Uttar Pradesh

StateCommission

A/1175/2019

Central Bank Of India - Complainant(s)

Versus

J.P. Yadav - Opp.Party(s)

Sharad Kumr Shukla

10 Dec 2021

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1175/2019
( Date of Filing : 01 Oct 2019 )
(Arisen out of Order Dated 22/08/2019 in Case No. C/617/2012 of District Lucknow-II)
 
1. Central Bank Of India
through Regional Manager Regionnnnal Office 73 Hazratganj Lucknow
...........Appellant(s)
Versus
1. J.P. Yadav
R/O 6/43 Vipuol Khand Gomti Nagar Lucknow
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 10 Dec 2021
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

(मौखिक)                                                                                  

अपील संख्‍या:-1175/2019

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, दि्वतीय लखनऊ द्धारा परिवाद सं0-617/2012 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 22.8.2019 के विरूद्ध)

1- सेन्‍ट्रल बैंक आफ इण्डिया, द्वारा क्षेत्रीय प्रबन्‍धक, क्षेत्रीय कार्यालय 73 हजरतगंज लखनऊ।

2- जोनल मैनेजर, सेन्‍ट्रल बैंक आफ इण्डिया, जोनल आफिस 23, विधान सभा मार्ग लखनऊ।

3- रीजनल मैनेजर, सेन्‍ट्रल बैंक आफ इण्डिया, रीजनल आफिस प्रथम तल, पालिका बाजार भवन, देवरिया।

4- चेयरमैन एण्‍ड मैनेजिंग डायरेक्‍टर, सेन्‍ट्रल बैंक आफ इण्डिया, सेन्‍ट्रल आफिस चन्‍द्रमुखी भवन, नरीमन प्‍वाइंट मुम्‍बई 21

........... अपीलार्थी/विपक्षीगण

बनाम         

जे0पी0 यादव, निवासी 6/43 विपुल खण्‍ड गोमती नगर, लखनऊ।

       …….. प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष :-

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष            

अपीलार्थीगण के अधिवक्‍ता     :- श्री शरद कुमार शुक्‍ला

प्रत्‍यर्थी के अधिवक्‍ता          :- श्री सी0वी0 सिंह

दिनांक :-10.12.2021

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

प्रस्‍तुत अपील, अपीलार्थीगण/ सेन्‍ट्रल बैंक आफ इण्डिया द्वारा इस आयोग के सम्‍मुख धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अन्‍तर्गत जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, दि्वतीय लखनऊ द्वारा परिवाद सं0-617/2012 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 22.8.2019 के विरूद्ध योजित की गई है।

विद्वान जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, दि्वतीय लखनऊ द्वारा परिवाद को आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया गया है:-

-2-

"परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को एकल एवं संयुक्‍त रूप से आदेशित किया जाता है कि वह इस निर्णय की तिथि से दो माह के अन्‍दर परिवादी की पी0एफ0 धनराशि रू0 8,01,966.65 पर नौ प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्‍याज की दर के साथ 184 दिन का ब्‍याज का भुगतान किया जाय। इसके अतिरिक्‍त परिवादी को विपक्षी से रू0 2,43,867.00 पर 13 दिन का एवं रू0 47,507.00 पर 26 दिन का ब्‍याज नौ प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्‍याज की दर से दिया जाय। इसके अतिरिक्‍त विपक्षीगण परिवादी को मानसिक कष्‍ट हेतु रू0 25,000.00 तथा रू0 15,000.00 वाद व्‍यय अदा करें। ऐसा न करने की दशा में विपक्षी को उक्‍त धनराशियों पर उक्‍त तिथि से ता अदायेगी तक 12 (बारह) प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्‍याज की दर के साथ देय होगा।"

     दौरान बहस अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री शरद कुमार शुक्‍ला द्वारा कथन किया गया कि जिला उपभोक्‍ता आयोग, दि्वतीय लखनऊ द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 22.8.2019 में जो अपीलार्थी/विपक्षीगण के विरूद्ध मानसिक कष्‍ट हेतु 25,000.00 रू0 तथा वाद व्‍यय के रूप में रू0 15,000.00 की अदायगी हेतु आदेशित किया गया है, साथ ही जो 12 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्‍याज की अदायगी हेतु आदेशित किया गया है, वह अत्‍यधिक है, अत्एव उसे समाप्‍त किया जाये।

     प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा कथन किया गया कि जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय तथ्‍य और विधि के अनुकूल है और उसमें किसी प्रकार के हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं है।

 मेरे द्वारा उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण को सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त अभिलेखों का परिशीलन किया गया।

-3-

उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍ता द्व्‍य को सुनने तथा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता के कथन एवं सम्‍पूर्ण तथ्‍य व परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए प्रस्‍तुत अपील को आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुए विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग, दि्वतीय लखनऊ द्वारा पारित आदेश दिनांक 22.8.2019 में मानसिक कष्‍ट हेतु प्रदान की गई धनराशि रू0 25,000.00 के स्‍थान पर 10,000.00 रू0 तथा वाद व्‍यय के रूप में प्रदान की गई धनराशि रू0 15,000.00 के स्‍थान पर 10,000.00 रू0 संशोधित की जाती है। साथ ही विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग, दि्वतीय लखनऊ द्वारा अपने आदेश में जो विपक्षी को उक्‍त धनराशियों पर उक्‍त तिथि से ता अदायगी तक 12 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्‍याज हेतु आदेशित किया गया है, उसके स्‍थान पर 09 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्‍याज संशोधित किया जाता है। निर्णय एवं आदेश का शेष अंश यथावत कायम रहेगा।

अपीलार्थीगण को आदेशित किया जाता है कि विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग, दि्वतीय लखनऊ द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 22.8.2019 का अनुपालन 30 दिन की अवधि में सुनिश्चित किया जाये।

अपील में उभय पक्ष अपना अपना वाद व्‍यय स्‍वयं बहन करेगें।

धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनिमय, 1986 के अन्‍तर्गत अपील में जमा धनराशि 25,000.00 रू0 मय अर्जित ब्‍याज सहित सम्‍बन्धित जिला उपभोक्‍ता आयोग को निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाये।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

                                    (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                   

                                        अध्‍यक्ष                                                                                                                     

हरीश आशु., कोर्ट नं0-1

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.