Rajasthan

Jaipur-IV

CC/1300/2013

Ram Lal Raigre - Complainant(s)

Versus

J.V.V.N.L. Jaipur. - Opp.Party(s)

Vishal Bhardwaj

11 Feb 2015

ORDER

          जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जयपुर चतुर्थ, जयपुर

                    पीठासीन अधिकारी
                                      डाॅ. चन्द्रिका प्रसाद शर्मा, अध्यक्ष
                         डाॅ. अलका शर्मा, सदस्या
                     श्री अनिल रूंगटा, सदस्य

परिवाद संख्या:-1300/2013 (पुराना परिवाद संख्या 1233/2011)

श्री रामलाल रैगर पुत्र श्री रामनाथ रैगर, उम्र 75 वर्ष, निवासी- ग्राम पोस्ट मेहला, तहसील दुदु, जिला जयपुर (राजस्थान) । 

परिवादी
बनाम

01. सहायक अभियन्ता, जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, कार्यालय बगरू, जिला जयपुर ।
02. अधिषासी अभियन्ता, जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, कार्यालय बगरू, जिला जयपुर । 
विपक्षीगण

उपस्थित
परिवादी की ओर से श्री विशाल भारद्वाज, एडवोकेट
विपक्षीगण की ओर से श्री शरद धाभाई, एडवोकेट

निर्णय
                                                         दिनांकः-11.02.2015

