Rajasthan

Jaipur-IV

CC/1183/2013

Jagdish Narayan Raigar - Complainant(s)

Versus

J.V.V.N.L. Jaipur - Opp.Party(s)

Hemant Saini & Others

02 Mar 2015

ORDER

          जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जयपुर चतुर्थ, जयपुर

                             पीठासीन अधिकारी
      डाॅ. चन्द्रिका प्रसाद शर्मा, अध्यक्ष
                         डाॅ. अलका शर्मा, सदस्या
श्री अनिल रूंगटा, सदस्य

परिवाद संख्या:-1183/2013 (पुराना परिवाद संख्या 1344/2011)

श्री जगदीश नारायण रैगर पुत्र श्री मूलचन्द रैगर, जाति रैगर, निवासी- गांव तुंगा, तहसील बस्सी,  जिला जयपुर (राजस्थान) । 
परिवादी
बनाम

01. सहायक अभियन्ता, जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, बस्सी, जिला   जयपुर ।
02. जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, ज्योति नगर, विद्युत भवन, जयपुर जरिये मैनेजिंग डायरेक्टर  ।
विपक्षीगण

उपस्थित
परिवादी की ओर से श्री हेमन्त सैनी/श्री शैलेन्द्र सिंह, एडवोकेट
विपक्षीगण की ओर से श्री संदीप शर्मा/श्री आर.के.टोंगावत, एडवोकेट

निर्णय
                                                                               दिनांकः-02.03.2015

यह परिवाद, परिवादी द्वारा विपक्षीगण के विरूद्ध दिनंाक 10.08.2011 को निम्न तथ्यों के आधार पर प्रस्तुत किया गया हैः-
परिवादी ने विपक्षीगण से एक घरेलु विद्युत कनेक्शन ले रखा हैं । नवम्बर,2008 में परिवादी को विपक्षीगण ने दो बिल जारी किये । इसमें पहला बिल 7,561/-रूपये का था जिसे परिवादी ने दिनांक 27.08.2011 को जमा करवा दिया और दूसरा बिल 1,22,285/-रूपये का था, जिसके संबंध में परिवादी ने विपक्षीगण से सम्पर्क साधा तो विपक्षीगण ने कोई कार्यवाही नहीं की । जबकि विपक्षीगण द्वारा परिवादी को भेजा गया यह बिल गलत और अवैध था । और बाद में परिवादी द्वारा बिल राशि जमा नहीं कराने पर विपक्षीगण ने परिवादी का विद्युत कनेक्शन काट दिया । इस प्रकार विपक्षीगण ने परिवादी को उक्त 1,22,285/-रूपये का त्रुटिपूर्ण बिल दोषपूर्ण तरीके से जारी करके सेवादोष कारित किया हैं और इस सेवादोष के आधार पर परिवादी अब विपक्षीगण से परिवाद के मद संख्या 07 में अंकित सभी अनुतोष प्राप्त करने का अधिकारी हैं ।
विपक्षीगण की ओर से दिये गये जवाब में कथन किया गया है कि परिवादी के विद्युत कनेक्शन को एफ.आर.पी. के तहत दिनांक 25.02.2008 को मीटर वाला ट्रांसफार्मर लगाकर उसमें मीटर संख्या 149700 लगा दिया गया था । इसकी पालना रिपोर्ट आने पर माह नवम्बर,2008 में मीटर के पठनानुसार परिवादी द्वारा उपभोग की गई 21391 यूनिट के लिए बिल 1,22,285/-रूपये का जारी किया गया था । इसके पूर्व में परिवादी से वसूल की गई औसत विद्युत राशि 23,390/-रूपये कम करके परिवादी को 98,894/-रूपये की बकाया राशि का बिल भेजा गया था । यह बकाया राशि परिवादी द्वारा जमा नहीं कराने पर परिवादी का विद्युत कनेक्शन दिनांक        20.03.2009 को विच्छेद कर दिया गया था । इसमें विपक्षीगण का कोई सेवादोष नहीं हैं । अतः परिवाद, परिवादी निरस्त किया जावें ।
परिवाद के तथ्यों की पुष्टि में परिवादी श्री जगदीश नारायण रैगर ने स्वयं का शपथ पत्र एवं कुल 12 पृष्ठ दस्तावेज प्रस्तुत किये । जबकि जवाब के तथ्यों की पुष्टि में विपक्षीगण की ओर से श्री उमराव सिंह महावर एवं श्री सुधीर कुमार के शपथ पत्र एवं कुल चार पृष्ठ दस्तावेज प्रस्तुत किये गये । 
बहस अंतिम सुनी गई एवं पत्रावली का आद्योपान्त अध्ययन किया गया ।
परिवादी एवं विपक्षीगण दोनों की ओर से लिखित बहस प्रस्तुत की गई ।
प्रस्तुत प्रकरण में परिवादी को विपक्षीगण की ओर से माह नवम्बर,2008 का बिल भेजा गया था जिसमें वर्तमान पठन 21391 यूनिट एवं गत पठन 0 बताते हुए परिवादी को 21391 यूनिट का 1,22,285/-रूपये का बिल भेजा गया था । जिसके संबंध में परिवादी ने विपक्षीगण के कार्यालय में दिनंाक 16.12.2008, 20.01.2009 एवं 22.01.2009 को आवेदन प्रस्तुत करके सम्पर्क किया तो भी विपक्षीगण ने कोई कार्यवाही परिवादी को अनुतोष प्रदान करने हेतु नहीं की । बल्कि परिवादी का विद्युत कनेक्शन दिनंाक 12.12.2008 को विच्छेदित कर दिया । इसके विपरीत विपक्षीगण का कथन है कि उनके द्वारा परिवादी को जो नवम्बर,2008 का बिल भेजा गया था, वह गत पठन 0 और वर्तमान पठन 21391 यूनिट बताते हुए 1,22,285/-रूपये का सही भेजा गया    था । इसमें से बाद में औसत विद्युत उपभोग की राशि 23,390/-रूपये घटाकर परिवादी से 98,894/-रूपये की मांग की गई थी । जो परिवादी द्वारा जमा नहीं कराई गई तो दिनंाक 20.03.2009 को परिवादी का विद्युत कनेक्शन विच्छेद कर दिया गया । इन तथ्यों को सिद्ध करने के लिए विपक्षीगण ने मीटर चैन्ज आॅर्डर दिनंाकित 24.02.2008 की प्रति प्रस्तुत की हैं । इसके साथ ही मीटर रीडिंग रिकाॅर्ड माह नवम्बर,2008 प्रस्तुत किया गया है । जिसके अनुसार परिवादी के मीटर का उपभोग 21391 यूनिट दर्शाया गया हैं । जिस विद्युत उपभोग यूनिट की मांग परिवादी से विपक्षीगण ने माह नवम्बर,2008 के बिल में की है । परन्तु विपक्षीगण द्वारा माह नवम्बर,2008 के बिल में परिवादी द्वारा पूर्व में जमा करवाई गई औसत विद्युत उपभोग की राशि कम करने का कोई पृृष्ठाकंन नहीं किया गया है और न ही परिवादी को कभी संशोधित बिल राशि 98,894/-रूपये जमा कराने को कहा है जबकि विपक्षीगण ने अपने जवाब के मद संख्या 2 में यह तथ्य अंकित किया हैं ।
इसलिए विपक्षीगण ने परिवादी को भेजे गये बिल माह नवम्बर,2008 के बिल में उसके द्वारा पूर्व में जमा करवाई गई औसत विद्युत उपभोग राशि 23,390/-रूपये की कटौती करके परिवादी को माह नवम्बर,2008 का संशोधित बिल अब तक नहीं भेजकर सेवादोष कारित किया हैं और इस सेवादोष के आधार पर परिवादी को हुए आर्थिक, मानसिक एवं शारीरिक संताप की क्षतिपूर्ति के रूप में 5,000/-रूपये तथा परिवाद व्यय के रूप में 2,500/-रूपये विपक्षीगण से दिलवाये जाने के आदेश दिये जाते हैं । यहां यह स्पष्ट करना उचित होगा कि परिवादी को माह नवम्बर,2008 का बिल भेजा गया है उसमें औसत विद्युत उपभोग की राशि कम नहीं करने के अतिरिक्त अन्य कोई दोष नहीं हैं क्योंकि उक्त बिल परिवादी द्वारा किये गये वास्तविक विद्युत उपभोग को दर्शाने वाला हैं ।
अतः उपरोक्त समस्त विवेचन के आधार पर परिवाद, परिवादी उपरोक्तानुसार आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता हैं । परिवादी विपक्षीगण के कार्यालय में 98,894/-रूपये की राशि जमा कराने पर ही विपक्षीगण से पुनः विद्युत कनेक्शन सुविधा प्राप्त कर सकेगा ।  


