नहीं हुआ और परिवाद असत्‍य कथनों पर आधारित है, परिवाद को सव्‍यय खारिज किये जाने की प्रार्थना की।
  6. विपक्षी-2 की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं.-9/1 लगायत 9/2 दाखिल हुआ, जिसमें यह स्‍वीकार किया गया कि उत्‍तरदाता विपक्षी-2 जैम बैटरी प्रा.लि. का मुरादाबाद में डीलर/डिस्‍टीब्‍यूटर है और परिवादी ने दिनांक 05-07-2014 को परिवाद के पैरा-2 में उल्लिखित बैटरियां उत्‍तरदाता विपक्षी-2 से खरीदी थी। विपक्षी-2 ने अग्रेत्‍तर कथन किया कि जब भी परिवादी ने बैटरियों की परफोरमैंस के संबंध में उत्‍तरदाता से शिकायत की तो उत्‍तरदाता के इंजीनियर ने परिवादी के घर जाकर प्रश्‍नगत बैटरियों की सर्विस की। परिवादी का यह कथन भी उत्‍तरदाता विपक्षी-2 ने स्‍वीकार किया कि दिनांक 28-11-2015 को परिवादी ने प्रश्‍नगत बैटरियां उत्‍तरदाता के पास इस शिकायत के साथ जमा करायी थी कि बैटरियां उचित चार्जिंग के बाद भी बैकअप नहीं दे रही है, इसपर उत्‍तरदाता ने अपने इंजीनियर से बैटरियों को चैक कराया था। इंजीनियर ने चैक करने के बाद परिवादी को बताया था कि बैटरियों में जो कमी है, वह कंपनी द्वारा ही सही की जायेगी। उत्‍तरदाता ने प्रश्‍नगत बैटरियां विपक्षी-1 को भेज दी थी और उक्‍त बैटरियां आज भी विपक्षी-1 के पास हैं। उत्‍तरदाता विपक्षी ने यह कहते हुए कि परिवादी की बैटरियां ओवर चार्ज थी, परिवादी का क्‍लेम देने से इंकार कर दिया और इसकी जानकारी उत्‍तरदाता ने परिवादी को दे दी थी। उत्‍तरदाता विपक्षी-2 ने अग्रेत्‍तर यह कथन करते हुए कि उसने परिवादी को सेवा प्रदान करने में कोई चूक अथवा लापरवाही नहीं की, अपने विरूद्ध परिवादी को खारिज किये जाने की प्रार्थना की।
  7. परिवादी ने अपना साक्ष्‍य शपथपत्र कागज सं.-11 /1 लगायत 11/3 दाखिल किया।
  8. विपक्षी-1 की ओर से कंपनी के अधिकृत प्रतिनिधि श्री राहुल गुप्‍ता का साक्ष्‍य शपथपत्र कागज सं.-12/1 लगायत 12/6 दाखिल किया, जिसके साथ वारंटी कार्ड की नकल बतौर संलग्‍नक दाखिल की गई, जो पत्रावली का कागज सं.-12/7 लगायत 12/10 है।  
  9. हमने परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया।
  10. परिवाद के साथ दाखिल रिटेल इन्‍वायस के अवलोकन से प्रकट है कि विपक्षी-2 से परिवादी ने प्रश्‍नगत बैटरियां अंकन-29000/-रूपये में खरीदी थीं। परिवादी ने अपने साक्ष्‍य शपथपत्र के माध्‍यम से परिवाद कथनों का समर्थन करते हुए कहा है कि बैटरियों की 30 महीने की रिप्‍लेसमेंट वारंटी थी, बैटरियों में शुरू से ही निर्माण संबंधी दोष थे। बैटरियों ने सही प्रकार से कार्य नहीं किया और बैकअप भी नहीं दिया। परिवादी ने जब इसकी शिकायत विपक्षी-2 से की तो उसने अपने इंजीनियर से बैटरियों को चैक कराया, कई बार बैटरियों में उसने तेजाब भी डलवाया किन्‍तु बैटरियों में कोई सुधार नहीं हुआ। रोज-रोज की दिक्‍कतों से परेशान होकर परिवादी ने अपनी शिकायत दर्ज कराते हुए, प्रश्‍नगत बैटरियां विपक्षी-2 के पास इन्‍हें बदलने के लिए भेज दी। विपक्षी-2 ने मूल इन्‍वायस तथा मूल वारंटी कार्ड सहित बैटरियों को विपक्षी-1 के पास भिजवाया किन्‍तु विपक्षी-1 ने बैटरियों को वापिस नहीं किया। परिवादी का यह भी कथन है कि बैटरियां अभी भी विपक्षी-1 के पास हैं। विपक्षी-2 जो प्रश्‍नगत बैटरियों का विपक्षी-1 का डीलर है, ने अपने प्रतिवाद पत्र से परिवादी के उक्‍त कथनों का समर्थन किया और कहा कि विपक्षी-1 ने प्रश्‍नगत बैटरियों के संबंध में परिवादी का क्‍लेम यह कह कर खारिज कर दिया कि बैटरियां ओवर चार्ज हैं। विपक्षी-2 ने अपने प्रतिवाद पत्र में यह भी कहा कि उसके इंजीनियर ने जब बैटरियों को चैक किया तो पाया कि बैटरियों में निर्माण संबंधी दोष है। बैटरियों की निर्माता कंपनी विपक्षी-1 की ओर से बहस हेतु कोई उपस्थित नहीं हुए। उनकी ओर से जो प्रतिवाद पत्र फोरम के समक्ष दाखिल हुआ है, उसके समर्थन में विपक्षी-1 के डायरेक्‍टर श्री राहुल गुप्‍ता का शपथपत्र पत्रावली में दाखिल हुआ है, जिसमें