यह परिवाद, परिवादी द्वारा विपक्षीगण के विरूद्ध दिनंाक 19.08.2011 को निम्न तथ्यों के आधार पर प्रस्तुत किया गया हैः-
परिवादी ने विपक्षीगण से एक विद्युत कनेक्शन ले रखा हैं । उसे पिछले एक वर्ष से लगातार औसत विद्युत उपभोग के बिल विपक्षीगण द्वारा जारी किये गये हैं । लेकिन अचानक ही विपक्षीगण ने परिवादी को 32,438/-रूपये का बिल भेजा। जिसे ठीक कराने के लिए परिवादी ने दिनंाक 03.08.2011 को विपक्षीगण के कार्यालय में आवेदन किया । परिवादी के मकान में दो पंखे व पांच सी.एफ.एल. लगी हुई हैं और परिवादी के परिसर में लगे हुए विद्युत मीटर का नम्बर 863388 हैं । जबकि विपक्षीगण ने परिवादी को मीटर संख्या 5942547 का बिल जारी किया हैं । जो विपक्षीगण का सेवादोष है और इस सेवादोष के आधार पर परिवादी अब विपक्षीगण से परिवाद के मद संख्या 08 में अंकित सभी अनुतोष प्राप्त करने का अधिकारी हैं ।
विपक्षीगण की ओर से दिये गये जवाब में कथन किया गया है कि परिवादी के परिसर में वास्तव में पहले मीटर संख्या 863388 स्थापित था जो 828 यूनिट तक चलकर खराब होकर बन्द हो गया था, जिसे मार्च,2007 में बदलकर मीटर नम्बर 5942547 लगा दिया गया था । और पूर्व मीटर की औसत रीडिंग के आधार पर        परिवादी को बिल जारी किया गया तथा नये मीटर संख्या 5942547 पर दिनांक          30.05.2011 तक 12117 यूनिट आ चुकी थी । इसलिए उक्त रीडिंग के आधार पर परिवादी को सही बिल जारी किया गया हैं और इसमें कोई त्रुटि नहीं हैं । विपक्षीगण का कोई सेवादोष नहीं होने के कारण परिवाद, परिवादी स्वीकार किये जाने योग्य नहीं हैं और इसे निरस्त किया जावें । 
परिवाद के तथ्यों की पुष्टि में परिवादी श्री रामलाल रैगर ने स्वयं का शपथ पत्र एवं कुल 09 पृष्ठ दस्तावेज प्रस्तुत किये । जबकि जवाब के तथ्यों की पुष्टि में विपक्षीगण की ओर से श्री महेष कुमार खण्डेलवाल एवं श्री महेश कृपाल शर्मा के शपथ पत्र एवं कुल 06 पृष्ठ दस्तावेज प्रस्तुत किये गये । 
बहस अंतिम सुनी गई एवं पत्रावली का आद्योपान्त अध्ययन किया गया ।
प्रस्तुत प्रकरण में परिवादी को विपक्षीगण की ओर से माह अगस्त,2011 का बिल वर्तमान पठन 828 यूनिट व गत पठन 828 यूनिट अंकित करते हुए 33734/-रूपये का वि़द्युत बिल भेजा गया है । इस विद्युत बिल पर मीटर संख्या 863388 अंकित हैं । जबकि विपक्षीगण के कर्मचारियों ने दिनंाक 04.08.2011 कोजब परिवादी केपरिसर कीजांच की तो वहां पर मीटर संख्या 5942547 लगा होना पाया गया । जिसमें रीडिंग 12,422 यूनिट आना बताया गया हैं । इस प्रकार परिवादी को विपक्षीगण के स्तर पर जो बिल अगस्त,2011 का भेजा गया हैं उसमें मीटर नम्बर 863388 अंकित हैं और विपक्षीगण द्वारा जब दिनंाक 04.08.2011 को मौके का निरीक्षण किया गया तो परिवादी के परिसर पर मीटर संख्या 5942547 लगा हुआ मिला तथा मीटर की रीडिंग तत्समय 12,422 यूनिट थी । परन्तु इसके पूर्व की क्या रीडिंग थी, यह तथ्य विपक्षीगण द्वारा इस दस्तावेज में अंकित नहीं किया गया है । विपक्षीगण ने अपने जवाब के साथ इस बात का दस्तावेजी सबूत पेश नहीं किया है कि परिवादी के परिसर में मार्च,2007 में मीटर संख्या 5942547 स्थापित कर दिया गया था । बल्कि इसके विपरीत परिवादी द्वारा फरवरी,2010, अप्रेल,2010, जून,2010, अगस्त,2010, अप्रेल,2011, जून,2011 और अगस्त,2011 के जो बिल प्रस्तुत किये गये हैं उन सभी में मीटर नम्बर 863388 परिवादी के परिसर में स्थापित किया जाना अंकित किया गया हैं ।
इसलिए विपक्षीगण ने परिवादी को त्रुटिपूर्ण मीटर नम्बर का अंकन करके जो माह अगस्त,2011 का बिल भेजा है, वह त्रुटिपूर्ण है । इसलिए बिल माह अगस्त,2011 को निरस्त किया जाता हैं । विपक्षीगण इसके स्थान पर माह अगस्त,2011 के लिए औसत विद्युत चार्ज का बिल बनायेंगे तथा परिवादी द्वारा जमा कराई गई अतिरिक्त राषि का समायोजन परिवादी को जारी होने वाले आगामी बिलों में करेंगे । परिवादी विपक्षीगण से उसे त्रुटिपूर्ण मीटर नम्बर अंकित करके अगस्त,2011 का बिल भेजने से कारित आर्थिक, मानसिक एवं शारीरिक संताप की क्षतिपूर्ति के रूप में 3,500/-रूपये तथा परिवाद व्यय के रूप में 2,500/-रूपये प्राप्त करने का अधिकारी हैं ।
आदेश
 अतः उपरोक्त समस्त विवेचन के आधार पर परिवाद, परिवादी स्वीकार जाकर विपक्षीगण द्वारा त्रुटिपूर्ण मीटर नम्बर अंकित करके जारी किया गया बिल माह अगस्त,2011 निरस्त किया जाता हैं । विपक्षीगण को आदेश दिया जाता है कि वे परिवादी को माह अगस्त,2011 का औसत के आधार पर संषोधित बिल जारी करेंगे । विपक्षीगण परिवादी द्वारा जमा करवाई गई अतिरिक्त राषि का समायोजन परिवादी को जारी होने वाले आगामी बिलों में करेंगे । परिवादी विपक्षीगण से उसे त्रुटिपूर्ण मीटर नम्बर अंकित करके अगस्त,2011 का बिल भेजने से कारित आर्थिक, मानसिक एवं शारीरिक संताप की क्षतिपूर्ति के रूप में 3,500/-रूपये तथा परिवाद व्यय के रूप में 2,500/-रूपये प्राप्त करने का अधिकारी हैं ।
 विपक्षीगण को आदेश दिया जाता है कि वे उक्त समस्त राशि परिवादी के रिहायशी पते पर जरिये डी.डी./रेखांकित चैक इस आदेश के एक माह की अवधि में उपलब्ध करवायेंगे  । 

अनिल रूंगटा              डाॅं0 अलका शर्मा            डाॅ0 चन्द्रिका प्रसाद शर्मा 
  सदस्य                                     सदस्या                          अध्यक्ष


निर्णय आज दिनांक 11.02.2015 को पृथक से लिखाया जाकर खुले मंच में हस्ताक्षरित कर सुनाया गया ।


अनिल रूंगटा            डाॅं0 अलका शर्मा              डाॅ0 चन्द्रिका प्रसाद शर्मा 
  सदस्य                             सदस्या                              अध्यक्ष

 

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