(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-806/2010
ब्रांच मैनेजर, ओरियण्टल इंश्योरेंस कं0लि0 तथा एक अन्य बनाम जगदीश कुशवाहा पुत्र श्री रमेश
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
दिनांक : 30.08.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-57/2009, जगदीश कुशवाहा बनाम शाखा प्रबंधक, ओरियण्टल इंश्योरेंस कं0लि0 तथा एक अन्य में विद्वान जिला आयोग, चन्दौली द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 6.4.2010 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता श्री दीपक मेहरोत्रा तथा प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री मो0 हिदायत उल्लाह अंसारी को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/पत्रावली का अवलोकन किया गया।
2. अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता का मुख्य तर्क यह है कि वाहन संख्या-यू.पी. 64 एफ. 0867 का बीमा सोनभद्र शाखा से हुआ है तथा दुर्घटना जनपद सुलतानपुर में घटित हुई है, परन्तु परिवाद चन्दौली स्थित जिला फोरम में प्रस्तुत किया गया है, जबकि चन्दौली स्थित जिला फोरम को इस परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार प्राप्त नहीं है।
3. प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता का यह तर्क है कि जनपद चन्दौली में बीमा कंपनी की शाखा मौजूद है और प्रीमियम की राशि का भुगतान चन्दौली जनपद में भी किया गया है। यदि इस तथ्य को सही माना जाए कि बीमा कंपनी का प्रीमियम कलेक्शन काउंटर जनपद चन्दौली में मौजूद है, परन्तु इस स्थिति के बावजूद परिवादी ने कभी भी कोई प्रीमियम की राशि चन्दौली में जमा नहीं की गई है। इस प्रकार एक बार भी घटनाक्रम
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चन्दौली में घटित नहीं हुआ है। अत: स्थानिक क्षेत्राधिकार चन्दौली स्थित जिला फोरम को नहीं है। नजीर, सोनिक सर्जिकल बनाम नेशनल इंश्योरेंस कं0लि0 IV (2009) CPJ 40 (SC) प्रस्तुत की गई है, जिसमें व्यवस्था दी गई है कि बीमा पालिसी अम्बाला में ली गई, जबकि परिवाद चण्डीगढ़ में प्रस्तुत किया गया। अत: चण्डीगढ़ आयोग का क्षेत्राधिकार नहीं माना गया। निवेश के आधार पर तत्समय क्षेत्राधिकार उत्पन्न नहीं होता था। यद्यपि नूतन अधिनियम के अंतर्गत निवेश के आधार पर भी उपभोक्ता को परिवाद प्रस्तुत करने का अधिकार उपलब्ध कराया गया है, परन्तु तत्समय यह अधिकार उत्पन्न न होने के कारण चन्दौली स्थित फोरम को सुनवाई का क्षेत्राधिकार प्राप्त नहीं था। अत: निर्णय/आदेश अपास्त होने और प्रस्तुत अपील स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
4. प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 06.04.2010 अपास्त किया जाता है तथा परिवादी को यह अधिकार रहेगा कि वह सक्षम फोरम के समक्ष अपना परिवाद दायर कर सकता है।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार(
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0, कोर्ट-2