विपक्षी-1 के प्रतिवाद पत्र के कथनों को दोहराया गया है। विपक्षी-1 की ओर से यह आपत्ति उठायी गई है कि इस फोरम को परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार नहीं है बल्कि परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार दक्षिणी दिल्‍ली स्थित उपभोक्‍ता फोरम को है। विपक्षी-1 के उक्‍त कथनों में कोई बल नहीं है। परिवादी ने प्रश्‍नगत बैटरियां विपक्षी-2 से मुरादाबाद में खरीदी थीं और विपक्षी-2, विपक्षी-1 का मुरादाबाद में डीलर/डिस्‍टीब्‍यूटर है, इसके अतिरिक्‍त परिवादी को वाद का कारण मुरादाबाद में उत्‍पन्‍न हुआ है, ऐसी दशा में इस फोरम को परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार है।
  11. विपक्षी-1 की ओर से यह भी आपत्ति उठायी गई है कि बैटरियों को कामर्शियल परपज के लिए खरीदा गया है, अत: फोरम को सुनवाई का क्षेत्राधिकार नहीं है। परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता ने परिवाद के पैरा-2 की ओर हमारा ध्‍यान आकर्षित करते हुए कथन किया कि परिवादी ने प्रश्‍नगत बैटरियां अपने घरेलू इस्‍तेमाल के लिए खरीदी थीं और इस आशय का कथन परिवादी ने परिवाद के पैरा-2 में प्रारम्‍भ में कर दिया था। उनका तर्क है कि प्रश्‍नगत बैटरियां कामर्शियल परपज के लिए नहीं खरीदी गई थीं। विपक्षी-1 का उत्‍तरदायित्‍व था कि वे इस आशय का प्रमाण फोरम के समक्ष प्रस्‍तुत करते कि प्रश्‍नगत बैटरियां परिवादी ने व्‍यवसायिक प्रयोजन हेतु खरीदी थीं किन्‍तु विपक्षी-1 ऐसा कोई प्रमाण प्रस्‍तुत नहीं कर पाये। अतएव विपक्षी-1 के इस कथन में हम कोई बल नहीं पाते हैं कि फोरम को परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार नहीं है।
  12. विपक्षी-1 की ओर से अपने साक्ष्‍य शपथपत्र में यह भी कहा गया है कि परिवाद के साथ मूल वारंटी कार्ड चूंकि दाखिल नहीं किया गया है, अतएव परिवाद पोषणीय नहीं है। विपक्षी-1 की ओर से बचाव में उक्‍त कथन भी उनकी सहायता नहीं करता। परिवादी ने अपने साक्ष्‍य शपथपत्र में यह कह रखा है कि उसने प्रश्‍नगत बैटरियां रिप्‍लेस करने के लिए जब विपक्षी-2 के पास भेजी थीं तो साथ में उसने बैटरियां खरीदने की मूल इन्‍वायस तथा मूल वारंटी कार्ड भी विपक्षी-2 को दे दिये थे, इस प्रकार जब परिवाद योजित किये जाते समय मूल वारंटी कार्ड परिवादी के पास थे ही नहीं तब मूल वारंटी कार्ड परिवाद के साथ दाखिल करने का परिवादी के पास कोई अवसर नहीं था। इन परिस्थितियों में परिवाद के साथ मूल वारंटी कार्ड दाखिल किये जाने विषयक विपक्षी-1 के तर्क विपक्षी-1 के लिए सहयोगी नहीं हैं।
  13. परिवादी ने अपने साक्ष्‍य शपथपत्र में यह सशपथ कथन किया है कि रोज-रोज की दिक्‍कतों से परेशान होकर उसने रिप्‍लेसमेंट हेतु मूल वारंटी कार्ड और मूल इन्‍वायस सहित प्रश्‍नगत बैटरियां विपक्षी-2 को दे दी थीं। परिवादी के उक्‍त कथनों को विपक्षी-2 ने अपने प्रतिवाद पत्र में स्‍वीकार करते हुए अग्रेत्‍तर यह भी कथन किया कि परिवादी द्वारा जो बैटरियां उसे दी गई थीं, विपक्षी-2 ने उन्‍हें विपक्षी-1 को भेज दिया था और प्रश्‍नगत बैटरियां विपक्षी-1 के ही पास हैं। परिवादी तथा विपक्षी-2 के उक्‍त कथनों के दृष्टिगत विपक्षी-1 की ओर से किये गये इस कथन में कोई बल दिखायी नहीं देता कि विपक्षी-1 को बैटरियां नहीं भेजी गई थीं। पत्रावली पर जो साक्ष्‍य सामग्री उपलब्‍ध है, उससे यह भली-भॉति प्रकट है कि बैटरियों में प्रारम्‍भ से ही कमियां थीं और वे बैकअप नहीं दे पा रही थीं। ऐसी दशा में उचित यह दिखायी देता है कि विपक्षी-1 को निर्देशित किया जाये कि वे बैटरियों का मूल्‍य अंकन-29000/-रूपये 9 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित परिवादी को अदा करें। परिवादी को विपक्षी-1 से परिवाद व्‍यय की मद में अंकन-2500/-रूपये तथा क्षतिपूर्ति की मद में अंकन-5000/-रूपये अतिरिक्‍त दिलाया जाना भी न्‍यायोचित दिखायी देता है। परिवाद तद्नुसार विपक्षी-1 के विरूद्ध स्‍वीकार होने योग्‍य है। 

