राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील संख्या-96/1998
(जिला उपभोक्ता फोरम, गाजीपुर द्वारा परिवाद संख्या-116/1997 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 15.12.1997 के विरूद्ध)
मे0 मां निस्तारनी कोल्ड स्टोरेज प्रा0लि0, ग्राम व पोस्ट उतरांव, तहसील मोहम्मदाबाद, जिला गाजीपुर, द्वारा प्रोपराइटर/मैनेजर श्री गंगा विशुन प्रसाद।
अपीलार्थी@विपक्षी
बनाम्
श्री जगदीश सिंह पुत्र स्व0 श्री जगरनाथ सिंह, निवासी ग्राम लबकरा, पोस्ट प्रधानपुर, तहसील रसड़ा, जिला बलिया।
प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1. माननीय श्री राम चरन चौधरी, पीठासीन सदस्य।
2. माननीय श्री जुगुल किशोर, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक 29.07.2015
माननीय श्री जुगुल किशोर, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
यह अपील, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, गाजीपुर द्वारा परिवाद संख्या-116/1997 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 15.12.1997 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई है, जिसके अन्तर्गत जिला फोरम द्वारा निम्नवत् आदेश पारित किया गया है :-
'' यह परिवाद स्वीकार किया जाता है। विपक्षी परिवादी को मु0 20,800/- (रूपये बीस हजार आठ सौ मात्र) क्षतिपूर्ति की धनराशि एक माह के अन्दर प्रदत्त करें। अन्यथा इस धनराशि पर 8 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज भी देय होगा। ''
उभय पक्ष की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। यह अपील वर्ष 1998 से निस्तारण हेतु लम्बित है। अत: पीठ द्वारा स्वंय अपील आधारों तथा जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय/आदेश का अवलोकन किया गया और समीचीन पाया गया कि प्रस्तुत अपील का निस्तारण गुणदोष के आधार पर कर दिया जाये।
संक्षेप में, केस के तथ्य इस प्रकार है कि परिवादी/प्रत्यर्थी ने विपक्षी/अपीलार्थी के यहां दिनांक 22.02.1997 को रू0 03/- प्रतिबोरा की दर से 130 बोरा आलू रू0 390/- अग्रिम किराया जमा कर दिनांक 08.04.1997 को रखा था। परिवादी जब अपने रखे 130 बोरा आलू को विपक्षी के यहां लेने पहुँचा तो विपक्षी ने उसे एक सप्ताह बाद आने को कहा। एक सप्ताह बाद जब परिवादी विपक्षी कोल्ड स्टोरेज पहुँचा तो उसे बताया गया कि आपका आलू सड़ गया है। अत: विपक्षी की सेवा में कमी के कारण क्षतिपूर्ति प्राप्त करने हेतु परिवादी द्वारी प्रश्नगत परिवाद योजित किया गया।
-2-
जिला फोरम के समक्ष विपक्षी द्वारा परिवाद का विरोध करते हुए यह कहा गया कि विपक्षी के कोल्ड स्टोरेज में आलू परिवादी ने व्यावसायिक उद्देश्य हेतु रखा था, इस कारण वह विपक्षी का उपभोक्ता नहीं है।
जिला फोरम ने दोनों पक्षकारो को सुनने एवं पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर उपरोक्त निर्णय एवं आदेश पारित किया।
उपरोक्त आदेश से क्षुब्ध होकर यह अपील योजित की गयी। पत्रावली के परिशीलन से स्पष्ट होता है कि अपीलार्थी विगत कई तिथियों से अनुपस्थित चल रहा है। अत: पीठ द्वारा अपील आधारों एवं जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का परिशीलन करने के उपरान्त यह समीचीन पाया गया कि प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा अपीलार्थी/विपक्षी के कोल्ड स्टोरेज में 130 बोरा आलू रखा गया था और उसके सम्बन्ध में प्रत्यर्थी ने अग्रिम किराया भी अदा किया था, जो स्वीकृत तथ्य है। हमारे मत में प्रत्यर्थी का 130 बोरा आलू जो अपीलार्थी के कोल्ड स्टोरेज में सड़ गया, उसके लिए अपीलार्थी जिम्मेदार है, जिसके लिए प्रत्यर्थी क्षतिपूर्ति पाने का हकदार है। इस सन्दर्भ में जिला फोरम द्वारा भी स्पष्ट निष्कर्ष दिया गया है। तदनुसार जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय एंव आदेश पूर्ण विवेचना के उपरान्त पारित किया गया है, जिसमें हम किसी भी प्रकार की विधिक त्रुटि नहीं पाते हैं। तदनुसार प्रस्तुत अपील निरस्त होने योग्य है।
आदेश
अपील निरस्त की जाती है।
(राम चरन चौधरी) (जुगुल किशोर)
पीठासीन सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0
कोर्ट-5