राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
पुनरीक्षण संख्या-06/2015
(जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, चित्रकूट द्वारा परिवाद संख्या-57/2013 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 15-10-2014 के विरूद्ध)
Branch Manager, Allahabad Bank, Karwi District-Chitrakoot, U.P.
पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षी
बनाम्
Jagdambika Prasad S/o Jiyalal,resident of Gokulpuri, Shankar Bazaar, Karwi, Tehsil-Karwi, District-Chitrakoot, U.P.
प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष :-
1- मा0 न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष।
2- मा0 श्रीमती बाल कुमारी, सदस्य।
1- पुनरीक्षणकर्ता की ओर से उपस्थित - कोई नहीं।
2- प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित - श्री नवीन तिवारी।
दिनांक : 18-07-2017
मा0 न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित निर्णय :
पुनरीक्षर्णकता की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रत्यर्थी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री नवीन तिवारी उपस्थित। पुनरीक्षणकर्ता की ओर से एक प्रार्थना पत्र इस आशय का प्रस्तुत किया गया है कि आज यह पत्रावली वाद सूची में प्रकाशित नहीं है तथा पूरक सूची में इसे लिस्ट किया जाए, परन्तु उपरोक्त प्रार्थना पत्र गलत कथन के साथ प्रस्तुत किया गया है और आज यह पत्रावली मूल वाद सूची में क्रमांक संख्या-33 पर इस पीठ के समक्ष सुनवाई हेतु सूचीबद्ध है।
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पुनरीक्षणकर्ता की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रत्यर्थी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री नवीन तिवारी उपस्थित है। प्रत्यर्थी के विद्धान अधिवक्ता का सुनकर इस पुनरीक्षण का अंतिम रूप से निस्तारण किया गया।
परिवाद संख्या-57/2013 जगदम्बा प्रसाद बनाम शाखा प्रबन्धक, इलाहाबाद बैंक, कर्वी जनपद चित्रकूट द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 15-10-2014 के विरूद्ध यह पुनरीक्षण याचिका धारा-17 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत आयोग के समक्ष प्रस्तुत की गयी है।
जिला फोरम ने आक्षेपित निर्णय और आदेश के द्वारा उपरोक्त परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए निम्न आदेश पारित किया है-
''परिवादी का परिवाद अंशत: स्वीकृत करते हुए विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी द्वारा लिये गये गृह ऋण पर प्रारम्भ से ही क्वाटर्ली ब्याज आंकलित करके संबंधित धनराशि की वसूली उनसे करें। मामले के तथ्यों एवं परिस्थितियों को देखते हुए पक्षकार अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे। जिला फोरम के उपरोक्त आदेश से क्षुब्ध होकर उपरोक्त परिवाद के विपक्षी शाखा प्रबंधक, इलाहाबाद बैंक, शाखा कर्वी जनपद चित्रकूट की ओर से यह पुनरीक्षण याचिका धारा-15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत आयोग के समक्ष प्रस्तुत की गयी है।
जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश के विरूद्ध धारा-15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत अपील प्रस्तुत की जा सकती है परन्तु अपील न प्रस्तुत कर विपक्षी की ओर से पुनरीक्षण याचिका प्रस्तुत की गयी है।
आक्षेपित निर्णय और आदेश में ऐसी कोई त्रुटि और अनियमितता नहीं दिखायी देती है जिसके आधार पर पुनरीक्षण न्यायालय के रूप में इस आयोग
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द्वारा निर्णय और आदेश में हस्तक्षेप को उचित कहा जा सके। अत: पुनरीक्षण याचिका पुनरीक्षण याची को विधि के अनुसार अपील प्रस्तुत करने की छूट के साथ निरस्त की जाती है।
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान) (बाल कुमारी)
अध्यक्ष सदस्य
कोर्ट नं0-1 प्रदीप मिश्रा, आशु0