आदेश
 अतः उपरोक्त समस्त विवेचन के आधार पर परिवाद, परिवादी आंशिक रूप से स्वीकार किया जाकर आदेश दिया जाता है कि परिवादी विपक्षीगण से उसे माह नवम्बर,2008 का संशोधित बिल अब तक जारी नहीं करने से स्वयं को कारित आर्थिक, मानसिक एवं शारीरिक संताप की क्षतिपूर्ति के रूप में 5,000/-रूपये एवं परिवाद व्यय के रूप में 2,500/-रूपये अर्थात् कुल 7,500/-रूपये प्राप्त करने का अधिकारी हैं । परिवादी विपक्षीगण के कार्यालय में 98,894/-रूपये की राशि जमा कराने पर ही विपक्षीगण से पुनः विद्युत कनेक्शन सुविधा प्राप्त कर सकेगा ।  
विपक्षीगण को आदेश दिया जाता है कि वे उक्त समस्त राशि परिवादी के रिहायशी पते पर जरिये डी.डी./रेखांकित चैक इस आदेश के एक माह की अवधि में उपलब्ध करवायेंगे  । 

अनिल रूंगटा              डाॅं0 अलका शर्मा            डाॅ0 चन्द्रिका प्रसाद शर्मा 
  सदस्य             सदस्या              अध्यक्ष


निर्णय आज दिनांक 02.03.2015 को पृथक से लिखाया जाकर खुले मंच में हस्ताक्षरित कर सुनाया गया ।


अनिल रूंगटा            डाॅं0 अलका शर्मा              डाॅ0 चन्द्रिका प्रसाद शर्मा 
  सदस्य           सदस्या                   अध्यक्ष

 

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