(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1598/2008
महेन्द्र जायसवाल पुत्र स्व0 श्री सूरज नारायण जायसवाल
बनाम
जय प्रकाश यादव पुत्र धनपति यादव तथा तीन अन्य
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक : 10.04.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-427/2002, जय प्रकाश यादव बनाम पंजाब नेशनल बैंक तथा तीन अन्य में विद्वान जिला आयोग, देवरिया द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 30.8.2007 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर बल देने के लिए उभय पक्ष की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। अत: पीठ द्वारा स्वंय प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
2. विद्वान जिला आयोग ने आर.सी. जारी होने के पश्चात यह आदेश पारित किया है कि आर.सी. के तहत जो धनराशि वसूल की गयी है, वह वापस बैंक में जमा करायी जाय, इस आदेश के अवलोकन से जाहिर होता है कि विद्वान जिला आयोग के सम्मानित
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अध्यक्ष एवं सदस्य को इस विधि की किंचित जानकारी नहीं है कि वसूली प्रमाण पत्र जारी होने के पश्चात किसी भी न्यायालय/ट्रिब्यूनल/उपभोक्ता मंच को क्षेत्राधिकार नहीं होता है कि वह वसूली प्रमाण पत्र पर किसी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न कर सके, परन्तु प्रस्तुत केस में न केवल वसूली प्रमाण पत्र को निरस्त किया गया है, बल्कि वसूली प्रमाण पत्र के तहत जो धनराशि वसूल की गयी है, उसे भी जमा करने का आदेश पारित किया है, इसलिए तहसील संग्रह अमीन, सलेमपुर की ओर से प्रस्तुत की गयी अपील स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
3. प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 30.08.2007 अपास्त किया जाता है तथा संधारणीय न होने के कारण परिवाद खारिज किया जाता है।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार(
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-2