राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1457/2001
(सुरक्षित)
(जिला उपभोक्ता फोरम, फर्रूखाबाद द्वारा परिवाद संख्या- 927/1993 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 30-07-1998 के विरूद्ध)
मेसर्स डायमण्ड सीमेंट ( प्रो0 मैसूर सीमेंट लिमिटेड 97/8 (1) सिविल लाइन, झॉसी।
..अपीलार्थी/विपक्षी
बनाम
जगदीश बाबू गुप्ता पुत्र श्री गंगाराम निवासी- नितगंजा, फर्रूखाबाद पगरना पहाड़ा तहसील सदर, जिला- फर्रूखाबाद सोल प्रो0 फर्म गुप्ता बिल्डर्स आई.टी.आई. चौराहा, फर्रूखाबाद यू0पी0.
..प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1-माननीय श्री राम चरन चौधरी, पीठासीन सदस्य।
2-माननीय श्री राज कमल गुप्ता, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री अरूण टण्डन, विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक- 09-07-2015
माननीय श्री राम चरन चौधरी, पीठासीन सदस्य, द्वारा उदघोषित
निर्णय
अपीलकर्ता ने यह अपील जिला उपभोक्ता फोरम, फर्रूखाबाद द्वारा परिवाद संख्या- 927/1993 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 30-07-1998 के विरूद्ध प्रस्तुत की है, जिसके द्वारा जिला उपभोक्ता द्वारा निम्न आदेश पारित किया गया है:-
“उपभोक्ता याचिका संख्या 927/1993 स्वीकार की जाती है और विपक्षी के विरूद्ध 15,000-00 रूपये की वसूली 18 प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज के सहित दिनांक 13-04-1993 से वसूली की तिथि तक तथा वाद व्यय के रूप में 500-00 रूपये स्वीकार किये जाते है।”
संक्षेप में केस के तथ्य इस प्रकार से है कि परिवादी ने अपनी सिक्योरिटी धनराशि 15000-00 रूपये जिस पर 18 प्रतिशत प्रतिवर्ष वार्षिक ब्याज की दर से मांग की है। परिवादी 29-07-1989 को डायमण्ड सीमेंट
(2)
फर्रूखाबाद में बेचने के लिए अधिकृत विके्ता के रूप में नियुक्त किया गया था तथा विपक्षी ने उससे 15000-00 रूपये की सिक्योरिटी रसीद संख्या-22 दिनांक 29-07-1989 द्वारा दिनांक 22-07-1989 के माध्यम से प्राप्त की थी। फरवरी 1993 में परिवादी की स्टाकिस्टसिफ्ट समाप्त कर दी गई। परिवादी ने इस स्टाकिस्टकी समाप्ति पर 13-03-1993 को अपनी सिक्योरिटी वापसी लेने हेतु लिखा, परन्तु सिक्योरिटी धनराशि वापस नहीं की गई।
जिला उपभोक्ता फोरम के समक्ष विपक्षी द्वारा प्रारम्भिक आपत्ति प्रस्तुत की गई, जिसमें कि क्षेत्राधिकार के सम्बन्ध में इस आधार पर चुनौती दी गई है कि यह व्यापारिक वाद है। अत: इस मंच को इस वाद के निर्णय करने का अधिकार प्राप्त नहीं है।
इस सम्बन्ध में अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री अरूण टण्डन उपस्थित है, उनको सुना गया तथा अपील के आधार का अवलोकन किया गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
जिला उपभोक्ता फोरम ने अपने निर्णय में स्वयं कहा है कि यह तथ्य स्पष्ट है कि विपक्षी द्वारा परिवादी के स्टाकिस्ट होने का तथ्य और 15,000-00 रूपये जमानत के रूप में जमा करने का तथ्य विवादित नहीं किया है। अपीलकर्ता के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया कि सिक्योरिटी डिपाडिज का मामला है। परिवादी सीमेंट की बिक्री के लिए स्टाकिस्ट था और इसलिए उसने सिक्योरिटी जमा किया था। यह मामला व्यावसायिक प्रकृति का है। यह उपभोक्ता विवाद नहीं है। इस सम्बन्ध में परिवाद पत्र के पैरा-2 का अवलोकन किया गया, जिसमें कहा गया है कि परिवादी जगदीश बाबू गुप्ता ने 15,000-00 रूपये सिक्योरिटी विपक्षी के पास जमा किया, जिसकी रसीद सं0-22 दिनांक 29-07-1989 है, जिसे विपक्षी ने जारी किया
(3)
और पैरा सं0-1 में कहा गया है कि विपक्षी ने परिवादी को अपना स्टाकिस्ट नियुक्त किया, जिसमें डायमण्ड ब्राण्ड की सीमेंट की बिकी फर्रूखाबाद में करने के लिए किया।
केस के तथ्यों परिस्थितियों से यह स्पष्ट है कि यह व्यवसायिक कारोबार के सम्बन्ध में सीमेंट बिक्री के सम्बन्ध में सिक्योरिटी के रूप में 15,000-00 रूपये जमा कराया गया है। इस सम्बन्ध में यह पाते है कि यह प्रकरण व्यवसायिक ट्रॉक्जक्शन है और यह प्रकरण उपभोक्ता विवाद के अर्न्तगत नहीं आता है और हम यह पाते है कि इस सम्बन्ध में जो जिला उपभोक्ता फोरम द्वारा निर्णय/आदेश दिनांकित- 30-07-1998 पारित किया गया है, वह त्रुटिपूर्ण है और निरस्त होने योग्य है। अपीलकर्ता की अपील स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
अपीलकर्ता की अपील स्वीकार की जाती है तथा जिला उपभोक्ता फोरम, फर्रूखाबाद द्वारा परिवाद संख्या- 927/1993 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 30-07-1998 को निरस्त किया जाता है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वयं वहन करें।
(राम चरन चौधरी) ( राज कमल गुप्ता )
पीठासीन सदस्य सदस्य
आर.सी. वर्मा, आशु.
कोर्ट नं0-5