(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-111/2011
इलाहाबाद बैंक, ब्रांच लखीमपुर खीरी तथा एक अन्य
बनाम
जगदीश कुमार चौरसिया पुत्र छोटे लाल चौरसिया तथा एक अन्य
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
अपीलार्थीगण की ओर से : कोई नहीं।
प्रत्यर्थी सं0-1 की ओर से : श्री अरूण टण्डन, विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी सं0-2 की ओर से : श्री नीरज पालीवाल, विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक : 26.09.2023
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-233/2004, जगदीश कमार चौरसिया बनाम शाखा प्रबंधक इलाहाबाद बैंक तथा दो अन्य में विद्वान जिला आयोग, लखीमपुर खीरी द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 24.12.2010 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर बल देने के लिए अपीलार्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है, जबकि प्रत्यर्थी सं0-1 के विद्वान अधिवक्ता श्री अरूण टण्डन एवं प्रत्यर्थी सं0-2 के विद्वान अधिवक्ता श्री नीरज पालीवाल को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
2. विद्वान जिला आयोग द्वारा प्रश्नगत परिसर का बीमा विपक्षी बैंक द्वारा न कराए जाने के कारण अंकन 2,00,000/-रू0 की क्षतिपूर्ति अदा करने का आदेश पारित किया है। प्रश्नगत निर्णय/आदेश के अवलोकन से जाहिर होता है कि परिवादी द्वारा बैंक से ऋण प्राप्त किया गया था और बैंक द्वारा ऋण की सुरक्षा के उद्देश्य से बीमा कराया गया
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था। अपील के ज्ञापन के साथ दस्तावेज सं0-30 पर दिनांक 27.6.2002 से दिनांक 26.6.2003 तक की एक पालिसी की प्रति मौजूद है, जिसमें Fire, Burglary, Cash Money, PL से सुरक्षा के लिए बीमा कराया गया था। बाढ़ से सुरक्षा के लिए कोई बीमा नहीं कराया गया था, इसलिए यदि यह माना जाए कि बैंक द्वारा ही बीमा कराया जाता रहा है तब यह बीमा पूर्व पालिसी के अनुसार उपरोक्त वर्णित सुरक्षा के लिए कराया जाता। विद्वान जिला आयोग ने अपने निर्णय/आदेश में स्वंय अंकित किया है कि क्षति के आंकलन का कोई स्रोत मौजूद नहीं है, इसके बावजूद भी क्षतिपूर्ति का आदेश पारित किया गया है, जो किसी भी दृष्टि से विधिसम्मत नहीं है। अत: यह निर्णय/आदेश अपास्त होने और प्रस्तुत अपील स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
3. प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 24.12.2010 अपास्त किया जाता है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार(
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-3