परिवाद योजित किये जाने की तिथि से वास्‍तविक वसूली की तिथि तक की अवधि हेतु 9 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित अंकन-29000/-रूपये की वसूली हेतु यह परिवाद परिवादी के पक्ष में विपक्षी-1 के विरूद्ध स्‍वीकृत किया जाता है। विपक्षी-1 से परिवादी क्षतिपूर्ति की मद में अंकन-5000/-रूपये और परिवाद व्‍यय की मद में अंकन-2500/-रूपये अतिरिक्‍त पाने का भी अधिकारी होगा। इस आदेशानुसार समस्‍त धनराशि का भुगतान परिवादी को एक माह में किया जाये।

               (सत्‍यवीर सिंह)                                                                                                                     (पवन कुमार जैन)

  •          सदस्‍य                                                                                                                                      अध्‍यक्ष

आज यह निर्णय एवं आदेश हमारे द्वारा हस्‍ताक्षरित तथा दिनांकित होकर खुले न्‍यायालय में उद्घोषित किया गया।

 

           (सत्‍यवीर सिंह)                                                                                                                          (पवन कुमार जैन)

  •      सदस्‍य                                                                                                                                             अध्‍यक्ष

दिनांक: 04-08-2018

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. P.K Jain]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. Satyaveer Singh]
MEMBER

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